डिजिटल युग में आपकी इजाजत के बिना आपके आधार कार्ड का बायोमीट्रिक डेटा कोई चेक न कर सके इसके लिए सरकार की तरफ से पूरे इंतजाम किए गए हैं।
आधार की सुविधा के बिना एक ग्राहक के सत्यापन पर कम से कम 150 रुपए से 200 रुपए तक खर्च करना पड़ता था।
अध्यादेश के जरिये किए जाने वाले संशोधन में आधार के इस्तेमाल एवं निजता से जुड़े नियमों के उल्लंघन के लिए कठोर दंड प्रावधान किए गए हैं।
यह एप एंड्रॉयड 5.0 और इससे बाद के वर्जन पर चलने वाले सभी स्मार्टफोन पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध है। ऐसी खबरें हैं कि इस एप के आईओएस वर्जन पर काम चल रहा है और इसे जल्द ही जारी किया जाएगा।
इंडेन द्वारा एल्डर्सन की आईपी को ब्लॉक करने से पहले ही उसने डाटाबेस तक पहुंचने के लिए कस्टम-बिल्ट स्क्रिप का उपयोग करते हुए लगभग 11,000 डीलर्स के ग्राहक डाटा को चुरा लिया, जिसमें ग्राहकों के नाम और पते शामिल थे।
सुप्रीम कोर्ट ने आधार पर सुनवाई करते हुए आयकर रिटर्न दायर करते समय आधार को अनिवार्य कर दिया था। शीर्ष न्यायालय ने पैन और आधार को जोड़ने की समयसीमा 31 मार्च, 2019 तय की है।
सरकार ने मोबाइल नंबर तथा बैंक खातों को जैविक पहचान वाले आधार कार्ड से स्वैच्छिक रूप से जोड़ने को कानूनी रूप प्रदान करने के लिए इससे संबंधित दो कानूनों में संशोधन के लिए संसद में विधेयक लाने के प्रस्तावों को सोमवार को मंजूरी दी।
टेलीकॉम विभाग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए सभी टेलीकॉम कंपनियों से तत्काल आधार आधारित ई-केवाईसी के उपयोग को बंद करने के लिए कहा है।
दूरसंचार विभाग और यूआईडीएआई ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि सरकार मोबाइल उपभोक्ताओं पर केवाईसी विवरण का पुन: सत्यापन करने का दबाव नहीं डालेगी
दूरसंचार विभाग (डीओटी) तथा यूआईडीएआई ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर लोगों को राहत दी है।
डाटा सेंधमारी के मामलों में इस साल की पहली छमाही में अमेरिका के बाद भारत का स्थान रहा है।
भातरीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने पासपोर्ट सेवा केंद्रों की तर्ज पर आधार सेवा केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई है।
आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत दूसरी दफा उपचार के लिए आधार अनिवार्य होगा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि संसद से पारित कानून के जरिये मोबाइल फोन और बैंक खातों को आधार से जोड़ने की व्यवस्था को बहाल किया जा सकता है।
UIDAI ने टेलिकॉम कंपनियों को इसके लिए 15 अक्टूबर तक का समय दिया है
भारत के सुप्रीम कोर्ट ने आज (26 सितंबर) दुनिया के सबसे बड़े बायोमेट्रिक पहचान कार्यक्रम आधार की संविधानिक वैधता को स्वीकार कर लिया। हालांकि, यह पहचान कार्यक्रम अभी भी पूर्ण सुरक्षा से काफी दूर है।
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने आधार को लेकर जारी सभी असमंजस को समाप्त कर दिया।
देश में अब तक (24 सितंबर 2018) कुल 21.08 करोड़ स्थायी खाता संख्या (पैन) को आधार के साथ लिंक किया जा चुका है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि आधार अन्य सभी पहचान दस्तावेजों से अलग है और इसकी नकल नहीं की जा सकती
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि आधार अन्य सभी पहचान दस्तावेजों से अलग है और इसकी नकल नहीं की जा सकती
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