स्टील और कोयला जैसे सेक्टरों को कोयला ब्लॉक का आवंटन ऑक्शन के जरिये किया जाएगा। ऐसा इसलिए होगा ताकि आवंटन में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।
नितिन गडकरी ने कहा कि यदि देश के भीतर कोयले का ट्रांसपोर्टेशन जलमार्ग द्वारा पानी के जहाजों से हो तो सालाना 10 हजार करोड़ रुपए की बचत की जा सकती है।
केपीएमजी ने अपनी ‘दि राइजिंग सन’ नामक रिपोर्ट में अनुमान जताया है कि 2020 तक भारत में सोलर पावर के दाम कोल पावर की तुलना में 10 फीसदी तक कम हो सकते हैं।
इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में खर्च बढ़ाने के लिए सरकार को और धन की जरूरत है और इसे कोल इंडिया लिमिटेड में 10 फीसदी हिस्सेदारी और बेचकर पूरा किया जाएगा।
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