पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति कितनी खराब हो चुकी है, इसका अंदाजा उसके विदेशी मुद्रा भंडार से लगाया जा सकता है। कई बार करेंसी की उतार-चढ़ाव को रोकने के लिए भारत महीने भर में जितने डॉलर खर्च कर देता है, पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार सिर्फ उतना ही बचा है। अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार सिर्फ 10.32 अरब डॉलर बचा है। पाकिस्तान का यह रिजर्व उसके आयात की सिर्फ 2 महीने की जरूरत को पूरा कर पाने में सक्षम है और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के तय किए हुए मानकों से कम है
देश का विदेशी पूंजी भंडार 18 मई को समाप्त सप्ताह में 2.64 अरब डॉलर घटकर 415.05 अरब डॉलर रह गया, जो 28,168.7 अरब रुपए के बराबर है।
देश के विदेशी पूंजी भंडार लगातार घट रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 11 मई को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में 1.23 अरब डॉलर की कमी आई है।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार चार मई को समाप्त सप्ताह में 1.426 अरब डॉलर घटकर 418.940 अरब डॉलर रह गया, जो 27,962.8 अरब रुपए के बराबर है। इस गिरावट के पीछे मुख्य कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों में कमी आना है।
भारत की अर्थव्यवस्था नोटबंदी तथा जीएसटी के क्रियान्वयन से उबर गयी है और इसकी वृद्धि चालू वित्त वर्ष 2018-19 में 7.4 प्रतिशत तथा आगे और बढ़ कर 7.8 प्रतिशत तक पहुंच सकती है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) की रपट के अनुसार एशिया इस समय दुनिया की अर्थव्यवस्था का मुख्य इंजन बना हुआ है और वैश्विक आर्थिक वृद्धि में इस क्षेत्र का योगदान 60 प्रतिशत से अधिक है।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 27 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में 3.216 अरब डॉलर घटकर 420.366 अरब डॉलर रह गया, जो 28,025.5 अरब रुपए के बराबर है।
अपने सर्वकालिक उच्चस्तर को छूने के बाद देश का विदेशी मुद्रा भंडार 20 अप्रैल को समाप्त हफ्ते में 2.499 अरब डॉलर घटकर 423.582 अरब डॉलर रह गया।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 2017-18 में मजबूत प्रदर्शन किया और चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि और तेज होने की उम्मीद है।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर अब तक के सर्वकालिक स्तर 426.08 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का कहना है कि भारत द्वारा लागू किए गए आर्थिक सुधारों के परिणाम सामने आने लगे हैं और इससे लोगों को फायदा भी हुआ है। इससे इस तरह के और कदम उठाने का आधार मजबूत हुआ है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) का अनुमान है कि 2018 में भारत की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहेगी, जो 2019 में बढ़कर 7.8 प्रतिशत हो जाएगी। वहीं इन दो वर्षों के दौरान चीन की सकल घरेलू उत्पाद (GDP जीडीपी ) की वृद्धि दर क्रमश : 6.6 और 6.4 प्रतिशत रहेगी।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने गुरुवार को कहा कि भारत को आधार जैसे वृहद पहचान कार्यक्रम के क्रियान्वयन में गोपनीयता एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की प्रमुख क्रिस्टीन लेगार्ड ने आज सरकारों को कड़ी चेतावनी देते हुए उनसे संरक्षणवादी व्यापार नीतियों से बचने के लिए कहा इनसे वैश्विक वृद्धि को नुकसान पहुंच रहा है।
देश का विदेशी पूंजी भंडार (फॉरेक्स) 23 मार्च को समाप्त सप्ताह में 1.19 अरब डॉलर बढ़कर 422.53 अरब डॉलर हो गया, जो 27,514.5 अरब रुपए के बराबर है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष( आईएमएफ) ने आज कहा कि नोटबंदी और जीएसटी के दो अस्थायी झटकों के बाद इस साल भारत की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार तेज हो सकती है जबकि चीन की वृद्धि रफ्तार धीरे धीरे कम होने की संभावना है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष( आईएमएफ) की प्रमुख ने आजदुनिया के देशों को व्यापार युद्ध के प्रति आगाह करते हुए चेतावनी दी कि इससे न केवल वैश्विक आर्थिक वृद्धि प्रभावित होगी बल्कि इसमें किसी को भी जीत हासिल नहीं होगी।
IMF ने कहा कि भारत को अब शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में सुधारों पर ध्यान देना चाहिए तथा बैंकिंग और वित्तीय प्रणाली की दक्षता को सुधारना चाहिए
देश का विदेशी पूंजी भंडार 2 मार्च को समाप्त सप्ताह में 16.78 करोड़ डॉलर बढ़कर 420.75 अरब डॉलर हो गया, जो 27,435.7 अरब रुपए के बराबर है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने चेतावनी देते हुए कहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस्पात और अल्यूमीनियम आयात पर भारी शुल्क लगाये जाने के निर्णय से अमेरिका तथा उसके व्यापार सहयोगियों को नुकसान हो सकता है।
स्वर्ण भंडार और मुख्य मुद्रा आस्तियों में अच्छी वृद्धि होने से देश का विदेशी मुद्रा भंडार दो फरवरी को समाप्त सप्ताह में 4.12 अरब डॉलर बढ़कर 421.91 अरब डॉलर की सर्वकालिक रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया।
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