रिपोर्ट के अनुसार, इन 1,873 प्रोजेक्ट्स के क्रियान्वयन की मूल लागत 26,87,535.69 करोड़ रुपये थी लेकिन अब इसके बढ़कर 31,88,859.02 करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है। इससे पता चलता है कि इन प्रोजेक्ट्स की लागत 18.65 प्रतिशत यानी 5,01,323.33 करोड़ रुपये बढ़ गई है।
कमजोर ग्लोबल डिमांड की चुनौतियों के बीच मजबूत बुनियाद के साथ घरेलू आर्थिक गतिविधियां 2023-24 की पहली छमाही में मजबूत रही हैं। वित्त वर्ष 2023-24 में पूंजीगत व्यय 37.5 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये किया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया प्रोग्राम की संयुक्त राष्ट्र ने जमकर सराहना की है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भारत में तेजी से हुए बुनियादी ढांचे में निवेश से गरीबी दूर होने के मॉडल की भी प्रशंसा की है। बता दें कि डिजिटल इंडिया और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में भारत का दुनिया लोहा मान रही है।
रिपोर्ट के अनुसार देरी वाली 764 परियोजनाओं में औसत विलम्ब 36.27 महीने का है। परियोजनाओं में देरी भूमि अधिग्रहण में विलम्ब, वन और पर्यावरण मंजूरी में देरी समेत अन्य कारणों से हुई है।
देरी से चल रही 837 परियोजनाओं में से 202 में एक महीने से लेकर एक साल तक की विलंब बै जबकि 188 में 13-24 महीने की देरी है। वहीं 324 परियोजनाएं पांच साल तक की देरी से चल रही हैं जबकि 123 परियोजनाओं में पांच साल से भी अधिक विलंब हो चुका है।
चीन ने एलएसी पर सड़कों, हवाई अड्डों और हेलीपैड का बड़ा नेटवर्क तैयार कर दिया है। चीन ने इस बुनियादी ढांचे का विकास नियंत्रण रेखा पर गलवान और तवांग में भारतीय सैनिकों के साथ झड़प के बाद किया है। साथ ही सैनिकों की तैनाती भी बढ़ा दी है। पेंटागन की रिपोर्ट में दावा है कि चीन ने भारत सी लगी सीमा पर नए गांव बसाए हैं।
देरी से चल रही 815 परियोजनाओं में से 193 परियोजनाएं एक महीने से 12 महीने, 192 परियोजनाएं 13 से 24 महीने की, 293 परियोजनाएं 25 से 60 महीने की और 137 परियोजनाएं 60 महीने से अधिक की देरी से चल रही हैं।
रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर के मामले में भारत ने कई वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार भारत में सड़कों का नेटवर्क अब अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर है। चीन, जापान, जर्मनी, इटली और फ्रांस, आस्ट्रेलिया जैसे देशों को भारत ने बहुत पीछे छोड़ दिया है। यह सब पीएम मोदी के 9 वर्षों के कार्यकाल में हुआ।
अमेरिका ने चीनी साजिश का बड़ा पर्दाफाश किया है। अमेरिका के दावे के अनुसार चीनी हैकर्स उसके रेल नेटवर्क समेत पाइपलाइन परियोजनाओं और महत्वपूर्ण आधारभूत ढांचों पर साइबर हमला करने के फिराक में थे और अभी भी हैं।
Delhi NCR, मुंबई और बेंगलुरु जैसे प्रमुख शहरों में, भूमि लागत परियोजना लागत के प्रतिशत में से लगभग 50 प्रतिशत से 80-85 प्रतिशत बैठती है।
चीन से लगी सीमा पर ड्रैगन की घेराबंदी करने के लिए भारत ने पिछले 8 वर्षों में इंफ्रास्ट्रक्चर का इतना बड़ा जाल बिछा दिया कि जिसे देखकर चीन भी दंग रह गया है। सीमा पर भारतीय सेना की सतर्कता और तैयारियों को देखकर घुसपैठ करने की चीन की हिम्मतें भी जवाब देने लगी हैं।
China & Tibet: वर्ष 1954 में भारत का अहम हिस्सा रहे तिब्बत पर कब्जा करने के बाद से चीन लगातार वहां सड़कों का जाल बिछाता आ रहा है। चीन ने तिब्बत से लेकर आक्साईचिन और देश के दूसरे इलाकों में सड़कों और इंफ्रास्ट्रक्चर की झड़ी लगा दी है।
China Built Sea Drilling Ship: समुद्र में चीन ने एक और बड़ी कामयाबी हासिल की है। चीन ने एक ऐसा समुद्री जहाज बनाया है, जो समुद्र में 10 हजार मीटर की गहराई तक ड्रिल कर सकेगा। इससे समुद्र के भीतर चीन अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को और मजबूत कर सकेगा। चीन समुद्र के भीतर पानी में ही अब कई गुप्त ठिकाने बना सकेगा।
सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक की लागत वाली बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की निगरानी करता है।
इन परियोजनाओं में देरी के कारणों में भूमि अधिग्रहण में विलंब, पर्यावरण और वन विभाग की मंजूरियां मिलने में देरी और बुनियादी संरचना की कमी प्रमुख है।
Infrastructure Projects: सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि 150 करोड़ रुपये से अधिक निवेश प्रस्ताव वाली 1,529 परियोजनाओं में से 384 परियोजनाएं अपनी निर्धारित लागत से अधिक हो चुकी हैं।
बुनियादी ढांचा (Infrastructure Projects)क्षेत्र की 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक के खर्च वाली 386 परियोजनाओं की लागत काफी बढ़ गई है।
China BRI VS West PGII: पश्चिमी देश शुरू से ही चीन की परियोजनाओं को लेकर चिंता जताते रहे हैं और अब वह इसका विकल्प लेकर आगे आए हैं। पीजीआईआई चीन का सामना करने के लिए सबसे बड़ी परियोजना है लेकिन इसके भविष्य को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।
Road Infrastructure:: 177 किमी की दूरी में फैले राम वन गमन मार्ग उन स्थानों को जोड़ेगा जहां भगवान राम ने 14 साल के वनवास के लिए अयोध्या छोड़ने के बाद समय बिताया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘लॉजिस्टिक’ लागत में कमी लाने तथा बुनियादी ढांचा विकास के लिये 13 अक्टूबर को 100 लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की है।
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