ये पाकिस्तान की 26 साल के बाद भारत पर जीत थी। सरकार इतनी खुश हो गई कि उसने अगले दिन छुट्टी घोषित कर दी।
अब तक ये सीरीज़ सौहार्दपूर्ण माहौल में खेली जा रही थी। लेकिन लाहौर में जीत के बाद माहौल बदल गया जिसकी शुरुआत तीसरे वनडे से हो गई।
ग्रीन विकेट पर भारत ने टॉस जीता और पहले गेंदबाज़ी करने का प़ैसला किया। पाकिस्तान ने 40 ओवर में 205 रन बनाए। भारत ने भी धमाकेदार शुरुआत की और सिर्फ दो विकेट खोकर 35 ओवर में 180 रन बना लिये। भारत को जीत के लिये पांच ओवर में बस 25 रन चाहिये थे और आठ विकेट बचे थे। अंशुमन गायकवाड़ पाकिस्तानी बॉलरों की धुनाई लगा रहे थे। मुश्ताक ने इमरान और सरफ़राज़ को बॉल सौंपी जो पंजाबी भाषा में भारतीय बल्लेबाज़ों से अपशब्द कह रहे थे।
दोनों ने बाउंसर मारनी शुरु की क्योंकि उस समय बॉउंसर पर कोई रोक नही थी। पाकिस्तान इतनी निगेटिव बॉलिंग करने लगा कि गायकवाड़ को अंपायर से शिकायत करनी पड़ी और अंपायर ने कप्तान को बुलाकर चेताया भी लेकिन उन्होंने नियमों का हवाला देकर अंपायर को चुप कर दिया। जब सरफ़राज़ ने 37वें ओवर की चौथी बॉल फिर सिर के ऊपर से निकाली तो कप्तान बेदी ड्रेसिंग रुम से निकलकर मुश्ताक से बात करने चल पड़े। दोनों के बीच क्या बात हुई ये तो नहीं मालूम लेकिन बेदी बल्लेबाज़ों के वापस बुला लिया।
मुश्ताक ने बेदी को मनाने की कोशिश की लेकिन बेदी नहीं माने और अंपायर ने मैच पाकिस्तान को दे दिया।
भारतीय और पाकिस्तानी मीडिया ने सीरीज़ खराब करने के लिये पाकिस्तान की खूब आलोचना की।
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