एक हीरो, प्रेमी, अंधा, लालची, परिस्थितियों में फंसा हुआ, दया के चक्कर में ठगा गया, मरने की कगार पर आदमी कैसा होता है और कैसा रिएक्ट करता है, ये आयुष्मान ने इस फिल्म में जीकर दिखाया।
आयुष्मान उससे कॉफी पीने की पूछता है और टेबल पर उसे एक 'खरगोश' की कहानी सुनाता है और सांत्वना प्राप्त कर लेता है।
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