कलकत्ता हाई कोर्ट ने निचली अदालत के उस फैसले को पलट दिया, जिसमें एक होटल के कर्मचारी (एग्जीक्यूटिव) पर अपनी लिव-इन पार्टनर को धोखा देने के आरोप में 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था।
हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि आगामी हनुमान जयंती के मद्देनजर राज्य में शांति सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
यह कार्रवाई राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी द्वारा दायर जनहित याचिका पर पहली सुनवाई के दौरान हुआ। इसमें 30 मार्च की झड़पों की केंद्रीय एजेंसी से जांच की मांग की गई थी, जिसने हावड़ा में शिबपुर और काजीपारा को युद्धक्षेत्र में बदल दिया था।
7 मई 2007 को रॉय पर अपने इलाके में एक नाबालिग लड़की को आइसक्रीम देने का वादा करके एक सुनसान जगह पर ले जाने का आरोप लगाया गया था। उसने पहले तो उससे इनरवियर उतारने को कहा, लेकिन जब लड़की ने मना किया तो उसने जबरदस्ती उसके इनरवियर उतार दिए।
साल 1951 का यह केस खत्म होने के बाद कलकत्ता हाई कोर्ट को भी बड़ी राहत मिली होगी। मामला बरहामपुर बैंक लिमिटेड के लिक्विडेशन का था। हालांकि, अभी 5 ऐसे केस भी हैं, जो 1952 में फाइल हुए थे।
West Bengal: अधिकारियों ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस से बैठक के दौरान कहा कि सरकार मानती है कि न्यायपालिका की रक्षा के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जानी चाहिए।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा कि यदि आयोग अवैध रूप से भर्ती किए गए उम्मीदवारों की सेवाएं खत्म करना चाहता है, तो वह आसानी से ऐसा कर सकता है। इसमें क्या बाधा है? आयोग के पास ऐसा करने का अधिकार है।
बीजेपी नेता ने मनरेगा के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की मांग की। याचिका में विपक्ष के नेता ने इस मामले में CAG से ऑडिट कराने की भी मांग की।
मैंने मामले की CBI जांच के आदेश दिए ताकि भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार सामने आए। आज मैंने उनके अधिकारियों से बात की और उसके बाद मुझे लगता है कि केंद्रीय एजेंसी के अधिकारी बहुत सी बाधाओं के बीच जांच कर रहे हैं।
Kolkata News: उच्च न्यायालय ने कहा था कि कलकत्ता विश्वविद्यालय अधिनियम की धारा आठ या फिर इस कानून की संबंधित धारा 60 के तहत कुलपति की नियुक्त करना या पुनर्नियुक्त करना राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं है।
West Bengal News: जिला प्राथमिक शिक्षा बोर्ड ने 4 महीने की नौकरी के बाद एक युवक को नौकरी से निकालने का आदेश दे दिया था। मंगलवार को इस मामले में सुनवाई के दौरान कलकत्ता हाईकोर्ट ने युवक को फिर से काम पर रखा। जज ने अपने अवलोकन के माध्यम से पश्चिम बंगाल में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की असली तस्वीर को उजागर किया है।
West Bengal: कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति आर भारद्वाज की खंडपीठ ने उम्मीद जताई कि राज्य प्राधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए हर आवश्यक कदम उठाएंगे कि कोई अप्रिय घटना न हो और शांति बरकरार रखी जा सके।
पश्चिम बंगाल के बीरभूम में हुई हिंसा की जांच कलकत्ता हाई कोर्ट ने CBI को सौंप दी है। मामले की अगली सुनवाई अब 7 अप्रैल को होगी।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के बाद यह आदेश जारी किया। इससे पहले हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से इस मामले पर स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी।
पश्चिम बंगाल की ममता सरकार आज दोपहर दो बजे इस मामले में कोर्ट में जांच रिपोर्ट जमा करेगी। इस मामले को लेकर कोलकत्ता हाई कोर्ट में आज एक बार फिर से सुनवाई होनी है।
चीफ जस्टिस की बेंच आज इस मामले की सुनवाई करेगी। वहीं इस मामले में अबतक अब तक कुल बीस लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
हत्या की घटना के विरोध में व्यापक प्रदर्शन हुए थे और मामले की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराने की मांग उठी थी। वकील के अनुरोध पर न्यायाधीश राजशेखर मंथा ने कहा कि वह अपराह्न दो बजे लिखित अर्जी के साथ पेश हों।
सीबीआई ने कहा कि ताजा मामले में आरोपी व्यक्तियों ने कथित तौर पर रिवॉल्वर, लोहे की छड़, चाकू और फावड़े से उस व्यक्ति के घर पर हमला किया और उसकी पिटाई की। एजेंसी ने बताया कि इसमें से एक आरोपी ने पीड़ित की पत्नी को भी पकड़ लिया और उसके साथ कथित तौर पर बलात्कार करने का प्रयास किया।
हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की समिति, और किसी अन्य आयोग या प्राधिकरण और राज्य को जांच को आगे बढ़ाने के लिए मामलों के रिकॉर्ड तुरंत सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया था।
केंद्रीय जांच ब्यूरो ने कोलकाता हाई कोर्ट के निर्देश पर पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा के बाद हत्या और बलात्कार के मामलों की जांच शुरू कर दी है। सीबीआई ने इन मामलों की जांच के लिए 4 विशेष जांच टीमों का गठन किया था जिसमें चार संयुक्त निदेशक शामिल हैं और प्रत्येक टीम में 25 अधिकारी कर्मचारी रखे गए हैं।
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