Friday, April 26, 2024
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पूर्व एशियाई देशों में भारत की लगातार बढ़ रही धमक, ASEAN में सिंगापुर के साथ जयशंकर ने की ये बात

सिंगापुर के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बातचीत की है। वह सिंगापुर के राष्ट्रपति षणमुगारत्नम से भी मुलाकात करेंगे। उन्होंने आसियान देशों के क्षेत्रीय राजदूतों के सम्मेलन की इस दौरान अध्यक्षता भी की। भारत ने सिंगापुर के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में अवसर तलाशा।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: October 19, 2023 19:56 IST
विदेश मंत्री एस जयशंकर सिंगापुर के रक्षा मंत्री एनजी इंग हेन के साथ।- India TV Hindi
Image Source : X विदेश मंत्री एस जयशंकर सिंगापुर के रक्षा मंत्री एनजी इंग हेन के साथ।

वियतनाम के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर सिंगापुर पहुंच गए हैं। भारत और सिंगापुर के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में उन्होंने आपसी सहयोग बढ़ाने पर बात की है। जयशंकर ने बृहस्पतिवार को यहां सिंगापुर के रक्षा मंत्री एनजी इंग हेन से मुलाकात की और आसियान तथा पूर्वी एशिया के देशों में भारत के राजदूतों के क्षेत्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता भी की। दक्षिण पूर्व एशिया में अपने दो देशों की यात्रा के दूसरे चरण में सिंगापुर आये जयशंकर सिंगापुर के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति थर्मन षणमुगरत्नम और अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे और द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा करेंगे। 

भारत और सिंगापुर के बीच  आगे साझेदारी के लिए अवसर तलाशेंगे। उन्होंने सिंगापुर के साथ डिजिटलीकरण और कौशल विकास जैसे उभरते क्षेत्रों में डील के अवसर तलाशने की बात कही। विदेश मंत्री ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट में लिखा, ‘‘मेरे मित्र रक्षा मंत्री एन इंग हेन से आज अच्छी मुलाकात हुई। हमारे राजदूतों के सम्मेलन को संबोधित करने के लिए उनका आभार। उनके रणनीतिक ज्ञान और आकलन का हमेशा प्रशंसक रहा हूं।’’ विदेश मंत्री ने आसियान और पूर्वी एशियाई देशों में भारत के राजदूतों के क्षेत्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता की। उन्होंने एक अन्य पोस्ट में लिखा, ‘‘हमारी बातचीत में क्षेत्र के घटनाक्रम का जायजा लिया गया और भारत के लिए उनके प्रभावों का आकलन किया गया।

सिंगापुर के साथ मजबूत रणनीतिक संबंध 

हमारे राजदूतों ने जो जानकारी प्रस्तुत की, वह नीति बनाने के लिए महत्वपूर्ण है।’’ सिंगापुर के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जयशंकर की यात्रा सिंगापुर और भारत के बीच करीबी और दीर्घकालिक संबंधों को रेखांकित करती है। ये संबंध रणनीतिक विश्वास की मजबूत बुनियाद पर बने हैं। इसमें कहा गया, ‘‘यह यात्रा दोनों पक्षों के लिए हमारे द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा करने, भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन के तहत डिजिटलीकरण और कौशल विकास सहित उभरते क्षेत्रों में सहयोग तलाशने और क्षेत्रीय तथा वैश्विक घटनाक्रम पर विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर प्रदान करेगी।’’ जयशंकर यात्रा के अंतिम चरण में वियतनाम से सिंगापुर पहुंचे हैं। (भाषा) 

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