Shri Krishna Janmabhoomi Dispute: मथुरा के श्री कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद मामले में सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई है। सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा जिला कोर्ट को आदेश दिया है।
Liquor Ban in Shri krishna janmabhoomi: मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान की 10 किमी की परिधि में कोई शराब का सेवन नहीं कर सकेगा। इस दायरे में बिक्री को बंद कर दिया गया है।
Mathura Court: श्रीकृष्ण जन्म स्थान मंदिर बनाम शाही ईदगाह मस्जिद मामले में आज सुनवाई के दौरान एक और प्रार्थना पत्र पेश किया गया। इसमें शाही ईदगाह मस्जिद में माइक से अजान पर रोक लगाने की न्यायालय से मांग की गई।
Mathura : कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामले में दी गई याचिका पर स्वीकृति के बाद पहली सुनवाई आज गुरुवार को होगी।
मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद पर कोर्ट ने बड़ा फैसला किया है। मथुरा के जिला जज की अदालत में श्रीकृष्ण जन्मभूमि व शाही ईदगाह मामले पर सुनवाई करते हुए गुरुवार को अहम फैसला सुनाया है।
मथुरा की एक अदालत में श्री कृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ भूमि के स्वामित्व की मांग को लेकर याचिका दाखिल की गई, जिसमें श्रीकृष्ण जन्मभूमि में बनी शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की भी मांग की गई है। जानिए places of worship act क्या है?
हिंदू पक्ष का आरोप है कि ईदगाह मस्जिद कृष्ण मंदिर को तोड़कर बनाया गया है, इस विवाद का जल्द से जल्द निपटारा हो। ईदगाह मस्जिद का मामला मथुरा की स्थानीय कोर्ट में चल रहा है। हिंदू पक्षकारों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर इस केस की रोजाना सुनवाई और जल्द से जल्द निपटारा करने का आदेश देने की मांग की है।
उत्तर प्रदेश में मथुरा की एक जिला अदालत ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। जिला न्यायाधीश राजीव भारती 19 मई को अपना निर्णय सुनाएंगे कि यह मामला सुनने योग्य है अथवा नहीं।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर में भोर की मंगला आरती से लेकर रात की शयन आरती तक, तथा अन्य आयोजनों/अनुष्ठानों पर लाउडस्पीकर बजता था और उसकी आवाज परिसर के बाहर भी सुनाई देती थी।
प्रथम परिवादी उत्तर प्रदेश सुन्नी सेण्ट्रल वक्फ़ बोर्ड के चेयरमैन की ओर से इस बार उनका पैरवीकर्ता गैरहाजिर रहा।
90 के दशक मे टीवी पर दिखाए जाने वाले कई सीरियल्स में रामानंद सागर की 'श्रीकृष्णा' आज के दिन इन सभी में खास हो जाता है, जिसे आपमें से कई लोगों ने देखा होगा।
हिंदू संगठन ने कहा कि अगर मस्जिद की प्रबंधन समिति स्वेच्छा से मौजूदा शाही मस्जिद ईदगाह को ध्वस्त कर देती है और जमीन समिति को सौंप दी जाती है तो वह 'चौरासी कोस परिक्रमा' की परिधि के बाहर कुछ और जमीन भी देगी।
अधिवक्ता ने अर्जी पेश कर पुरातत्व विभाग से सर्वेक्षण कराए जाने और ईदगाह की खुदाई कराकर सत्यता का पता लगाने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया है। अदालत ने मामले में सुनवाई के लिए चार मई की तारीख तय की है।
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