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अंटार्कटिका में विशालकाय ग्लेशियर के पिघलने की आशंका, भयावह होंगे परिणाम

अंटार्कटिका में तैर रहे फ्रांस से भी बड़े आकार के ग्लेशियर के जलवायु के गर्म होने के साथ जल्दी पिघलने की आशंका है और इससे समुद्र के जलस्तर में भारी वृद्धि हो सकती है।

Edited by: India TV News Desk
Published : March 20, 2018 16:44 IST
ANTARCTICA- India TV Hindi
ANTARCTICA

सिडनी: अंटार्कटिका में तैर रहे फ्रांस से भी बड़े आकार के ग्लेशियर के जलवायु के गर्म होने के साथ जल्दी पिघलने की आशंका है और इससे समुद्र के जलस्तर में भारी वृद्धि हो सकती है। वैज्ञानिकों ने आज कहा कि टॉटेन ग्लेशियर अंटार्कटिका में सबसे तेज तैरने वाला और सबसे बड़ा ग्लेशियर है। वैज्ञानिक उस पर करीबी नजर रख रहे हैं कि वह कैसे पिघलता है। शोधकर्ताओं ने पहले जितना सोचा था उससे कहीं अधिक आकार में यह ग्लेशियर तैर रहा है। (ड्रग तस्करों के लिए ट्रंप ने की मृत्युदंड की मांग )

यह अध्ययन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि हाल के अध्ययनों में यह पता चला है कि टॉटेन ग्लेशियर का कुछ हिस्सा गर्मी से पहले ही पिघल रहा है। सेंट्रल वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के पॉल विनबेरी ने कहा, ‘‘ इसका मतलब यह भी है कि टॉटेन भविष्य में जलवायु में होने वाले बदलावों के लिहाज से अधिक संवेदनशील है।’’

ग्लेशियर बर्फ का विशालकाय हिस्सा होता है जो कई सदियों में धीरे- धीरे घाटियों, पर्वतों और निचले इलाके की ओर बढ़ता है। उनमें पृथ्वी के ताजा जल की बड़ी मात्रा होती है और जब वे पिघलते हैं तो समुद्र का स्तर बढ़ने में उनका बड़ा योगदान होता है। नासा के अनुसार, वर्ष 2002 से 2016 के बीच अंटार्कटिका में प्रति वर्ष 125 गीगाटन बर्फ पिघली जिससे दुनियाभर में समुद्र स्तर सालाना 0.35 मिलीमीटर बढ़ा।

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