सिंघु बॉर्डर पर टेंट में सिर्फ चंद किसान बैठे नज़र आए। सिंघु बॉर्डर के किसानों के तंबू खाली हैं, सिर्फ यही नही जिस सड़क पर पहले ट्रैक्टर ट्रॉली खड़े रहते थे, प्रदर्शनकारियों के टेंट लगे होते थे वो सड़क अब पूरी तरह से खाली है।
उन्होंने कहा कि यह आंदोलन आसपास के समय में खत्म नहीं होने वाला, यह आंदोलन अक्टूबर तक चलेगा। हमने सरकार को बता दिया कि ये आंदोलन अक्टूबर तक चलेगा। अक्टूबर के बाद आगे की तारीख देंगे।
Kisan Andolan: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने भी इसी विषय को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया, ‘‘प्रधानमंत्री जी, अपने किसानों से ही युद्ध?’’
मुख्यमंत्री ने विभिन्न दलों से कहा कि यह अहंकार पर खड़े होने का समय नहीं है, बल्कि हमारे राज्य और हमारे लोगों को बचाने के लिए एक साथ आने का है। राज्य सरकार के बयान के मुताबिक, बैठक में दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में हाल के घटनाक्रमों से उत्पन्न स्थिति पर चर्चा होगी, विशेष रूप से गणतंत्र दिवस की हिंसा के मद्देनजर, "किसानों पर सिंघु बॉर्डर पर हमला और उनके खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन अभियान"।
कार्यक्रम की शुरुआत में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि 23 जनवरी को हमने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन को ‘पराक्रम दिवस’ के तौर पर मनाया और 26 जनवरी को ‘गणतन्त्र दिवस’ की शानदार परेड भी देखी। राष्ट्र ने असाधारण कार्य कर रहे लोगों को उनकी उपलब्धियाँ और मानवता के प्रति उनके योगदान के लिए सम्मानित किया।
भारतीय किसान यूनियन लोक शक्ति के कार्यकर्ता पिछले 58 दिनों से दलित प्रेरणा स्थल पर प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन दिल्ली में 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद इस संगठन ने भी खुद को किसान आंदोलन से अलग कर लिया है।
अमित शाह पहले राजधानी के सुश्रुत ट्रॉमा सेंटर गए और फिर बाद में उन्होंने सिविल लाइन के तीरथराम शाह अस्पताल जाकर घायल पुलिस कर्मियों से मुलाकात कर उनका हालचाल जाना।
दिल्ली पुलिस ने 35 से ज्यादा आरोपी किसान नेताओं के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया है। दिल्ली पुलिस ने लुक आउट नोटिस इसलिए जारी किया है ताकि कोई भी आरोपी देश छोड़कर भाग न सके।
दीप सिद्धू ने किसान नेताओं को कहा, “एक आदमी को गद्दार कह कर, उन सब को गद्दार बोल रहे जो वहां गए थे, इसमें आपकी बदनीयत नजर आ रही है, आपको किसी भी चीज के लिए दर्द नहीं है या तो आप समझना नहीं चाहते या समझते हुए भी नहीं समझ रहे कि आदमी पर आरोप लगाओ, जो अब तक फैसले लिए हैं आप लोगों ने, आप में सबसे बड़ी चीज अहंकार है”
इस रैली के शांतिपूर्ण होने के कल तक तमाम वादे करने वाले किसान नेता पीछे हैं, हुड़दंग कर रहे प्रदर्शनकारी आगे-आगे चल रहे हैं। गाजीपुर बॉर्डर से किसानों का नेतृत्व करते हुए आगे बढ़ रहे राकेश टिकैत ने हिंसा के सवाल पर कहा कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है।
किसान आंदोलन का हल निकालने के लिए बनाई सुप्रीम कोर्ट की कमेटी से भूपिंदर सिंह मान ने नाम वापस ले लिया है। भूपिंदर सिंह मान भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। 12 जनवरी को सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने चार सदस्यों की कमेटी बनाई थी।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि जिस तरह से प्रक्रिया चल रही है, उससे हम निराश हैं। विभिन्न राज्य इस क़ानून के ख़िलाफ़ हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम कानून पर रोक लगा सकते हैं।
Kisan Andolan: राकेश टिकैत ने मीडिया से बातचीत में कहा, "हम ट्रैक्टर रैली निकालेंगे। पहले हम 9 बजे डासना से अलीगढ़ वाले रुट तक जाएंगे, दूसरा जत्था नोएडा से पलवल तक जाएगा। सरकार को सांकेतिक संदेश दे रहे हैं कि हमारी बात सुनी जाए।"
नए कृषि कानूनों पर सातवें राउंड की बातचीत के बाद भी सरकार और किसानों के बीच गतिरोध बना रहा। सरकार और किसानों के बीच सातवें राउंड की बैठक खत्म हो गई है। आज की बैठक में भी बात नहीं बनी।
Kisan Andolan: दिल्ली की सीमाओं पर जमे हुए प्रदर्शनकारी किसानों ने धमकी दी है कि अगर सरकार तीन नये कृषि कानूनों को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी स्वरूप प्रदान करने की उनकी दो बड़ी मांगें नहीं मानती है तो वे अपना आंदोलन तेज करेंगे।
कुरुक्षेत्र : सरकार ने किसानों से कहा- कृषि कानूनों पर बनाई जा सकती है कमेटी
कृषि कानूनों की वापसी की मांग पर अड़े किसान संगठन आज एक बार फिर सरकार के साथ बातचीत की मेज पर आमने सामने हैं। दिल्ली के विज्ञान भवन में किसानों के साथ छठे दौर की वार्ता शुरू हो गई है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल बैठक में मौजूद हैं।
Kisan Andolan: गाजीपुर स्थित दिल्ली यूपी बॉर्डर पर किसान संगठनों NH-9 को पूरी तरह से ब्लॉक कर दिया।
सरकार ने किसानों के सारे मसलों के समाधान के लिए नौ दिसंबर को ही किसान संगठनों को प्रस्ताव भेजा था, जिसे किसान नेताओं ने सिरे से खारिज कर दिया था। इसके बाद से लगातार दोनों पक्षों की तरफ से कहा जा रहा है कि समाधान के रास्ते तलाशने के लिए वे अगले दौर की वार्ता के लिए तैयार हैं।
Kisan Andolan: केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस नेताओं के राष्ट्रपति भवन तक प्रस्तावित मार्च से पहले पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘कृषि विरोधी कानूनों’ के खिलाफ सत्याग्रह में सबको अन्नदाताओं का साथ देना होगा।
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