फॉर्च्यून सोयाबीन और फॉर्च्यून कच्ची घानी (सरसों का तेल) एक लीटर पैक की एमआरपी 205 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 195 रुपये कर दी गई है।
कंपनी ने कहा कि तेल की कीमतों में यह कमी केंद्र सरकार द्वारा खाद्य तेलों पर आयात शुल्क कम करने के चलते हुई है।
मशहूर ब्रांड धारा ने सरसों, सूरजमुखी और सोयाबीन तेल की कीमतों में कटौती की घोषणा की है। बता दें कि धारा दिल्ली-एनसीआर की डेयरी कंपनी मदर डेयरी का ब्रांड है।
सरकार ने सालाना 20-20 लाख टन कच्चे सोयाबीन और सूरजमुखी तेल के आयात पर सीमा शुल्क तथा कृषि अवसंरचना उपकर को मार्च, 2024 तक हटाने की घोषणा की है।
यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है कि देश का 23 प्रतिशत खाद्य तेल पेंट, वार्निश और अन्य उत्पाद बनाने वाले कारखानों में जाता है। यह आवश्यक है कि खाद्य तेल के इस औद्योगिक उपयोग को रोका जाए
रूस एवं यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के बीच भारत खाद्य तेलों के आयात के लिए नए विकल्पों की तलाश कर रहा है।
खाद्य उत्पादों में वृद्धि तेल की कीमतों में वृद्धि के कारण हुई, जो फरवरी में सालाना आधार पर 16.44 प्रतिशत महंगी हो गई। इसके अलावा सब्जियों की कीमतों में 6.13 फीसदी की तेजी देखी गई।
केंद्र ने राज्यों से कहा है कि वे आपूर्ति श्रृंखला और व्यापार को बाधित किए बिना इस आदेश को लागू करें।
167 मूल्य संग्रह केंद्रों के रुझान के अनुसार, देशभर के प्रमुख खुदरा बाजारों में खाद्य तेलों की खुदरा कीमतों में 5-20 रुपये प्रति किलोग्राम की भारी गिरावट आई है।
कंपनियों ने उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए कीमतों में 10-15 प्रतिशत की कटौती की है।
उद्योग ने कृषि कानूनों को निरस्त करने के सरकार के फैसले का स्वागत किया और कहा कि इससे गतिरोध को रोकने में मदद मिलेगी
इंडोनेशिया और मलेशिया भारत को आरबीडी पामोलिन और कच्चे पाम तेल के प्रमुख आपूर्तिकर्ता हैं। कच्चा सोयाबीन तेल मुख्य रूप से अर्जेंटीना और ब्राजील से आयात किया जाता है, जबकि कच्चा सूरजमुखी तेल मुख्य रूप से यूक्रेन, रूस और अर्जेंटीना से आयात किया जाता है।
अधिकारियों ने बताया कि शुरुआती दौर में शहर के घरों से हर माह एक लाख किलोग्राम इस्तेमाल खाद्य तेल जमा होने का अनुमान है।
SEA के मुताबिक इस साल घरेलू सोयाबीन और मूंगफली की फसल में तेजी आ रही है, जबकि सरसों की बुवाई की शुरुआती रिपोर्ट बहुत उत्साहजनक है, जिससे कीमतों में और राहत की उम्मीद है
यह पूछे जाने पर कि क्या किसी राज्य ने खाद्य तेलों या तिलहन पर स्टॉक की सीमा तय की है, सचिव ने कहा, ‘‘अब, अपनी तरफ से खुलासा किया जा रहा है। राज्य खाद्य तेल प्रसंस्करणकर्ताओं और व्यापारियों के साथ चर्चा कर रहे हैं, और हमें उम्मीद है कि अगले सप्ताह से आगे स्टॉक सीमा लागू की जाएगी।’’
बुधवार को, सरकार ने कच्चे पाम, सूरजमुखी और सोयाबीन तेलों की किस्मों पर बुनियादी सीमा शुल्क को खत्म कर दिया
सरकार के मुताबिक सरसों का तेल विशुद्ध रूप से घरेलू उत्पादन पर आधारित तेल है और सरकार के अन्य उपायों के साथ इसकी कीमतों में नरमी आने की उम्मीद है
तेल वर्ष 2020-21 के पहले 10 महीनों के दौरान खाद्य तेल का आयात पिछले वर्ष की इसी अवधि में 1.09 करोड़ टन से गिरकर 1.03 करोड़ टन रह गया।
वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को देर रात जारी एक अधिसूचना में कहा कि कच्चे पाम तेल पर आयात शुल्क को 10 प्रतिशत से घटाकर 2.5 प्रतिशत कर दिया गया है, जबकि कच्चे सोया तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर इसे 7.5 प्रतिशत से घटाकर 2.5 प्रतिशत कर दिया गया है।
भारत में ज्यादातर पामतेल और सोयाबीन तेल का प्रमुखता से आयात किया जाता हैं। भारतीय बाजार में पाम तेल की हिस्सेदारी करीब 30-31 प्रतिशत जबकि सोयाबीन तेल की हिस्सेदारी 22 प्रतिशत तक है।
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