Wednesday, May 15, 2024
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टेक्नोलॉजी के बादशाह को हैकर्स बना गए गुलाम, डेटा वापस करने के लिए मांग रहे 4.5 मिलियन डॉलर की फिरौती

Hackers Stolen Data: हैकर्स ने दुनिया के सबसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में से एक रेडडिट से फिरौती की डिमांड की है, साथ ही कुछ शर्तों को मानने को भी कहा है। आइए पूरा मामला जानते हैं।

Vikash Tiwary Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Published on: June 20, 2023 12:58 IST
Hackers Stolen Data- India TV Hindi
Image Source : FILE Hackers Stolen Data

Reddit Apps Users: जितनी तेजी से दुनिया टेक्नोलॉजी के गिरफ्त में आती जा रही है। आने वाले समय में व्यक्ति के डेटा की कीमत किसी भी महंगे आइटम की तुलना में अधिक हो जाएगी। विश्व की बड़ी-बड़ी टेक कंपनियां अपने यहां फिशिंग अटैक को रोकने के लिए लगातार नियम बना रही है। इन सब के बावजूद भी एक बड़ी कंपनी इसका शिकार हो गई है। कंपनी का नाम Reddit है। यह एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हैं। हैकर्स ने कंपनी का डेटा चुरा लिया है और डेटा पब्लिक ना करने के बदले फिरौती मांग रहे हैं। कंपनी हैकर्स से इस मामले में निपटारा करने को लेकर लगातार कोशिश में जुटी हुई है। फिरौती की रकम करीब 4.5 मिलियन डॉलर है।

क्या है मामला?

Reddit API कीमतों में बदलाव के विरोध में चल रहे विरोध में हैकर्स ने अब ऐप डेवलपर्स और पेज मॉडरेटर्स से हाथ मिला लिया है। 4.5 मिलियन डॉलर की फिरौती मांगने के अलावा, हैकर्स रेडिट से अपनी नई एपीआई नीति वापस लेने की मांग कर रहे हैं। ब्लैककैट नाम के एक रैंसमवेयर ग्रुप ने कर्मचारियों को टार्गेट करने वाले फिशिंग कैंपेन की मदद से Reddit से फरवरी में 80GB से अधिक का डेटा चुरा लिया था। कंपनी कुछ डेटा को एक्सेस भी नहीं कर पा रही है। हैकर्स अब Reddit को धमकी दे रहे हैं कि अगर कंपनी उनकी मांगों को पूरा करने में विफल रहती है तो यह सारा डेटा पब्लिक कर देंगे। Reddit ने अपने प्लेटफॉर्म पर फ़िशिंग हमले को स्वीकार किया है और एक आधिकारिक बयान जारी किया है। 

कंपनी ने जारी किया बयान

कंपनी ने कहा है कि Reddit सिस्टम एक सोफिस्टिकेटेड और होली टार्गेट फिशिंग अटैक का शिकार हो गया है, जिसमें उन हैकर्स ने कंपनी के कुछ इंटरनेल डेटा को चुराने में सफलता हासिल कर ली है। रेडडिट ने हाल ही में अपने एपीआई दिशानिर्देशों को अपडेट किया है, जहां तीसरे पक्ष के ऐप डेवलपर्स को एपीआई का उपयोग करने के लिए एक निश्चित शुल्क का भुगतान करने के लिए कहा गया था। यह ऐप डेवलपर्स के समुदाय और यहां तक कि मॉडरेटर्स के बीच अच्छा नहीं हुआ, और उन्होंने लोकप्रिय सबरेडिट्स को निजी बनाकर और इसे रेडिट ब्लैकआउट कहकर विरोध करना शुरू कर दिया। द वर्ज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रेडिट के सीईओ स्टीव हफमैन ने कहा है कि प्लेटफॉर्म को कभी भी तीसरे पक्ष के ऐप का समर्थन करने के लिए डिज़ाइन नहीं किया गया था और कंपनी नवीनतम नीति में कोई बदलाव नहीं करेगी।

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