पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने एक बार फिर भारत को गीदड़भभकी दी है और कहा है कि सिंधु नदी के एक एक बूंद पर हमारा हक है। एक तरफ उन्हें ऑपरेशन-2 का डर भी सता रहा है।
भारत द्वारा सिंधु जल संधि को रद्द किए जाने के बाद पाकिस्तान और भी ज्यादा आग बबूला हो गया है। पाकिस्तान के कई जिलों में पानी की कमी होने लगी है। वहीं, पाकिस्तान ब्रह्मपुत्र नदी को लेकर प्रोपेगेंडा भी फैला रहा है। इस पर असम के सीएम ने करारा जवाब दिया है।
ग्लेशियर बचाने के लिए आयोजित सम्मेलन में भारत के पर्यावरण मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने कहा कि पाकिस्तान इस मंच का उपयोग ऐसे मुद्दे उठाने के लिए कर रहा है, जो इस मंच के दायरे में नहीं आते हैं।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को अलग-थलग कर दिया है। भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है। भारत ने पाकिस्तान के कई आतंकी ठिकानों को भी नष्ट किया है। भारत द्वारा सिंधु जल संधि के निलंबन को पाकिस्तान 'वाटर बम' बता रहा है।
युद्ध विराम के बाद Indus Water Treaty को लेकर विदेश मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा कि सीजफायर के बाद भी सिंधु जल संधि स्थगित रहेगी।
सिंधु नदी को हिंदू धर्म में पवित्र नदी माना जाता है। प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता इसी के नाम पर है, जिसके प्रमुख स्थल आज के पाकिस्तान में स्थित हैं। प्राचीन सोमनाथ मंदिर के पुनरुद्धार से जुड़े एक अनुष्ठान के लिए पाकिस्तान से सिंधु नदी का जल मांगा गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने "पहले भारत के हक का पानी भी बाहर जा रहा था। अब भारत का पानी भारत के हक में बहेगा। भारत के हक में रुकेगा और भारत के ही काम आएगा।" प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने इस बयान से सिंधु जल समझौते को लेकर भारत का रुख स्पष्ट कर दिया है।
गर्मियों के सीजन में अमूमन चिनाब नदी में 35-40 फुट पानी बहता था, वहां अब तलटही नजर आ रही है। जलप्रवाह कम होने पर कई स्थानों पर सैकड़ों लोग पैदल चिनाब नदी पार करते हुए वीडियो बनाने के लिए उमड़ पड़े।
पाकिस्तान के बड़बोले नेता बिलावल भुट्टो ने भारत को गीदड़ भभकी दी है। बिलावल भुट्टो ने कहा है कि सिंधु दरिया में या तो अब पानी बहेगा, या उनका (भारतीय लोगों) खून बहेगा।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की कार्रवाई से पाकिस्तान बौखला उठा है। पाकिस्तान ने अब भारत को परमाणु हमले की गीदड़ भभकी दी है। सिंधु नदी समझौता रोके जाने से पूरे पाकिस्तान में खलबली मची हुई है।
गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल के साथ बैठक की है। बैठक में इस बात पर चर्चा की गई है कि एक बूंद पानी भी पाकिस्तान न जाए।
अमित शाह ने साफ किया है कि हर राज्य में पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान की जानी चाहिए और उन्हें उनके देश वापस भेजा जाना चाहिए।
पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत की कार्रवाई से पाकिस्तान में खौफ का माहौल है। पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने कहा है कि भारत द्वारा पानी रोकना जंग जैसा माना जाएगा।
भारत की ओर से भेजे गए नोटिस में परिस्थितियों में आए मौलिक और अप्रत्याशित बदलावों पर प्रकाश डाला गया है, जिसके लिए संधि के विभिन्न अनुच्छेदों के तहत दायित्वों की समीक्षा जरूरी है।
सिंधु दर्शन उत्सव को लेह-लद्दाख की सभ्यता का प्रतीक माना जाता है। 1996 से इस उत्सव का शुभारंभ इस मकसद से किया गया था कि यहां के पर्यावरण के साथ संस्कृति और परंपरा को संजोकर रखा जाए।
कंगाल पाकिस्तान अब बूंद बूंद को तरस जाएगा। पाकिस्तान की खेती भारत से बहने वाली नदियों से ही सिंचित होती है। ऐसे में भारत ने बांध बनाकर रावी नदी का पानी रोक दिया। जानिए कितनी नदियों पर पाकिस्तान से भारत का विवाद है, पाकिस्तान की आपत्तियां क्या हैं, आजादी के बाद पानी को लेकर क्या समझौते हुए, जानिए ऐसे सभी सवालों के जवाब।
भूख से बिलबिलाता पाकिस्तान, दो रोटी को मोहताज पाकिस्तान, अपनी बदहाली पर आंसू बहाता पाकिस्तान अब और बुरे हाल में फंसने वाला है। पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों के चलते भारत उसके साथ सिंधु नदी जल समझौते को रद्द करने वाला है। इससे पाकिस्तान के प्यासे मरने की नौबत आने वाली है।
जम्मू-कश्मीर के उड़ी और पुलवामा में पाकिस्तान के आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने उस पर सर्जिकल कार्रवाई की थी। तब से भारत-पाकिस्तान के रिश्ते पूरी तरह बिगड़ गए। इसके बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कह दिया था कि वह पाकिस्तान को कटोरा लेकर भीख मांगने पर मजबूर कर देंगे। पीएम की वह बात सच हुई।
भारत और पाकिस्तान ने नौ वर्षो की वार्ता के बाद 1960 में संधि पर हस्ताक्षर किये थे। विश्व बैंक भी इस संधि के हस्ताक्षरकर्ताओं में शामिल था।
भारत और पाकिस्तान के बीच सितंबर 1960 में सिंधु जल संधि हुई थी। अब इसमें संशोधन के लिए पाकिस्तान को भारत ने नोटिस जारी किया है। सरकारी सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि यह नोटिस इस्लामाबाद द्वारा संधि को लागू करने को लेकर अपने रूख पर अड़े रहने के कारण जारी किया गया है।
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