ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (BBC) के एक दिग्गज संवाददाता को सुरक्षा संबंधी चिंताओं के बीच चीन छोड़कर जाना पड़ा।
चीन के डिटेंशन कैंप्स में उइगर मुसलमानों के साथ हैवानियत की हदें पार होने की खबरें सामने आती रहती हैं।
चीन ने मुस्लिम बहुल शिनजियांग में 135 यातनागृहों को फैक्ट्रियों में तब्दील कर दिया है और उइगरों से इनमें कई घंटों तक लगातार काम ले रहा है।
सयारगुल ने कहा कि हमें हर शुक्रवार सूअर का मांस खाने के लिए मजबूर किया जाता है। उन्होंने जानबूझकर शुक्रवार को चुना है क्योंकि यह मुसलमानों के लिए बेहद पाक दिन होता है।
ताजा मामला सिकंदर हयात नाम के शख्स का है, जिसकी उइगर पत्नी और बेटे को चीन की सरकार ने डिटेंशन कैंप में डाल रखा है।
पिछले कुछ महीनों में जो सबूत सामने आए हैं उनके आधार पर कहा जा सकता है कि ड्रैगन अपने देश में इन अल्पसंख्यकों की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान का नामो-निशान मिटा देना चाहता है।
चीन के शिनजियांग प्रांत में रहने वाले उइगर मुसलमानों पर अत्याचार की खबरों से भले ही चीन इनकार करता रहा हो, लेकिन समय-समय पर कुछ ऐसा लीक हो ही जाता है जिससे ड्रैगन के झूठ की पोल खुल जाती है।
एक बार फिर चीन उइगर मुस्लिमों को लेकर सुर्खियों में हैं। उइगर मुस्लिम हमेशा से चीन की सरकार और सेना के निशाने पर रहे हैं। चीन का मानना है कि उइगर मुस्लिम चीन के लिए खतरा हैं। ताजा घटनाक्रम में एक मस्जिद को गिराकर उसकी जगह पर सार्वजनिक शौचालय बनाने का मामला सामने आया है।
जिस चीन के काउंटर के लिए रफाल आ रहा है उस चीन का एक खौफनाक सच और भी है। जिनपिंग की सरकार अपने ही सवा करोड़ लोगों की जान की दुश्मन बन चुकी है। चीन अब टेक्नोलॉजी की मदद से एक नरसंहार की योजना बना रहा है, जिसमें वो अपने ही देश की उइगर मुसलमानों की आबादी को धर्म के नाम पर निशाना बनाएगा। हैरत की बात ये है कि इसमें चीन को पाकिस्तान की भी पूरी सपोर्ट मिल रही है।
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