अगर आप 30 लाख का होम लोन 9 फीसदी की ब्याज पर लेते हैं तो 20 साल में करीब 34 लाख रुपये का ब्याज देना होता है। यह बहुत बड़ी रकम है।
आपको बता दें कि पिछले 11 महीने में आरबीआई ने रेपो रेट में 250 आधार अंकों की बढ़ोतरी किया है।
होम लोन एक लंबी अवधि का लोन होता है, जहां हम इसे 20 साल, 10 साल आदि के टेन्योर पर लेते हैं। दूसरी ओर एक समय के बाद बैंकों की ब्याज दरें बदलती रहती हैं, वहीं बढ़ी हुई बैंक ब्याज दरों से अगर आप परेशान है तो आप अपने होम लोन को एक बैंक से दूसरे बैंक में ट्रांसफर करा सकते हैं।
आंकड़ों के अनुसार, रियल एस्टेट डेवलपर ने वर्ष 2022 में देश के सात प्रमुख शहरों में कुल 3,57,650 घरों की आपूर्ति की जिनमें से सिर्फ 20 प्रतिशत घर ही किफायती श्रेणी में थे।
SBI ने 15 दिसंबर, 2022 को अपनी बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट और बेस रेट को संशोधित किया था। बेस रेट और बीपीएलआर में बढ़ोतरी का सीधा असर उन पुराने ग्राहकों पर पड़ता है जिन्होंने 2016 से पहले लोन दिया है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) कुछ समय पहले ही रेपो रेट बढ़ाया है। रेपो रेट बढ़ते ही बैंकों द्वारा दिए जा रहे होम लोन महंगे हो गए है। सरकारी और प्राइवेट सेक्टर्स के सभी बड़े बैंकों ने होम लोन पर इंटरेस्ट रेट बढ़ा दिया है। आइए जानते हैं कि देश के बड़े बड़े बैंकों का लोन कितना महंगा हुआ है।
अपना घर खरीदना हर किसी का सपना होता है। इसके लिए लोग कई वर्ष तक सेविंग करते हैं। इसके बावजूद भी संपत्ति की बढ़ती कीमतों के कारण घर नहीं खरीद पाते हैं। घर खरीदने के लिए सेविंग प्लान बनाना जरूरी है। इसके जरिए आप आसानी से टैक्स में भी छूट ले पाएंगे।
घर खरीदें या किराए पर लें इन दोनों के बीच अधिकतर लोग कंफ्यूज हो जाते हैं। घर खरीदने के कई फायदे हैं। घर खरीदने के नुकसान भी कम नहीं है। संपत्ति की कीमत और ब्याज दर लगातार बढ़ती ही जा रही है। घर खरीदें या किराए पर लें इसे तय करने से पहले दोनों के फायदे और नुकसान को ना करें नजरअंदाज।
बीओबी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, ब्याज दरों में किए गए बदलाव पांच मार्च, 2023 से 31 मार्च, 2023 तक ही प्रभावी रहेंगे।
महीने की शुरुआत में रिजर्व बैंक ने नीतिगत ब्याज दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। इसके साथ ही रेपो दर बढ़कर 6.25 प्रतिशत हो गई है।
टैक्स सेविंग करने के लिए लोग अलग-अलग जगह निवेश करते हैं। वहीं दूसरी तरफ अगर आपके नाम पर होम लोन हो तो भी आप टैक्स बेनिफिट्स ले सकते हैं। होम लोन पर टैक्स सेविंग करने के 5 आसान तरीके हैं। इससे टैक्स सेविंग के अलावा होम लोन की ईएमआई देने में भी परेशानी नहीं होती है।
बैंकों ने फंड-बेस्ड रेट लेंडिंग (MCLR) की अपनी मार्जिनल कॉस्ट को 15 बेसिस प्वाइंट्स तक बढ़ा दिया है, जिससे होम लोन और ऑटो लोन समेत सभी तरह के लोन महंगे हो गए हैं।
रिजर्व बैंक इसके लिए अलग गाइडलाइन जारी कर सकता है। 8 फरवरी को घोषित आरबीआई की मौद्रिक समीक्षा में बताया गया था कि इस संबंध में जल्दी ही एक ड्राफ्ट दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे।
स्टेट बैंक ग्राहकों को लगातार दूसरे महीने यह झटका लगा है। इससे पहले जनवरी में भी बैंक ने एमसीएलआर में 10 बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी की थी। गौरतलब है कि रिजर्व बैंक (RBI) ने पिछले हफ्ते ही रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की बढ़ोत्तरी की थी।
भारतीय रिजर्व बैंक के नीतिगत दर रेपो में 0.25 प्रतिशत वृद्धि के बाद बैंकों ने यह कदम उठाया। दोनों ही बैंकों ने कर्ज पर लगने वाले ब्याज में 0.25 प्रतिशत तक की वृद्धि की है।
अगले कुछ महीनों तक कुल मुद्रास्फीति के मध्यम रहने के बावजूद प्रमुख मुद्रास्फीति बनी रह सकती है और आरबीआई इसी को नियंत्रित करने के लिए नीतिगत दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि कर सकता है
आपको भी सोशल मीडिया पर लोन का टेन्योर बढ़ाने की सलाह दी जा रही है। इससे आपके लोन की ईएमआई स्थिर रहती है। क्या ये तरीका आपके लिए फायदेमंद है या फिर नुकसानदेह, आईए कुछ बिंदुओं में समझते हैं इसका पूरा गणित
Home, car and Personal Loan EMI: आरबीआई के इस कदम से आम जनता पर सीधा असर पड़ेगा। होम, कार और पर्सनल लोन की ईएमआई अधिक हो जाएगी। आइए समझते हैं कि पहले से चल रही आपकी ईएमआई पर इसका कितना असर पड़ेगा? इसके पीछे की गणित क्या है?
ब्याज दरों की समीक्षा के लिए RBI हर दो महीने में बैठक करता है। यह उन महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है, जिन पर शेयर मार्केट की नजर है।
होम लोन लेते समय कई तरह के सवाल आते हैं, कि कौन-सा होम लोन हमारे लिये बेहतर रहेगा, ऐसे में आप चुनाव करते वक्त थोड़ा सा कंफ्यूज हो जाते हैं। वहीं आज हम आपको जॉइंट होम लोन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देने वाले हैं।
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