Saturday, April 20, 2024
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चीनी सबमरीन पर तैनात घातक मिसाइलें, निशाने पर भारत, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया, जानिए JL-3 की ताकत

China JL-3 Submarine: चीनी सेना को छह जिन-क्लास सबमरीन मिली हैं, जिससे उसकी ताकत काफी बढ़ गई है। इस सबमरीन से मिसाइलें दागी जा सकती हैं। इसकी रेंज 10 हजार किमी तक बताई गई है।

Shilpa Written By: Shilpa @Shilpaa30thakur
Published on: November 21, 2022 16:09 IST
चीन की जेएल-3 सबमरीन है बेहद ताकतवर- India TV Hindi
Image Source : TWITTER चीन की जेएल-3 सबमरीन है बेहद ताकतवर

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने जी20 शिखर सम्मेलन में देश की प्रमुख कूटनीति दिखाई। उन्होंने बैठक की जानकारी मीडिया में सार्वजनिक करने को लेकर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो तक से झगड़ा कर लिया। वहीं अब चीन की ताकत की बात करें, तो पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की पावर छह जिन-क्लास सबमरीन मिलने से और भी ज्यादा हो गई है। जिसमें लंबी दूरी तक मार करने वाली जेएल-3 इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल हैं। कांग्रेशनल रिसर्च सर्विस का अनुमान है कि पुरानी सबमरीन जेएल-2 बैलिस्टिक मिसाइल को लॉन्च कर सकती है, जिसकी रेंज 7200 किलोमीटर तक है। जो चीनी तटीय क्षेत्र के पास अलास्का तक मार कर सकती है। 

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि जेएल-3 की रेंज 10,000 किलोमीटर से ज्यादा हो सकती है। यूएस पैसिफिक फ्लीट के प्रमुख एडमिरल सैम पापारो ने कहा कि पीएलए नेवी की छह जिन-क्लास पनडुब्बियां अब लॉन्ग रेंज इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल जेएल-3 से लैस हैं। उन्होंने कहा कि हम उन पनडुब्बियों पर कड़ी नजर रख रहे हैं। लेकिन ये पनडुब्बियां भी भारत के लिए चिंता का सबब हैं। पापारो के मुताबिक ये मिसाइलें अमेरिका को डराने के लिए बनाई गई हैं।

10 हजार किमी तक है जेएल-3 की रेंज

मिसाइल विशेषज्ञ हैंस क्रिस्टेंसन के मुताबिक, जेएल-3 की रेंज करीब 10,000 किलोमीटर है और यह एक साथ कई वॉरहेड्स ले जा सकती है। अगर इसे दक्षिण चीन सागर से दागा गया तो यह पूरे अमेरिकी महाद्वीप को कवर नहीं कर पाएगी। बोहाई सागर से दागे जाने पर भी यह महाद्वीप के एक हिस्से को ही निशाना बना पाएगी। क्रिस्टेंसन ने कहा कि लंबी दूरी के बावजूद जेएल-3 अमेरिका में कहीं भी हमला नहीं कर सकती।

प्रमुख निशाने कौन से हैं?

चीन की जमीन से दागी गई मिसाइलों से अमेरिका पहले से ही सुरक्षित है। जैसे, मिसाइल की सीमा इंगित करती है कि जेएल-3 का प्राथमिक लक्ष्य प्रशांत महासागर में भारत, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिकी ठिकाने हो सकते हैं। सीमा पर तनाव के बीच चीन अपने वेस्टर्न थिएटर कमांड को मजबूत कर रहा है। आने वाली सर्दियों में लद्दाख में सीमा पर भारतीय सेना की स्थिति रिजर्व के रूप में बुलाए गए तीन पीएलए संयुक्त सशस्त्र ब्रिगेड की गतिविधियों पर निर्भर करेगी।

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