आपने ट्रेन में सफर जरूर किया होगा। लेकिन क्या आप रेलवे लाइन और रेल ट्रैक के बीच का अंतर जानते हैं। अधिकांश लोग रेलवे लाइन और रेलवे ट्रैक को एक ही समझते हैं। बता दें कि दोनों टर्म एक साथ इस्तेमाल किए जाते हैं लेकिन दोनों अलग अलग बात हैं।
Train कैसे चलती है...क्या ट्रेन आपकी कार की तरह चलती है? देखिए ये विशेष शो
क्या आपने कभी सोचा है कि जिस ट्रेन से आप रोज सफर करते है वह एक ट्रेन कितने का होगा। यानी उस एक ट्रेन की कीमत क्या होगी। अगर नहीं, तो आज जान लीडिए कि एक ट्रेन को बनाने में कुल कितना खर्चा आता है।
ट्रेन में यात्रा करते समय हमें कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए क्योंकि कोई भी नहीं जानता कि किस समय क्या हो जाए। ट्रेन में कुछ ऐसे कोच या फिर डिब्बे होते हैं जिन्हें मामूली या फिर हल्के हादसे के समय नुकसान की गुंजाइस कम होती है। ट्रेन में यात्रा करते समय हमें सतर्क रहना चाहिए।
एक शख्स अपनी लापरवाही की वजह से खुद की जान गंवा देता है। सोशल मीडिया पर इस घटना का दर्दनाक वीडियो वायरल हो रहा है।
सरकारी नौकरी की राह देख रहे हैं तो ये खबर आपके लिए ही है। इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में कई पदों पर वैकेंसी निकली है। जो उम्मीदवार इन पदों पर आवेदन करना चाहते हैं, वे आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अप्लाई कर सकते हैं।
भारतीय रेलवे यात्रियों को एक ऐसी स्पेशल सुविधा देती है जिसमें आप स्लीपर के टिकट पर एसी में सफर कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए आपको टिकट बुक करने के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। आइए जानते हैं कि कैसे स्लीपर के टिकट में एसी कोच में यात्रा कर सकते हैं।
रेलवे की सुविधा को हर क्षेत्र में पहुंचाने के लिए देश के कोने-कोने में रेलवे स्टेशन बनाए गए हैं। इनमें एक रेलवे स्टेशन ऐसा भी है जहां चारो तरफ से ट्रेन आती हैं।
How Train Changes Track: हम सभी ने अपने रेल सफर के दौरान कई बार एक जगह बहुत से ट्रैक्स को एक साथ देखा होगा। लेकिन ज्यादातर लोगों ने कभी इस बात पर गौर नहीं किया होगा कि चलती हुई ट्रैन कैसे एक पटरी से दूसरी पटरी पर चली जाती है।
ट्रेन यात्रा के दौरान अगर कोई एक्सीडेंट होता है, तो रेलवे यात्री को हुए नुकसान की भरपाई बीमा कंपनी के द्वारा की जाती है। बता दें कि एक्सीडेंट में व्यक्ति को हुए नुकसान के मुताबिक ही बीमा की राशि दी जाती है।
राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि मृतकों के परिजनों को डेथ सर्टिफिकेट के लिए कोई भी डॉक्यूमेंट देने की जरूरत नहीं होगी। राज्य सरकार सुओमोटो लेकर परिजनों को डेथ सर्टिफिकेट मुहैया कराएगी।
रेलवे ट्रैक में बिछी पटरी एक सिंगल पटरी नहीं होती, बल्कि यह अलग-अलग पटरियां होती हैं जिसे आपस में नट-बोल्ट से ज्वाइंट किया जाता है। जब एक पटरी के बाद दूसरी पटरी ट्रैक पर लगाई जाती है तो उनके बीच में कुछ गैप छोड़ा जाता हैं, इसकी एक बड़ी वजह है।
ओडिशा के बालासोर में हुए हादसे का असर बाकी ट्रेनों पर भी पड़ा है। कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है और कई को डायवर्ट किया गया है।
ओडिशा ट्रेन हादसे पर पीएम नरेंद्र मोदी ने दुख जताते हुए कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है। रेल हादसे की जांच होगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
ओडिशा में ट्रेन हादसा कैसे हुआ इस बात की अब पूरी जानकारी मिल चुकी है। रेलवे मंत्री अश्विन वैष्णव ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी इंडिया टीवी को दी है।
ओडिशी के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे में 288 लोगों की मौत हो गई है और 1000 से ज्यादा लोग घायल हैं। इस हादसे को लेकर कई तरह की शंकाएं उठ रही हैं कि क्या यह तकनीकी खराबी की वजह से हुआ, मानवीय भूल या किसी साजिश के तहत, जानें-
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बड़ा ऐलान किया है। वेष्णव ने कहा है कि जून तक हर राज्य से होकर गुजरेगी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन।
ओडिशा-बालासोर में हुए रेलवे हादसे को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। शुरुआती जांच के मुताबिक सिस्टेमेटिक नाकामी सामने आई है। कई अफसरों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। इस्तीफे पर रेल मंत्री ने चुप्पी साध रखी है।
ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनों के आपस में टकरा जाने से बड़ा हादसा हो गया है जिसमें अबतक 288 लोगों की जान जा चुकी है और 1000 से ज्यादा लोग घायल हैं। जानें घटना से जुड़े पल-पल के अपडेट्स-
ओडिशा के बालासोर में कोरोमंडल एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण अबतक 50 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इस हादसे की डरावनी तस्वीरें अब सामने आने लगी हैं।
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