Thursday, March 28, 2024
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Zealandia Continent: दुनिया के '8वें महाद्वीप' का आपको पता है नाम? वैज्ञानिकों ने खोज निकाला, जान लीजिए...

इस महाद्वीप के आकार की अगर बात करें तो यह 18.9 लाख वर्ग किमी में फैला हुआ है। इस महाद्वीप को भी गोंडवाना सुपर कॉन्टिनेंट का ही हिस्सा बताया जा रहा है जिसके टूटने पर अन्य महाद्वीप बने थे। बता दें कि लगभग 50 करोड़ साल पहले गोंडवाना में पश्चिमी अंटार्किटका, पूर्वी ऑस्ट्रेलिया का हिस्सा भी था।

Avinash Rai Written By: Avinash Rai
Updated on: March 24, 2023 12:26 IST
Zealandia Continent Scientist found 8th continent name zealandia size and details- India TV Hindi
Image Source : WIKIPEDIA AND INDIA TV 8वां महाद्वीप बना जीलैंडिया

Zealandia Continent: दुनिया में कितने महाद्वीप हैं? अगर ये सवाल हम आपसे पूछेंगे तो आसानी से आप बोल देंगे 7 महाद्वीप हैं। लेकिन अगर हम आपको कहें कि एक आठवां महाद्वीप भी है तो आपकी इच्छा होगी कि उस महाद्वीप के बारे में जानकारी प्राप्त करें। इस खबर में हम आपको उसी '8वें महाद्वीप' के बारे में बताने वाले हैं। इस महाद्वीप के अस्तित्व पर वैज्ञानिकों द्वारा मुहर लगा दी गई है। यह लगभग 375 साल पुराना महाद्वीप बताया जा रहा है। इस महाद्वीप का नाम जीलैंडिया (Zealandia) है। इस महाद्वीप पर किसी का जा पाना संभव नहीं है क्योंकि यह महाद्वीप पानी के अंदर डूबा हुआ है।  

जीलैंडिया का आकार

इस महाद्वीप के आकार की अगर बात करें तो यह 18.9 लाख वर्ग किमी में फैला हुआ है। इस महाद्वीप को भी गोंडवाना सुपर कॉन्टिनेंट का ही हिस्सा बताया जा रहा है जिसके टूटने पर अन्य महाद्वीप बने थे। बता दें कि लगभग 50 करोड़ साल पहले गोंडवाना में पश्चिमी अंटार्किटका, पूर्वी ऑस्ट्रेलिया का हिस्सा भी था। हालांकि जीलैंडिया 10.5 करोड़ साल पहले गोंडवाना से अलग होने लगा। यह एक तरफ टूटता गया और दूसरी तरफ समुद्र में समाहित होता गया। वर्तमान में इसका लगभग इसका 5 फीसदी भूमि का हिस्सा ही समुद्र के ऊपर है। बाकी का हिस्सा जलमग्न है. वैज्ञानिकों द्वारा इस बाबत जानकारी जुटाई जा रही है कि आखिर यह 8वां महाद्वीप गोंडवाना से टूटा क्यों था।

400 साल बाद बनी सहमति

टाइम्स नाउ में प्रकाशित एक लेख के मुताबिक साल 2017 में भूवैज्ञानिकों ने अंतत: जीलैंडिया के अस्तित्व की पुष्टि की। जबकि इससे पहले 1642 ईस्वी में एक डच व्यवसायी और नाविक एबेल तस्मान द्वारा इस बाबत रिकॉर्ड तैयार किया गया था। लेकिन दुनियाभर के वैज्ञानिकों को इसपर सहमत होने में 400 से अधिक सालों का समय लग गया। जानकारी के मुताबिक इस महाद्वीप का ज्यादातर हिस्सा जलमग्न है। यानी यह पानी के 2 किमी की गहराई में समाहित है। वैज्ञानिक अबतक यह समझ नहीं पाए हैं कि जीलैंडिया गोंडवाना से क्यों अलग हुआ था। 

 

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