Joshimath में प्रभावितों को मदद का ऐलान किया गया है। उत्तराखंड सरकार प्रभावित परिवारों को देगी डेढ़-डेढ़ लाख रुपए दिए जाने की बात कही गई है। #joshimathrescue #superfast200 #top200
उत्तराखंड के जोशीमठ में संकट कम नहीं हुआ है। अब तक करीब पांच सौ परिवारों को राहत कैंप में शिफ्ट किया जा चुका है, तो वहीं सीएम धामी खुद जोशी मठ में कैंप कर रहे हैं।
Uttarakhand के Joshimath में करीब 500 परिवारों को राहत कैंप में शिफ्ट किया जा चुका है तो वहीं, CM Pushkar Singh Dhami खुद जोशीमठ में कैंप कर रहे हैं। #JoshimathRescue #JoshimathDemolition #super100
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भूधंसाव से प्रभावित मकानों को गिराने संबंधी अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील करते हुए लोगों से कहा कि इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
जोशीमठ मामले को लेकर एनटीपीसी की टनल को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। एक तरफ टनल पर आरोप लग रहे हैं कि उसकी वजह से जोशीमठ की ये हालत हुई है, वहीं एनटीपीसी के सूत्रों का कहना है टनल इस मामले के लिए जिम्मेदार नहीं है।
जोशीमठ को बचाने के लिए आज बड़े एक्शन की तैयारी है। दो होटल गिराए जाने हैं, लेकिन विरोध प्रदर्शन की वजह से अभी तक होटल तोड़ने की कार्रवाई शुरू नहीं हो सकती है.। खराब मौसम की वजह से भी कार्रवाई शुरू करने में दिक्कत आ रही है।
उत्तराखंड के जोशीमठ को बचाने की कोशिशें जारी हैं लेकिन अभी तक खतरनाक होटलों को गिराने का काम शुरू नहीं हो पाया है। इसके पीछे 2 वजहें सामने आई हैं। होटल मालिकों ने होटलों को गिराने के मामले को लेकर हंगामा भी किया था।
उत्तराखंड में जोशीमठ जैसी और भी आपदाएं आ रही हैं। पौड़ी, बागेश्वर, उत्तरकाशी, टिहरी गढ़वाल और रुद्रप्रयाग का भी यही हश्र हो सकता है। इन जिलों के स्थानीय लोगों को जोशीमठ जैसे संकट का खौफ है।
Joshimath को बचाने की आखिरी कोशिशें शुरू हो गई हैं। आज उन दो होटलों को ढहाया जाएगा जिन्हें कल ध्वस्त किया जाना था। प्रशासन का कहना है कि नियमों का उल्लंघन करके होटल बनाया गया है इसलिये उसे गिराया जा रहा है। #JoshimathCrisis
मौसम विभाग ने आज जोशीमठ में बारिश और बर्फबारी की भी आशंका जताई है। अगर इन हालात में बारिश होती है तो जोशीमठ पर खतरा और बढ़ सकता है।
Joshimath को बचाने की आखिरी कोशिशें शुरू हो गई हैं। आज उन दो होटलों को ढहाया जाएगा जिन्हें कल ध्वस्त किया जाना था। प्रशासन का कहना है कि नियमों का उल्लंघन करके होटल बनाया गया है इसलिये उसे गिराया जा रहा है। #JoshimathCrisis #joshimathnews
Uttarakhand के Joshimath के उन दोनों होटलों का Demolition शुरू होने वाला है, जो झुक गए हैं। वहीं Joshimath में बदरीनाथ की तर्ज पर मुआवजा दिए जाने की मांग पर महिलाओं ने धरना दिया हुआ है।#JoshimathRescue #JoshimathDemolition
Uttarakhand के Joshimath के उन दोनों होटलों का Demolition शुरू होने वाला है, जो झुक गए हैं। कल लोगों के Protest की वजह से होटल को गिराने का काम रोक दिया गया था। केंद्र सरकार भी हालात पर नजर बनाए हुए है। #JoshimathRescue #JoshimathDemolition #super100
Uttarakhand के Joshimath के उन दोनों होटलों का Demolition शुरू होने वाला है, जो झुक गए हैं। कल लोगों के Protest की वजह से होटल को गिराने का काम रोक दिया गया था। केंद्र सरकार भी हालात पर नजर बनाए हुए है।#JoshimathRescue #JoshimathDemolition
जोशीमठ का काउंटडाउन शुरु हो गया है। NDRF, SDRF, PAC, फायर ब्रिगेड की टीम जोशीमठ पहुंच चुकी है। Uttarakhand प्रशासन के बड़े अफसर भी जोशीमठ में मौजूद हैं। तैयारी पूरी हो चुकी है। कल किसी भी वक्त जोशीमठ के 2 होटल्स पर बु #joshimath #joshimathlandsinking #joshimathcrisis
क्या जोशीमठ की आपदा मानव निर्मित है? ये सवाल इसलिए अहम है क्योंकि बार-बार चेतावनी के बावजूद प्रशासन ने कोई पहल नहीं की. साल 1976 में ही जोशीमठ को लेकर सरकार को MC Mishra ने चेतावनी दी थी.
Uttarakhand के जोशीमठ में लगातार हालात बिगड़ते चले जा रहे हैं। प्रशासन पहले ही प्रभावित मकानों वाले इलाक़े को डेंजर जोन घोषित कर चुका है। अब दरकते भवनों को जमींदोज करने का काम शुरु हो रहा है।
Uttarakhand के जोशीमठ में लगातार हालात बिगड़ते चले जा रहे हैं। प्रशासन पहले ही प्रभावित मकानों वाले इलाक़े को डेंजर जोन घोषित कर चुका है। अब दरकते भवनों को जमींदोज करने का काम शुरु हो रहा है।
Uttarakhandजोशीमठ में आज जो कुछ हो रहा है इसकी जिम्मेदारी कौन-कौन सी सरकारों पर जाएगी? आशियानें गिर जाएंगे गुनहगार कब जाएंगे? जोशीमठ में बार-बार चेतावनी के बावजूद क्यों सोती रही प्रशासन?
फिलहाल लोगों को जोशीमठ से सुरक्षित बाहर निकालना ही एकमात्र उपाय है। हालांकि लोग आसानी से अपना घर-बार छोड़ने को तैयार नहीं हैं। वे विरोध कर रहे हैं। उनकी भावनाएं समझी जा सकती हैं क्योंकि जहां पीढ़ियों से रह रहे हैं।
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