Saturday, April 27, 2024
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जब चेतन शर्मा की आखिरी गेंद पर छक्का जड़ मियांदाद ने तोड़ा था लाखों भारतीय फैंस का दिल

भारत और पाकिस्तान के बीच कई रोमांचक मैच खेले गए हैं जिनकी यादें फैंस के दिलों में आज भी ताजा है। ऐसा ही एक मैच आज ही के दिन यानी 18 अप्रैल को 34 साल पहले भारत और पाकिस्तान के बीच खेला गया।

India TV Sports Desk Written by: India TV Sports Desk
Updated on: April 18, 2020 13:57 IST
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Image Source : TWITTER: @THEREALPCB जब चेतन शर्मा की आखिरी गेंद पर छक्का जड़ मियांदाद ने तोड़ा था लाखों भारतीय फैंस का दिल

भारत और पाकिस्तान के बीच कई रोमांचक मैच खेले गए हैं जिनकी यादें फैंस के दिलों में आज भी ताजा है। ऐसा ही एक मैच आज ही के दिन यानी 18 अप्रैल को 34 साल पहले भारत और पाकिस्तान के बीच खेला गया। हालांकि इस मैच की यादें जहां पाकिस्तानी फैंस को सुकून का अहसास कराती हैं। वहीं, भारतीय फैंस के लिए ये मैच उस दर्दनाक छक्के की याद दिला देती है जो जावेद मियांदाद ने मैच की आखिरी गेंद पर जड़ा था। इस छक्के के साथ ही पाकिस्तान ने भारतीय टीम के जबड़े से जीत छीन ली थी। यही वजह है कि इस मैच की गिनती भारत और पाकिस्तान के बीच ऐतिहासिक मैच के रुप में होती है।

दरअसल, भारत और पाकिस्तान के बीच ये ऐतिहासिक मुकाबला 18 अप्रैल 1986 को शारजाह में खेला गया था जो ऑस्ट्रेल-एशिया कप का फाइनल मुकाबला था। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 50 ओवरों में 7 विकेट खोकर 245 रनों का स्कोर खड़ा किया जो उस समय के हिसाब से काफी अच्छा स्कोर माना जाता था। भारत के लिए सुनील गावस्कर ने सबसे ज्यादा 92 रन की पारी खेली थी। उनके अलावा श्रीकांत ने 75 और दिलीप वेंगसरकर ने 50 रनों का योगदान दिया।

भारत के 245 रन के जवाब में पाकिस्तान की शुरुआत काफी खराब रही और टीम ने 61 रन के भीतर अपने 3 विकेट गवा दिए। इसके बाद नंबर 4 पर बल्लेबाजी करने के लिए जावेद मियांदाद उतरे और टीम का स्कोर 100 के पार पहुंचा दिया। इस बीच सलीम मलिक 110 रन के स्कोर पर रन आउट हो गए। इसके बाद मियांदाद ने अब्दुल कादिर के साथ मिलकर 5वें विकेट के लिए 71 रन की साझेदारी कर स्कोर को 200 के करीब पहुंचाया। एक समय लग रहा था कि पाकिस्तान मैच को आसानी से जीत लेगा लेकिन तभी पासा पलटा और पाकिस्तान के 5 खिलाड़ी एक के बाद एक पवेलियन लौट गए। हालांकि मियांदाद एक छोर पर मजबूती से डटे रहे।

पाकिस्तान की टीम ने 49.5 ओवर में 242 रन के स्कोर पर अपने 9 विकेट खो दिए थे और अब टीम को आखिरी गेंद पर 4 रन की दरकार थी। आखिरी गेंद खेलने के लिए जावेद मियांदाद बल्लेबाजी छोर पर तैयार थे और गेंदबाजी का जिम्मा चेतन शर्मा पर था। इस दौरान दोनों ही देशों के फैंस की उम्मीदें अपने-अपने खिलाड़ियों पर लगी थी।

चेतन शर्मा ने आखिरी गेंद यार्कर डालने की कोशिश लेकिन वो फुलटॉस में बदल गई और इसी का फायदा उठाते हुए मियांदाद ने गेंद को छक्के के लिए सीमा रेखा के पार भेज दिया। और इस तरह पाकिस्तान ने पहली बार किसी बड़े टूर्नामेंट के फाइनल में भारत को मात देने में कामयाबी हासिल की। इस मैच में जावेद मियांदाद ने नाबाद 106 रन की पारी खेली।

इस एक छक्के ने जहां जावेद मियांदाद को पाकिस्तान में लोकप्रियता के चरम पर पहुंचा दिया। वहीं, दूसरी तरफ चेतन शर्मा के क्रिकेट करियर पर कभी न भूलने वाला दाग लगा दिया। जावेद ने अपनी आत्मकथा में भी इस घटना का जिक्र करते हुए लिखा, "मैं सोच रहा था कि चेतन यॉर्कर लेंथ गेंद डालने की कोशिश करेगा, इसलिए मैं पहले ही क्रीज से बाहर आ गया था और गेंद को फुलटॉस बनाते हुए बाउंड्री के पार पहुंचा दिया। मुझे लगता है चेतन शर्मा शायद ही इस छक्के को कभी भूल पाएंगे।"

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