शेष 0.35 प्रतिशत ब्याज का भुगतान इस साल दिसंबर तक अंशधारकों के ईपीएफ खातों में किया जाएगा।
ईपीएफओ ने इससे पहले एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में निवेश किये गये अपने कोष को बाजार में बेचने की योजना बनाई थी। ईपीएफ अंशधारकों को 8.5 प्रतिशत की दर से ब्याज का पूरा भुगतान करने के लिये यह निर्णय लिया गया था लेकिन कोविड-19 के कारण बाजार में भारी उठापटक के चलते ऐसा नहीं किया जा सका।
कोरोना संकट के बीच बैंक लगातार जमा पर ब्याज दरों में कटौती कर रहे हैं, इससे बचत खातों पर मिलने वाला रिटर्न भी कम हो गया है। हालांकि कुछ बैंक अभी भी खास स्थितियों में बचत खातों पर 7 फीसदी तक ब्याज का ऑफर कर रहे हैं। वहीं ग्राहकों को आकर्षिक करने के लिए बचत खाता खोलने पर कई अन्य ऑफर भी दिए जा रहे हैं।
बैंक फिलहाल पर्सनल लोने के लिए 9.6 फीसदी से लेकर 22 फीसदी तक दरें ऑफर कर रहे हैं
प्रमुख ब्याज दरें 0 से 0.25 फीसदी के दायरे के बीच अपरिवर्तित
एक लाख रुपए तक की जमा पर बैंक ने ब्याज दर को 3.5 प्रतिशत पर यथावत रखा है। बैंक के पास करीब छह लाख बचत खाते हैं।
नकदी का प्रवाह बढ़ने और कर्ज की मांग घटने के बाद फैसला
बॉन्ड 28 मई के बैंक के कार्यसमय खत्म होने के बाद से निवेश के लिए उपलब्ध नहीं होंगे
कर्ज की लागत घटने की वजह से बैंक ने MCLR में कटौती की है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बेटियों को बचाने और पढ़ाने वाली महत्वाकांक्षी योजना सुकन्या समृद्धि योजना पर भी ब्याज की दर को घटा दिया गया है।
2020-21 की पहली तिमाही पीपीएफ पर ब्याज 7.1 प्रतिशत होगा
बैंक ऑफ बड़ौदा ने खुदरा, निजी और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (एमएसएमई) उद्योग ऋण के लिए ब्याज दर में 0.75 प्रतिशत की कटौती की है। इसके बाद यह ऋण ब्याज दर 7.25 प्रतिशत तक आ गयी है जो 28 मार्च से मान्य है।
2019-20 के लिए अब 8.5 प्रतिशत की दर से ब्याज का भुगतान किया जाएगा। इससे पहले वित्त वर्ष 2018-19 में पीएफ जमा पर ब्याज की दर 8.65 प्रतिशत थी।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने इस बार भी रेपो रेट में बदलाव नहीं किया है और इसे 5.15 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।
एचडीएफसी बैंक ने अनुमान दिया है कि गुरुवार की पॉलिसी समीक्षा में दरों में बदलाव नहीं होगा
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई) और बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) के खाताधारकों के लिए बड़ी खुशखबरी है।
एक साल के लिए एमसीएलआर 8 प्रतिशत से घटकर अब 7.90 प्रतिशत होगी। बैंक ने अपने बयान में कहा है कि नई दरें 10 दिसंबर से प्रभावी होंगी।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) आर्थिक वृद्धि को रफ्तार देने के लिए नीतिगत दर में लगातार छठवीं बार कटौती कर सकता है।
इससे पहले बैंक ने सितंबर, 2019 में 1 लाख रुपए तक की जमा वाले बचत खातों पर ब्याज की दर 3.5 प्रतिशत तय की थी।
आज (शुक्रवार) से बैंक और लेन-देन से जुड़े कई ऐसे नियमों में बदलाव होने जा रहे हैं जिसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा।
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