न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की विशेष पीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार को यह सुनिश्चित करने की संभावनाएं भी तलाशने के लिए कहा कि प्रतिबंधित पटाखों और उससे संबंधित सामान का राज्य में प्रवेश केंद्र पर ही आयात नहीं हो।
मथुरा में एक दुकान के मालिक ने तमिलनाडु के शिवकाशी से तरह-तरह के पटाखे मंगवाए थे और इनमें से कुछ पटाखों के डिब्बों पर ऑस्ट्रेलिया, भारत व अन्य देशों के नाम लिखे हुए थे,वहीं एक डिब्बे पर पाकिस्तान लिखा था और एक खिलाड़ी की फोटो भी छपी थी।
डब्ल्यूबीपीसीबी के अध्यक्ष कल्याण रुद्र ने कहा कि प्रदूषण निगरानी संस्था बाजार में पटाखों की आपूर्ति और त्योहारों के दौरान पटाखों को फोड़ने से रोकने की रणनीति तैयार करने के लिए पुलिस और प्रशासन के साथ बैठक कर रही है।
झारखंड के उन शहरों में जहां वायु गुणवत्ता का स्तर अच्छा या संतोषप्रद है, वहां निर्धारित समय पर ही पटाखे चलाये जा सकेंगे। राज्य में 125 डेसिबल से कम क्षमता वाले पटाखों की ही बिक्री की जा सकेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि आतिशबाजी पर पूरी तरह प्रतिबंध नहीं है और केवल उन पटाखों पर पाबंदी है जिनमें बेरियम साल्ट होता है। कोर्ट ने कहा कि दूसरे के स्वास्थ्य की कीमत पर जश्न का आयोजन नहीं किया जा सकता है।
दिल्ली सरकार ने तो हर तरह के पटाखों की बिक्री, भंडारण और इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सितंबर में ही घोषणा कर दी थी कि दिवाली के दौरान दिल्ली में पटाखे चलाने पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस घटना में जान गंवाने वालों के परिवारों के लिए 5-5 लाख और आपातकालीन वार्डों में इलाज कर रहे घायलों के लिए 1 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है।
राजस्थान सरकार ने गुरुवार को कोरोना की तीसरी लहर की संभावना का हवाला देते हुए अगले साल तक राज्यभर में सभी तरह के पटाखों की बिक्री पर रोक लगाने की घोषणा की।
उत्तर मुंबई के मगथने इलाके में स्थित शिवसेना विधायक प्रकाश सुर्वे के कार्यालय के पास पटाखों से लदा एक वाहन पाया गया।
तमिलनाडु के शिवकाशी में एक पटाखा फैक्टरी में गुरुवार को आग लगने से 6 लोगों की मौत हो गई जबकि कई लोगों के घायल होने की खबर आ रही है।
पूरी दुनिया ने 14 नवंबर को दिवाली मनाई। दिल्ली में स्मारक जगमगा उठे। इस अवसर पर स्थानीय लोगों ने 'दीये' जलाये और यह नजारा काफी खूबसूरत लगा।
दिल्लीवासियों ने 14 नवंबर को दीपावली का त्योहार मनाया। त्योहार मनाने के लिए स्थानीय लोगों ने प्रतिबंध के बावजूद पटाखे फोड़े।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) की रोक के बाद भी दिल्ली-NCR में जमकर पटाखे चले। काफी संख्या में लोग पटाखे जलाते नजर आए। हालांकि, पुलिस ने ऐसे लोगों पर कार्रवाई भी की।
दिल्ली एनसीआर में जहां प्रदूषण को देखते हुए पटाखों पर बैन लगा दिया गया है। इसी बीच उत्तराखंड सरकार ने त्योहार के निश्चित दिनों में पटाखे चलाने को अनुमति दे दी है।
इसके जवाब में चौहान ने ट्वीट किया, ‘‘मध्यप्रदेश ख़ुशियों का प्रदेश है। यहां पर हम ख़ुशियों पर कभी भी किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाते। प्रदेश में पटाखों पर कोई प्रतिबंध नहीं है। हां, लेकिन चीनी पटाखों पर प्रतिबंध ज़रूर है। आप भगवान राम के अयोध्या लौटने की ख़ुशी मनाएं, पटाखे जलाएं एवं धूमधाम से दिवाली मनाएं।’’
हालाँकि, ऐसे शहर / शहर जहाँ हवा की गुणवत्ता 'मध्यम ’या उससे नीचे है, वहां केवल ग्रीन क्रैकर बेचे जा सकते हैं और दीपावली, छठ जैसे त्योहारों के दौरान पटाखे के इस्तेमाल के समय को दो घंटे तक सीमित रखा गया है।
देश की राजधानी दिल्ली के बाद अब आर्थिक राजधानी मुंबई में भी पटाखे जलाने पर रोक लगा दी गई है। बीएमसी ने दिवाली में पटाखे जलाने पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल यानि एनजीटी ने आज रात से पूरे एनसीआर के सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री या उपयोग पर बैन लगा दिया है।
भाजपा ने दिल्ली में ग्रीन पटाखों को अनुमति देने की मांग की है। भाजपा की दिल्ली इकाई ने कहा है कि जब आम आदमी पार्टी की सरकार को ग्रीन पटाखों पर प्रतिबंध लगाना ही था तो उन्होंने ग्रीन पटाखों की अनुमति क्यों दी थी?
चंडीगढ़ में बढ़ते प्रदूषण को कंट्रोल में करने के लिए यूटी प्रशासन ने आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत पटाखों पर बैन लगा दिया है।
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