भारत की टिप्पणी उस पृष्ठभूमि में आई है जिसमें पाकिस्तान ने संरा सुरक्षा परिषद की आतंक निरोधी समिति से अनुरोध किया था कि मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को बुनियादी खर्चे के लिए वह उसके बैंक खाते से पैसा निकालने की इजाजत दे।
इसी महीने होने वाली एफएटीएफ की बैठक में पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगना तय माना जा रहा है।
भारत ने आतंकी संगठनों और अंतरराष्ट्रीय संगठित आपराधिक नेटवर्कों के बीच की साठ-गांठ से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र और वित्तीय कार्रवाई कार्यबल जैसे संगठनों के बीच आपसी सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया है।
पाकिस्तान के लिए मुश्किलें बढ़ती जा रही है और फाइनेशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) तथा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF)की तरफ से सख्ती बढ़ती है तो पाकिस्तान की राह और भी कठिन हो जाएगी।
सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट होना लगभग तय है क्योंकि उसकी रेटिंग काफी खराब आई है।
FATF की क्षेत्रीय इकाई एशिया पेसिफिक ग्रुप APG के सामने बैंकॉक में सोमवार को पाकिस्तान की पेशी हुई। जिसमें पाकिस्तान से 125 सवाल किए गए।
FATF की क्षेत्रीय इकाई एशिया पेसिफिक ग्रुप APG के सामने बैंकॉक में पाकिस्तान की पेशी है। पाकिस्तान के पास ब्लैकलिस्ट होने से पहले ये आखिरी मौका है।
FATF ने पाया है कि 40 में से 32 मानकों पर पाकिस्तान नाकाम रहा है। ब्लैकलिस्ट होने के बाद अब पाकिस्तान पाई-पाई को मोहताज हो जाएगा और उसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और विदेश से कर्ज लेना तकरीबन नामुमकिन हो जाएगा।
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्ट में शामिल होने से बचने के लिए पाकिस्तान जहां कड़ी कोशिश कर रहा है, वहीं वर्तमान में उसके प्रदर्शन और अनुपालन रिपोर्ट की समीक्षा की जा रही है।
विश्व की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं (जी20) के नेताओं ने वैश्विक अर्थव्यवस्था के समक्ष बढ़ते जोखिमों के प्रति आगाह करते हुए शनिवार को दुनिया में मुक्त एवं स्थिर व्यापारिक माहौल तथा डब्ल्यूटीओ में सुधार की वकालत की।
सऊदी अरब फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की पूर्ण सदस्यता प्राप्त करने वाला पहला अरब देश बन गया है। जानिए क्या होता है एफएटीएफ।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि पाकिस्तान को आतंकी वित्तपोषण अभियानों का मुकाबला करने के लिए एफएटीएफ की कार्ययोजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने चाहिए।
अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के वित्तपोषण की निगरानी करने वाली संस्था ‘फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स’(FATF) ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को वित्तपोषण पर अपनी कार्ययोजना को पूरा करने में विफल रहा है।
एफएटीएफ ने पाकिस्तान को संदेह वाले देशों की सूची में रखा हुआ है। इससे मुद्रकोष विश्वबैंक,एडीबी तथा ईयू (यूरोपीय संघ) उसकी वित्तीय साख कम कर सकते हैं।
एफएटीएफ आतंकवाद के वित्तपोषण और मनी लांड्रिंग पर अंकुश के लिए काम कर रहा है। उसने पाकिस्तान से देश में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के परिचालन का नए सिरे से आकलन करने को कहा था।
पेरिस स्थित वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) जून, 2018 में ही पाकिस्तान को निगरानी सूची में डाल चुका है।
एफएटीएफ ने पिछले साल जून में पाकिस्तान को ग्रे सूची में डाल दिया था। इसका मतलब होता है कि उक्त देश मनी लॉन्ड्रिंग तथा आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने में पूरी तरह कारगर कदम नहीं उठा रहा है।
पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के वित्तपोषण की निगरानी करने वाली संस्था वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) को उसके एशिया प्रशांत संयुक्त समूह के सह अध्यक्ष पद से हटाने का अनुरोध किया है।
पाकिस्तान एफएटीएफ सिफारिशों की उपेक्षा करता है और उसे लागू नहीं करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के वित्तपोषण की निगरानी करने वाली संस्था वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) ने गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए शुक्रवार को पुलवामा आतंकवादी हमले की निंदा की।
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