जोशीमठ के लोगों का दर्द है कि खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। घरों और सड़कों पर पड़ी दरारें की चौड़ाई लगातार बढ़ रही है। डेंजर जोन से लोगों को शिफ्ट किया जा रहा है।
जोशीमठ में आई पहाड़ फाड़ आफत लगातार बढ़ती जा रही है। जोशीमठ के हालात से निपटने के लिए देहरादून से लेकर दिल्ली तक सरकार एक्शन में हैं। यहां आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी स्थित नृसिंह मंदिर परिसर में दरारें आ गई हैं। शिव मंदिर भी धंस चुका है। यहां अभी तक 678 जगहों पर दरारें आ चुकी है।
Joshimath को बचाने के लिए प्रशासन का एक्शन जारी है। इस वक़्त Joshimath के 'Mount View' और 'Malari In' होटलों को तोड़ा जा रहा है। इसी बीच वहां के लोगों ने बताया कि कैसे वो अपना गुजर-बसर कर रहे हैं। #JoshimathDemolition #JoshimathLatestNews
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने हालांकि इस मामले पर तत्काल सुनवाई के लिए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती द्वारा दायर याचिका को सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया।
Joshimath को बचाने के लिए प्रशासन का एक्शन जारी है। बद्रीनाथ रोड पर बने दो होटलों को तोड़ने का काम जारी है। इस वक़्त Joshimath के 'Mount View' और 'Malari In' होटलों को तोड़ा जा रहा है। #JoshimathDemolition #JoshimathLatestNews
Joshimath में इमारतों और ज़मीन की दरारें चौड़ी होती जा रही हैं और जैसे जैसे दरारें चौड़ी हो रही है Joshimath पर संकट भी बढ़ता जा रहा है।#JoshimathDemolition #JoshimathLatestNews #JoshimathHotelsJoshimath News
Joshimath में इमारतों और ज़मीन की दरारें चौड़ी होती जा रही हैं और जैसे जैसे दरारें चौड़ी हो रही है Joshimath पर संकट भी बढ़ता जा रहा है। सबसे पहले Joshimath के वो दो होटल गिराए जा रहे हैं जो सबसे ज़्यादा बुरी हालत में हैं। #JoshimathDemolition #JoshimathLatestNews
Joshimath में इमारतों और ज़मीन की दरारें चौड़ी होती जा रही हैं और जैसे जैसे दरारें चौड़ी हो रही है Joshimath पर संकट भी बढ़ता जा रहा है। जिन होटलों और मकानों में ज़्यादा दरारें हैं उन्हें गिराने का काम शुरू हो गया है।#JoshimathDemolition
Joshimath में इमारतों और ज़मीन की दरारें चौड़ी होती जा रही हैं और जैसे जैसे दरारें चौड़ी हो रही है Joshimath पर संकट भी बढ़ता जा रहा है। जिन होटलों और मकानों में ज़्यादा दरारें हैं उन्हें गिराने का काम आज से शुरू हो जाएगा।#joshimath #joshimathnewstoday
जोशीमठ में जमीन धंसने के चलते असुरक्षित हो चुके भवनों को गिराने का अभियान आज मंगलवार से शुरू किया जा रहा है। आज जोशीमठ के दो होटल्स 'होटल मलारी' और 'माउंट व्यू' को हटाया जाएगा।
Joshimath के हालात से निपटने के लिए आज से जल शक्ति मंत्रालय की टीम अपना सर्वे का काम शुरू करेगी। वहीं, आज गृह मंत्रालय से भी एक टीम Joshimath पहुंच रही है जो हालात का जायजा लेगी। #joishimath #joshimathsinking #rajanthsingh
क्या जोशीमठ में रह रहे लोगों को शिफ्ट कराना ही होगा? क्या पूरा जोशीमठ देहरादून शिफ्ट होगा? क्या है सरकार का प्लान? क्या है लोगों के मन में ? देखिए इस रिपोर्ट में..
जोशीमठ को बचाने का एक्शन प्लान तैयार कर लिया गया है. सरकार ने लोगों को शिफ्ट करवाने के लिए प्रशासन को आदेश दिया है. लोगों को शिफ्ट करने का काम शुरू भी हो चुका है.
जोशीमठ बर्फ से ढके पहाड़ों के बीच कई पगडंडियों और प्राचीन मार्गों का प्रवेश द्वार है। यहां पहुंचने के लिए आप ट्रेन, प्राइवेट टैक्सी और बस से पहुंच सकते हैं।
जोशीमठ के कई इलाकों में आ रही दरारों और जमीन के धंसाव को लेकर लोगों में दहशत के साथ ही आक्रोश भी है। इसी बीच उत्तराखंड की पुष्कर धामी सरकार समस्या से निपटने के लिए एक्शन के मोड में आ गई है। इसके चलते 81 लोगों को अब तक शिफ्ट किया जा चुका है। आपात मीटिंग में कई अहम निर्णय लिए गए हैं।
अगस्त 2022 से उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा किए गए एक सर्वे के अनुसार, जोशीमठ के धंसने में भूगर्भीय कारक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। अत्यधिक भारी बारिश और बाढ़ ने भी जोशीमठ के धंसने में योगदान दिया है।
जोशीमठ में घरों और ज़मीन पर पड़ी दरारें हर घंटे चौड़ी होती जा रही हैं। प्रशासन ने डेंज़र ज़ोन के घरों पर लाल निशान लगा दिए हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है।
आपदा की दृष्टि से उत्तराखंड बेहद संवेदनशील है। यहां कभी भूकंप से तबाही मचती है, तो कभी जलप्रलय से इस बार भगवान बदरीनाथ धाम के प्रवेशद्वार जोशीमठ से आपदा की आहट आ रही है। यहां घरों पर दरारें पड़ गई हैं, जमीन के नीचे पानी की हलचल साफ सुनाई दे रही है।
Uttarakhand के Joshimath में जमीन धंसने का सिलसिला जारी है। इस बीच राज्य सरकार की एक्सपर्ट की सर्वे रिपोर्ट भी आ गई है। इस बीच आज केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की एक्सपर्ट टीम जोशीमठ पहुंच रही है। #joshimathsinking #joshimath
प्रदेश सरकार ने रिपोर्ट के आधार पर जोशीमठ शहर में जानमाल की सुरक्षा के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। शहर के लगभग डेढ़ किलोमीटर के भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्र को आपदाग्रस्त घोषित किया गया है।
संपादक की पसंद