जेएनयू प्रशासन की सलाह को अनदेखा करके लेफ्ट विंग के छात्र डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग पर अड़े रहे। बिजली काटे जाने के बाद झुंड में जमा छात्र मोबाइल पर इस डॉक्यूमेंट्री को देख रहे हैं। इसी दौरान वहां पर जमा हुए लेफ्ट विंग के छात्रों पर पथराव किया गया।
PM Modi पर बनी विवादित डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर जेएनयू में बवाल हो गया। JNU प्रशासन की सलाह को अनदेखा करके लेफ्ट विंग के छात्र डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग पर अड़े रहे। #bbcdocumentary #jnuprotest #jnudocumentary
बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री India: The Modi Question को भारत में बैन कर दिया गया है बावजूद इसके कुछ लोग प्रोपेगेंडा फैलाने में जुटे हैं। दिल्ली में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आयशी घोष ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री दिखाने को लेकर पर्चे बांटे।
NAAC A++ Ranking: पूरे 17 साल बाद यूनिवर्सिटी को ये उपलब्धि मिली है। NAAC ने गोरखपुर यूनिवर्सिटी को A++ कैटेगरी दी है। इसके साथ ये यूनिवर्सिटी जामिया और जेएनयू के बराबर आ गई है।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की कुलपति शांतिश्री धुलिपुडी पंडित ने कहा है कि उनका विश्वविद्यालय पिछले 75 साल से झूठी बुनियाद पर इतिहास लिख रहा है। शिवाजी महाराज की मां जीजामाता की जयंती के मौके पर उन्होंने ये बात कही।
JNU का यह स्कूल राज्यों के पैसों से बन रहा है। हर राज्य अपने केंद्र के लिए पैसा दे रहा है। JNU VC शांतिश्री डी पंडित ने कहा कि कई राज्यों ने इस संबंध में दिलचस्पी दिखाई है और तमिलनाडु पहला राज्य है जिसने अपने केंद्र के लिए 10 करोड़ रुपये दिए हैं।
जेएनयू में हुए विवाद पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने जमकर निशाना साधा है। मंत्री ने कहा कि सनातन धर्म की परिभाषा बदलने की कोशिश सदन में बैठे लोगों नहीं करनी चाहिए।
जेएनयू के वाइस चांसलर ने मामले की जांच कराने का आदेश जारी कर दिया है। उन्होंने इस संबंध में जल्द से जल्द पूरी रिपोर्ट मांगी है। निवर्सिटी कैंपस के अंदर दीवारों पर असामाजिक तत्वों ने जाति विशेष के खिलाफ अमर्यादित नारे लिखे थे।
जेएनयू फिर से विवादों में छा गया है। इस बार कैंपस की दीवारों पर ब्राह्मण और बनिया विरोधी विवादित नारे लिए गए हैं।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविधालय एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार देश विरोधी नारे के आरोप में नहीं बल्कि जेनयू कैंपस की दीवारों पर ब्राह्मणों के खिलाफ नारे लिखे गए हैं।
जेएनयू ने आज यानी 13 नवंबर को पीजी और एडीओपी एडमिशन के लिए तीसरी मेरिट लिस्ट जारी की है। जेएनयू पीजी तीसरी मेरिट सूची 2022 विश्वविद्यालय के प्रवेश पोर्टल पर जाकर देख सकते हैं।
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में एक बार फिर बवाल हुआ है। यहां यूनिवर्सिटी के परिसर में छात्रों के दो समूहों में जमकर झगड़ा हुआ है। हालांकि पुलिस का कहना है कि लड़ाई दो छात्रों के समूह के बीच थी। इस घटना में कोई राजनीतिक समूह शामिल नहीं है।
मौजूदा वल्र्ड यूनिवर्सिटी क्यूएस रैंकिंग में अमेरिका की 135 यूनिवर्सिटीज को स्थान मिला है। वर्ल्ड यूनिवर्सिटी क्यूएस रैंकिंग में अमेरिकी यूनिवर्सिटियों का 19.2 फीसदी हिस्सा है। इस रैंकिंग में अमेरिका की 30 यूनिवर्सिटी टॉप 100 में शामिल हैं। वहीं दूसरे नंबर पर ब्रिटेन के कुल 67 यूनिवर्सिटी शामिल हैं।
क्यूएस वल्र्ड यूनिवर्सिटी सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग में भारत में दूसरे नंबर पर IIT दिल्ली है। IIT दिल्ली को वैश्विक रैंक में 321 से 340 के बीच जगह मिली है। IIT दिल्ली, रोजगार और पर्यावरण के लिए भारतीय संस्थानों में दूसरे नंबर पर आया है।
लिस्ट में शामिल अन्य भारतीय विश्वविद्यालयों में IIT रुड़की, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, जादवपुर विश्वविद्यालय, भारतीय विज्ञान संस्थान, IIT खड़गपुर, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, बिड़ला प्रौद्योगिकी संस्थान हैं और विज्ञान पिलानी के साथ-साथ IIT गुवाहाटी (IITG) और IIT मद्रास भी शामिल है।
JNU-UG कोर्सेस के लिए अपनी दूसरी मेरिट लिस्ट जारी कर दी है। एंट्रेस एग्जाम पास करने वाले अभ्यर्थी लिस्ट चेक कर सकते हैं। छात्र नीचे बताए गए स्टेप्स की मदद से लिस्ट में अपना नाम चेक कर सकते हैं।
Umar Khalid News: JNU के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद की जमानत याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। जस्टिस सिदार्थ मृदुल और जस्टिस रजनीश भटनागर की बेंच ने ये फैसला सुनाया है। गौरतलब है कि उमर खालिद जेएनयू में उस समय काफी सुर्खियों में रहे थे, जब कन्हैया कुमार को गिरफ्तार किया गया था।
JNU Admission 2022: सामान्य वर्ग, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के उम्मीदवारों के लिए रजिस्ट्रेशन शुल्क 250 रुपये और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और दिव्यांग व्यक्तियों के लिए रजिस्ट्रेशन शुल्क 100 रुपये है।
Delhi News: दीक्षित ने आरोप लगाया कि छुट्टी लेने के बाद उन्हें और उनके पति को धमकी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि अगर उनके होने वाले बच्चे को कोई नुकसान होता है, तो इसके लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा।
Manusmriti: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति शांतिश्री धूलिपुडी पंडित ने हाल ही में प्राचीन संस्कृत ग्रंथ मनुस्मृति की लिंग भेद को लेकर आलोचना की थी।
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