1978 के पहले बारत और पाकिस्तान ने 15 टेस्ट खेले थे जिसमे से भारत ने दो और पाकिस्तान ने एक टेस्ट जीता था। बाक़ी टेस्ट ड्रॉ हो गए थे। भारतीय टीम की कमान थी बाएं हाथ के स्पिनर बिशन सिंह बेदी। इस टीम में बेदी के अलावा द्रशेखर, प्रसन्ना और वेंकटराघवन जैसे स्पिनर्स भी थे।
ये चारों स्पिनर्स 700 से ज़्यादा विकेट ले चुके थे और दुनियां के बेहतरीन स्पिनर्स माने जाते थे।
भारतीय टीम की बैटिंग भी मज़बूत थी। सुनील गावस्कर और विश्वनाथ जैसे बल्लेबाज़ टीम में थे। कमज़ोरी थी तो बस फ़ास्ट बॉलिंग। मदनलाल अनुभवी थे और करसन घावरी लगातार सुधरते जा रहे थे लेकिन दोनों थे सिर्फ मध्यम तेज़ गेंदबाज़ जिनका काम था बॉल को बस पुराना कर देना ताकि स्पिनर फिर आक्रमण की डोर अपने हाथों में ले सकें। इस टीम में 19 साल के कपिल देव भी थे। वह मदनलाल और घावरी से फ़ास्ट थे।
दूसरी तरफ पाकिस्तान की टीम बिखरी हुई थी। कैरी पैकर ने कई खिलाड़ियों को ऑस्ट्रेलिया में सीरीज़ के लिये साइन कर लिया था।
ICC ने पैकर सीरीज़ को मान्यता देने से मना कर दिया था और क्रिकेट खेलने वाले देशों के बोर्ड से उन खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने को कहा जो पैकर सीरीज़ में खेल रहे थे। पाकिस्तान के पांच खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगा हुआ था। इनमें मुश्ताक़ मुहम्मद, आसिफ़ इक़बाल, माजिद ख़ान,ज़हीर अब्बास और इमरान ख़ान थे। इन खिलाड़ियों की ग़ैरमौजूदगी में पाकिस्तान की टीम बहुत कमज़ोर लग रही थी।
मज़बूत भारतीय टीम को देखते हुए पाकिस्तान सरकार ने बोर्ड को इन खिलाड़ियों पर से प्रतिबंद हटाने की इजाज़त दे दी। भारतीय टीम को पूरी गर्मजोशी से स्वागत किया गया। सैंकड़ों पाकिस्तानी क्रिकेट प्रेमियों ने हवाई अड्डे पर भारटीय टीम की अगवानी की और दर्जनों उन्हें छोड़ने होटल तक गए।
पहला वनडे क्वेटा के खचाखच भरे अयूब स्टेडियम में खेला गया। भारत ने निर्धारित 40 ओवर में ऑलराउंडर मोहिंदर अमरनाथ के 51 रन की मदद से 170 रन बनाये। पाकिस्तान ये मैच 4 रन से हार गया। पाकिस्तान की तरफ से माजिद ख़ान ने सर्वाधिक 50 रन बनाए थे।
सियालकोट में दूसरे वनडे में ग्रीन विकेट पर पाकिस्तानी तेज़ गेंदबाज़ सरफ़राज़ नवाज़, सलीम अल्ताफ़ सिकंदर बख़्त और हसन जमील के सामने बारटीय टीम 79 पर ढेर हो गई। पाकिस्तान ने ये मैच आठ विकेट से जीत लिया। ज़हीर अब्बास ने ताबड़तोड़ 48 रन बनाए। तीसरा और निर्णायक वनडे दो टेस्ट के बाद खेला जाना था।
तीन टेस्ट मैचों की सीरीज़ : शानदार रही थी दोनों देशों की भिड़त, आगे