Thursday, May 02, 2024
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हनुमान जी की वो आठ सिद्धियां जिनमे छिपा है जीवन की सफलता का मंत्र, आप भी जानकर रह जाएंगे दंग

आज मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने का विधान है। आठ सिद्धियां प्राप्त होने के कारण हनुमान जी को अष्ठ सिद्धि नव निधि के दाता भी कहा जाता है। आइये जानते हैं इन आठ सिद्धियों के बारे में जिनमे छिपा है जीवन की सफलता का मंत्र।

Aditya Mehrotra Written By: Aditya Mehrotra
Published on: November 21, 2023 6:00 IST
Ashta Siddhi- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Ashta Siddhi

Ashta Siddhi: मंगलवार के दिन हनुमान जी की उपासना करने से उनकी कृपा मिलती है। माना जाता है कि हनुमान जी कलयुग में सबसे जागृत देवता हैं। कलयुग में जो भी भक्त हनुमान जी की पूजा करते हैं। उनके जीवन में चल रहे सारे कष्ट शीघ्र ही संकट मोचन हनुमान हर लेते हैं। आज हम आपको हनुमान जी के बारे में एक विशेष बात बताने जा रहे हैं। आप सभी जानते हैं की हनुमान जी की महिमा रामायण काल से है। उनकी दिव्य शक्तियों के बारे में हर कोई जानता है। इन शक्तियों को ही हनुमान जी की अष्ठ सिद्धियां कहा जाता है। जिसका वर्णन हनुमान चालीसा में भी आता है। आइए आज जानते हैं उन आठ प्रकार की सिद्धियों के बारे में जो हनुमान जी को प्राप्त हैं।

हनुमान जी की आठ सिद्धियां  

  • अणिमा- अणिमा सिद्धि प्राप्त होने पर पल भर में शरीर को छोटा और बड़ा किया जा सकता है, इससे शरीर को अति सूक्ष्म बनाया जा सकता है। हनुमान जी के पास इस सिद्धि के होने से वो रामायण काल के समय में किसी भी समय अपने शरीर के आकार को छोटा और बड़ा कर लिया करते थे।
  • लघिमा- इस सिद्धि से हनुमान जी अपने शरीर का वजन एकदम से हल्का और भारी कर लिया करते थे। इस सिद्धि के होने से विशाल शरीर का वजन एक छोटी सी चीटी के शरीर के वजन के समान किया जा सकता है।
  • गरिमा- इस सिद्धि से शरीर का वजन विशाल पर्वत के समान कया जा सकता है और इस सिद्धि के प्राप्त होने से शरीर का रूप एकदम से विकराल भी बनाया जा सकता है। इसलिए रामायण काल के समय हनुमान जी ने अनेक राक्षसों को पराजित किया था। रामायण काल ही नहीं बल्कि महाभारत में भी हनुमान जी ने भीम का घमंड अपनी पूछ के वजन को उसके ऊपर रख कर तोड़ा था।
  • प्राप्ति- इस  सिद्धि से अदृश्य चीजों को देखा जा सकता है। पशु-पक्षियों की भाषा को समझ कर उनसे बात की जा सकती है। हनुमान जी ने इस सिद्धि के प्राप्त होने से रामेश्वरम से लंका की ओर जाते हुए कई अदृश्य राक्षसों को पहचान लिया था और उनको सबक भी सिखाया था। 
  • प्राकाम्य- इस सिद्धि से कहीं भी पल भर में आया और जाया जा सकता है, अकाश में उड़ा जा सकता है और जल के अंदर भी कई घंटों बिना सांस लिए जीवित रहा जा सकता है। इसलिए हनुमान जी रामायण काल में अकाश मार्ग से ज्यादातर आया-जाया करते थे। यहां तक की सुषेण वैद्य के कहने पर वो लक्ष्मण जी के लिए संजीवनी बूटी का पूरा पहाड़ सूर्योदय से पहले उड़ कर ले आए थे। 
  • ईशित्व- हनुमान जी को अष्ट सिद्धियों में से ईशित्व सिद्धि भी प्राप्त थी। इस सिद्धि से किसी पर भी नियंत्रण पाया जा सकता है। हनुमान जी ने इसी सिद्धि क वजह से रामायण काल में वानर सेना का नेतृत्व किया था और उनको सही मार्गदर्शन भी किया था।
  • वशित्व- इस सिद्धि के प्राप्त होने से हनुमान जी ने अपनी सारी इंद्रियों पर नियंत्रण रखा था। इस सिद्धि से वह किसी को भी अपने वश में कल लेते थे। इस सिद्धि के प्राप्त होने से मन पर नियंत्रण रख कर किसी भी क्षेत्र में विजय प्राप्त की जा सकती है।
  • महिमा- महिमा सिद्धि प्राप्त होने की वजह स हनुमान जी अपने शरीर को बड़ा कर लेते थे। इस सिद्धि का प्रयोग हनुमान जी ने लंका को पार करते समय सुरसा को हराने के लिए किया था। इस सिद्धि के प्राप्त होने से जीवन में आ रही बड़ी-बड़ी परेशानियों से छटकारा पाया जा सकता है।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इंडिया टीवी एक भी बात की सत्यता का प्रमाण नहीं देता है।)

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