Sunday, May 19, 2024
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कुलभूषण जाधव मामले की सुनवायी पारदर्शी तरीके से हुई

पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव की सजा के अपने रूख पर कायम रहते हुए आज कहा कि सैन्य अदालत का फैसला विशिष्ट सबूत पर आधारित था और सुनवायी पारदर्शी तरीके से हुई।

India TV News Desk
Published on: April 27, 2017 18:41 IST
Kulbhushan Jadhav case was heard in a transparent manner- India TV Hindi
Kulbhushan Jadhav case was heard in a transparent manner

इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव की सजा के अपने रूख पर कायम रहते हुए आज कहा कि सैन्य अदालत का फैसला विशिष्ट सबूत पर आधारित था और सुनवायी पारदर्शी तरीके से हुई। पाकिस्तान का यह अभिकथन भारत की ओर से सेवानिवृत्त नौसेना अधिकारी जाधव की मां की एक अपील अपीलीय अदालत को सौंपने के एक दिन बाद आया है। भारत ने ऐसा करके जाधव की दोषसिद्धि को पलटने की प्रक्रिया की शुरूआत की जिसे फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल ने मौत की सजा सुनायी है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने दावा किया कि जाधव के खिलाफ जासूसी के लिए देश के कानून के तहत एक पारदर्शी तरीके से मामला चलाया गया। (अमेरिका-कोरिया की अब कोई भी बेवकूफी कर देगी दुनिया को खत्म)

रेडियो पाकिस्तान ने जकारिया के हवाले से कहा कि जाधव की सजा विशिष्ट सबूत के साथ ही उनके इकबालिया बयान पर आधारित थी जिससे देश में आतंकवादी नेटवर्क को ध्वस्त करने में मदद भी मिली। जकारिया ने यह टिप्पणी जाधव की ओर से अपील भारतीय उच्चायुक्त गौतम बम्बावाले द्वारा पाकिस्तान की विदेश सचिव तहमीना जांजुआ को देने के एक दिन बाद की है। बम्बावाले ने इसके साथ ही जाधव की मां की एक अर्जी भी सौंपी जिसमें जाधव की रिहायी के लिए पाकिस्तान सरकार के हस्तक्षेप की मांग के साथ ही जाधव से मिलने की इच्छा व्यक्त की गई है।

जाधव को इस महीने के शुरू में मौत की सजा सुनायी गई थी जिस पर भारत में तीखी प्रतिक्रिया हुई। भारत ने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि यदि यह पूर्वनियोजित हत्या हुई तो उसे इसके परिणाम भुगतने होंगे और इससे द्विपक्षीय संबंध को भी नुकसान पहुंचेगा। जकारिया ने इस दौरान यह भी दावा किया कि इसके अकाट्य सबूत हैं कि भारत न केवल आतंकवाद को अंजाम दे रहा है बल्कि उसे अस्थिर करने के लिए अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल कर रहा है।

जकारिया ने कहा कि जाधव के साथ ही तहरीके तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के पूर्व प्रवक्ता एहसानुल्लाह एहसन के बयानों से पाकिस्तान में आतंकवाद को प्रायोजित करने में भारत की भूमिका पूरी तरह से उजागर हो गई है। उन्होंने कहा, टीटीपी के पूर्व प्रवक्ता एहसानुल्लाह एहसन की ओर से किये गए खुलासे और कुलभूषण जाधव का इकबालिया बयान भारत के खिलाफ अकाट्य सबूत हैं। जकारिया ने दावा किया कि भारत आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए न केवल पाकिस्तान में जासूस भेज रहा है बल्कि देश को अस्थिर करने के लिए अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि इस महीने के शुरू में अफगानिस्तान में अमेरिका द्वारा मदर आफ आल बाम्स से किये गए हमले में 13 भारतीय रॉ एजेंट मारे गए। उन्होंने कहा कि इससे पाकिस्तान के दावों की पुष्टि होती है।

जकारिया ने कहा कि एहसन ने कहा है कि आतंकवादी समूह जमात उल अहरार पाकिस्तान को अस्थिर करने के भारतीय एजेंडा पर काम कर रहा है। जकारिया ने इसके साथ ही कश्मीर में इंटरनेट पर पाबंदी लगाने की भी आलोचना की और दावा किया कि भारत ने यह पाबंदी मानवाधिकार उल्लंघन छुपाने के लिए लगायी है। उन्होंने कश्मीरी नेताओं की कथित गिरफ्तारी की भी आलोचना की। पाकिस्तान के एक सेवानिवृत्त कर्नल के नेपाल में गायब होने पर प्रवक्ता ने कहा कि देश में पाकिस्तान का मिशन इस मामले की गहराई से छानबीन कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह फंसाने का मामला है और भारत की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता। (दुनिया का सबसे बड़ा रेडलाइट एरिया, जिसकी सच्चाई जान कांप जाएंगे आप)

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