पाकिस्तान को वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की ओर से निर्धारित शर्तों को पूरा करने के लिए और ग्रे सूची से बाहर निकाले जाने के लिए चार महीने की राहत मिलने की संभावना है।
पाकिस्तान इस बार भी वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (FATF) की ब्लैक लिस्ट में जाने से बच सकता है, सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान को मलेशिया और तुर्की का समर्थन मिल रहा है
वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) ने सोमवार को कहा कि संस्था द्वारा आतंक के वित्त पोषण पर सख्ती के बावजूद गैरकानूनी गतिविधियों और दुनिया भर में समर्थकों से जुटाए गए धन से कई आतंकवादी समूहों को अभी भी फायदा मिल रहा है।
पाकिस्तान पर तमाम तरह के पाबंदियों की तलवार लटक रही है, लेकिन इसके बावजूद वह आतंकियों का साथ देने की अपनी आदत से बाज नहीं आ रहा है।
हाफिज सईद पर पाकिस्तान की कार्रवाई पर भारत की पहली प्रतिक्रिया आई है। भारत सरकार ने कहा है कि हाफिज सईद के अलावा दूसरे आतंकियों पर भी पाकिस्तान को कार्रवाई करना चाहिए।
दक्षिण और मध्य एशिया के लिए अमेरिका की कार्यवाहक सहायक विदेश मंत्री एलिस वेल्स ने शुक्रवार को पाकिस्तान को चेताया है।
भयंकर आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान ने फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट से उसे बाहर करने के लिए अमेरिका से उम्मीद लगाई हुई है।
रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि पाकिस्तान में आईएमएफ के कार्यक्रम के समक्ष घरेलू और बाहरी कारणों, दोनों की वजह से जोखिम है।
एफएटीएफ ने पाकिस्तान को फरवरी 2020 तक ‘ग्रे’ सूची में रखा है। संस्था ने अक्टूबर में चेतावनी दी थी कि यदि पाकिस्तान 27 सूत्री सूची में शेष 22 बिंदुओं पर अनुपालन नहीं करता है तो उसे ‘काली सूची’ में डाल दिया जाएगा।
आतंक वित्तपोषण और धनशोधन को समाप्त करने के भारी दबाव के बीच पाकिस्तान ने फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) को अंतिम अनुपालन रिपोर्ट सौंप दी है और वह एफएटीफ द्वारा फरवरी 2020 तक के लिए उसे दी गई अवधि के जून 2020 तक के विस्तार की उम्मीद कर रहा है।
पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। इसमें बताया गया है कि चीन के विदेश विभाग में एशियाई मामलों की नीति निर्माता शाखा के उप महानिदेशक याओ वेन ने पाकिस्तानी संवाददाताओं से बातचीत के दौरान यह बात कही।
पाकिस्तान को उम्मीद है कि वह अगले साल फरवरी तक आतंकवादियों के वित्तपोषण व धनशोधन के खिलाफ इतने कदम उठाएगा कि उसे फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्ट से निकाल कर इसकी सबसे बेहतर व्हाइट लिस्ट में कर दिया जाएगा।
FATF अध्यक्ष जियांगमिन लियू ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद पर अंकुश लगाने के लिए न सिर्फ ज्यादा बल्कि तेजी से कदम उठाने होंगे।
पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स से बड़ी राहत मिली है। एफएटीएफ ने पाकिस्तान को पूर्व में लगाई शर्तों का अनुपाल करने के लिए फरवरी 2020 यानि कि चार महीने की मोहलत दी है। फिलहाल पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में बना रहेगा।
जहां एक ओर चीन, तुर्की और मलेशिया ने पाकिस्तान द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की, वहीं, भारत ने इस दलील पर इस्लामाबाद को ब्लैक लिस्टि करने की सिफारिश की है कि इसने हाफिज सईद को अपने फ्रीज खातों से धन निकालने की अनुमति दी है।
पाकिस्तान यदि संदिग्धों की सूची में बना रहा तो उसे मुद्राकोष, विश्वबैंक और यूरोपीय यूनियन आदि से वित्तीय सहायता मिलना मुश्किल हो जाएगा।
रेडियो पाकिस्तान ने कहा है कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने विभिन्न क्षेत्रों में पाकिस्तान द्वारा उठाए गए कदमों पर संतुष्टि जताई है।
36 में से एक भी देश, पाकिस्तान के साथ खड़ा नहीं था। आखिरी बैठक से पहले सबने मिलकर कहा, पाकिस्तान एक बर्बाद मुल्क का नाम है इसलिए ग्रे लिस्ट से निकालकर उसे डार्क ग्रे में रखा जाए।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोवल ने कहा है कि देश से आतंकवाद के खात्मे के लिए बड़ी कार्रवाई की जरूरत है, अजीत डोवल सोमवार को राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर हुई जांच एजेंसियों की बैठक में बोल रहे थे
फ्रांस की राजधानी पेरिस में रविवार से शुरू हो रही फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की बैठकों से पहले पाकिस्तान और इसके पीएम इमरान खान की टेंशन बढ़ गई है।
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