यह मामला ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर अनुबंध के लिए 63 मून्स टेक्नोलॉजीज को किए गए भुगतान के बारे में खुलासा चूक से संबंधित है।
स्ट्रेटा एसएम आरईआईटी ने एसएम आरईआईटी के रूप में अपने रजिस्ट्रेशन के सर्टिफिकेट को सरेंडर कर दिया है और सेबी-विनियमित मध्यस्थ या एसएम आरईआईटी के रूप में खुद को पेश नहीं करेगा या उसका प्रतिनिधित्व नहीं करेगा।
सेबी को मार्च 2025 में 4,156 नई शिकायतें मिलीं और 31 मार्च तक कुल 4,161 शिकायतें अनसुलझी रहीं। 31 मार्च तक स्कोर्स पर दो संस्थाओं से जुड़ी तीन शिकायतें तीन महीने से अधिक समय से पेंडिंग थीं।
इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के आने से निवेशकों को ट्रेडिंग फ्लोर की हलचल से दूर, दूर से ही ट्रेडिंग करने की सुविधा मिल गई। खुदरा निवेशक अब अपने घरों से सीधे वित्तीय मार्केट तक पहुंच सकते हैं।
एक्सिस बैंक की सहायक कंपनी एक्सिस कैपिटल ने स्पष्ट किया कि उसने एक साल से अधिक समय से ऋण खंड में कोई नया असाइनमेंट नहीं लिया है।
भारतीय पूंजी बाजार का प्रदर्शन बीते वित्त वर्ष में दूसरे उभरते बाजारों में सबसे बेहतर रहा है। आज भारतीय बाजार वैश्विक भू-राजनीतिक और आर्थिक झटकों को झेलने में अधिक सक्षम हैं।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ने रवींद्र बालू भारती की पत्नी शुभांगी रवींद्र भारती और निदेशकों - राहुल अनंत गोसावी और धनश्री चंद्रकांत गोसावी को भी प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया है।
इससे पहले सितंबर में कंपनियों ने कैपिटल मार्केट से 75,232 करोड़ रुपये जुटाए थे। वहीं अगस्त के दौरान कंपनियों ने बाजार से कुल 1.1 लाख करोड़ रुपये की राशि जुटाई थी।
एफपीआई ने इस अवधि के दौरान शेयर बाजार में 5,245 करोड़ रुपये का निवेश किया जबकि उन्होंने बांड बाजार से 4,159 करोड़ रुपये निकाले। इस तरह उन्होंने 1,086 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया।
पांच माह बाद एफपीआई डेट या बांड बाजार में भी शुद्ध निवेशक रहे
FPI ने स्टॉक मार्केट में करीब 21 हजार करोड़ की खरीद की
पी-नोट्स के जरिये अप्रैल तक शेयर बाजार में कुल 46,165 करोड़ रुपये का निवेश हुआ
पिछले दो महीने से घरेलू बाजारों से पैसा निकाल रहे हैं विदेशी निवेश
मार्च में एफपीआई ने भारतीय बाजारों से कुल 1.1 लाख करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की थी
उद्योग जगत को पर्याप्त नकदी तथा कर्ज सहायता मुहैया कराने के लिए कामकाज को मंजूरी
मार्च के महीने में विदेशी निवेशकों ने कैपिटल मार्केट से रिकॉर्ड निकासी की थी
शेयर बाजार में सोमवार को शुरुआती कारोबार के दौरान भारी गिरावट के चलते निवेशकों के करीब पांच लाख करोड़ रुपये डूब गए। कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते बढ़ती आर्थिक अनिश्चितता के कारण यह गिरावट हुई।
छह माह से जारी लिवाली के रुख से अलग विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने मार्च के शुरुआती पांच कारोबारी दिवस में शुद्ध तौर पर बिकवाली की है।
संसद के मौजूदा बजट सत्र के दौरान कंपनी अधिनियम और फेमा नियमों के पारित होने के बाद अगले वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही तक प्रत्यक्ष विदेशी लिस्टिंग की अनुमति देने वाले आवश्यक नियमों को लागू किया जा सकता है।
भारतीय पूंजी बाजार में पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के जरिए निवेश नवंबर अंत तक गिरकर 69,670 करोड़ रुपए पर आ गया।
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