समंदर के पानी से ही नमक बनाने की प्रक्रिया की शुरूआत होती है और यही कच्चा नमक बड़ी बड़ी फेक्ट्रियों तक पहुंचता है। शोधकर्त्ताओं का दावा है कि है जब पानी में प्लास्टिक के बेहद छोटे कण होंगे तो वो इस समुद्री नमक के साथ ही देश विदेश की फैक्ट्रियो में भी पहुंच रहे होंगे।
शीतल पेय एवं जलपान के चटपटे उत्पाद बनाने वाली कंपनी पेप्सिको इंडिया ने घोषणा की है कि वह स्वास्थ्यवर्धक प्रोडक्ट पेश करने की रणनीति पर काम करेगी।
कहते हैं न एक चुटकी नमक की वैल्यू ही कुछ और है। अगर खाने में कम पड़ जाए तब भी स्वाद कम हो जाती है और अगर ज्यादा पड़ जाए तब भी स्वाद बिगाड़ देती है।
नमक ना केवल खाने में स्वाद के लिए बल्कि हमारे शरीर की बहुत सी जरूरतों को भी पूरा करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
अरुणाचल प्रदेश में एक ऐसा भी इलाका है, जहां के निवासियों को नमक और चीनी जैसी चीजों के लिए कई गुना दाम चुकाना पड़ रहा है।
खाद्य नियामक FSSAI के एक विशेषज्ञ पैनल ने बहुत अधिक प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों और चीनी की अधिक मात्रा वाले पेय पदार्थों पर अतिरिक्त कर लगाने की सिफारिश की है।
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