Sunday, April 28, 2024
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चीन ने अमेरिका के साथ बढ़ा ली दुश्मनी, क्या रूस-यूक्रेन के बाद दुनिया झेलेगी एक और जंग?

Tension Increased Between China and America: वैसे तो चीन और अमेरिका दोनों एक दूसरे के पुराने दुश्मन हैं। मगर इस बीच दोनों देशों में कुछ ऐसा हो गया है कि तनातनी और अधिक बढ़ गई है। चीन ने ऐसे वक्त में अमेरिका के साथ तनाव बढ़ा लिया है, जब वह भीषण कोरोना महामारी की मार झेल रहा है।

Dharmendra Kumar Mishra Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: December 25, 2022 15:44 IST
चीन के राष्ट्रति शी जिनपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (फाइल)- India TV Hindi
Image Source : AP चीन के राष्ट्रति शी जिनपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (फाइल)

Tension Increased Between China and America: वैसे तो चीन और अमेरिका दोनों एक दूसरे के पुराने दुश्मन हैं। मगर इस बीच दोनों देशों में कुछ ऐसा हो गया है कि तनातनी और अधिक बढ़ गई है। चीन ने ऐसे वक्त में अमेरिका के साथ तनाव बढ़ा लिया है, जब वह भीषण कोरोना महामारी की मार झेल रहा है। इस बार अमेरिका भी चीन को छोड़ने के मूड़ में नहीं है। ऐसे में हालात लगातार गंभीर होते जा रहे हैं। अब लोगों के मन में सवाल उठने लगा है कि क्या दुनिया रूस और यूक्रेन के बाद चीन और अमेरिका के बीच एक और जंग झेलने को मजबूर हो सकती है, क्या चीन और अमेरिका के बीच वर्षों से चल रहा तनाव अब उन्हें जंग की दहलीज तक पहुंचा देगा? आखिर चीन ने ऐसा क्या कर दिया है, जिससे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का संतुलन बिगड़ गया है। चीन को जवाब देने के लिए अमेरिका अब कुछ भी कर सकता है। आइए आपको बताते हैं कि ताईवान पर तनाव के बाद अब अमेरिका और चीन के बीच उपजे नए संघर्ष की वजह क्या है?

अभी हाल ही में अमेरिका ने चीन में मानवाधिकार उल्लंघन मामले में उसके दो शीर्ष अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिया था। अमेरिका ने तिब्बत में चीन के प्रमुख अधिकारी वू यिंगजी और हिमालय क्षेत्र में चीन के पुलिस प्रमुख झांग होंगबो पर शिकंजा कसा था। इन पर कैदियों की हत्या करने और जबरन नसबंदी का आरोप है। अमेरिका की इस कार्रवाई से ही चीन बौखलाया हुआ था। लिहाजा तिब्बत में मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर अमेरिका द्वारा की गई कार्रवाई के जवाब में चीन ने भी दो अमेरिकी नागरिकों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इससे दोनों देशों में तनाव बढ़ गया है। इससे पहले ताईवान के मसले को लेकर चीन व अमेरिका में तनातनी चल रही थी। आपको बता दें कि चीन में उइगर मुसलमानों के उत्पीड़न को लेकर भी अमेरिका संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव लेकर आया था, लेकिन चीन व रूस ने इसके खिलाफ में वोटिंग करके प्रस्ताव को गिरा दिया था।

चीन के खिलाफ भड़ा बाइडन का गुस्सा

चीन की ओर से अमेरिकी नागरिकों पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद राष्ट्रपति जो बाइडन का गुस्सा भड़क उठा है। चीन को निश्चित ही इसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है। चीन की इस कार्रवाई के बाद अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहाकि चीन पर हमारी कार्रवाइयों का उद्देश्य तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र में बीजिंग को धार्मिक अल्पसंख्यक समूहों के सदस्यों की मनमाने ढंग से हिरासत लेने और उनका शारीरिक शोषण करने से रोकना है। अमेरिकी चीन को ऐसा नहीं करने देगा। अमेरिका का कहना है कि चीनी अधिकारियों ने हजारों तिब्बतियों को जेल में डाल दिया है और उन्हें जबरन यातनाएं दे रहे हैं। यह मानवाधिकारों का हनन है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

चीन ने बताया आंतिरक मामला
अमेरिकी नागरिकों पर प्रतिबंध लगाने के बाद चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरकी नागरिकों --टोड स्टीन और माइल्स यू माओचुन और उनके परिवार के सदस्यों पर चीन में प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। उसने कहा कि चीन में मौजूद उनकी किसी भी संपत्ति को जब्त कर लिया जाएगा और चीन के अंदर उनके किसी भी व्यक्ति या संगठन से संपर्क पर प्रतिबंध रहेगा। नोटिस में कहा गया है कि ये कदम अमेरिका द्वारा तिब्बत मानवाधिकार मुद्दे के बहाने दो चीनी नागरिकों पर प्रतिबंध लगाने के जवाब में है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि चीन इसे अंतरराष्ट्रीय संबंधों के बुनियादी मानदंडों का उल्लंघन मानता है और वह उसी का जवाब दे रहा है। उन्होंने कहा कि स्टीन एवं यू ने तिब्बत और चीन से संबंधित अन्य मुद्दों पर बहुत गलत ढंग से व्यवहार किया। माओ ने कहाकि हम एक बार फिर इस बात पर जोर देना चाहते हैं कि तिब्बत का मामला विशुद्ध रूप से चीन का आंतरिक मामला है और अमेरिका को इसमें हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है। चीन के आंतरिक मामलों में बड़े हस्तक्षेप का चीन की ओर से मजबूत जवाब से दिया जाएगा।

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