Tuesday, May 07, 2024
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बड़े खतरे की तरफ बढ़ रहा चीन, 2025 से पहले आबादी में दिखेगी निगेटिव ग्रोथ, बस बचा सकते हैं यही तरीके

चीन के जनसांख्यिकी विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले वर्षों में नकारात्मक जनसंख्या वृद्धि लंबे समय तक प्रमुखता से देखने को मिलेगी और जनसंख्या की समग्र गुणवत्ता तथा बदलती आर्थिक विकास योजनाओं में सुधार महत्वपूर्ण है।

Shilpa Edited By: Shilpa
Published on: July 26, 2022 10:56 IST
China Population Growth- India TV Hindi
Image Source : PEXELS China Population Growth

Highlights

  • नकारात्मक वृद्धि के आंकड़े तक पहुंचेगी चीन की आबादी
  • चीन की कुल जनसंख्या वृद्धि दर काफी धीमी हो गई
  • तीसरे बच्चे की नीति समस्याओं को कर सकती है कम

china population 2022: चीन की घटती जनसंख्या 2025 तक नकारात्मक वृद्धि के आंकड़े तक पहुंच जाएगी और यह एक सदी से भी अधिक समय तक सिकुड़ती रह सकती है। यह बात सोमवार को एक मीडिया रिपोर्ट में कही गई है। इसमें समस्या के समाधान के लिए जनसंख्या की समग्र गुणवत्ता और बदलती आर्थिक विकास योजनाओं में सुधार की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला गया है। इना पॉपुलेशन एसोसिएशन के वार्षिक सम्मेलन में बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के जनसंख्या और पारिवारिक मामलों के प्रमुख यांग वेनज़ुआंग ने कहा कि चीन की कुल जनसंख्या वृद्धि दर काफी धीमी हो गई है और वर्तमान 14 वीं पंचवर्षीय योजना अवधि (2021-25) के दौरान नकारात्मक वृद्धि दर्ज होने की उम्मीद है।

ग्लोबल टाइम्स अखबार के अनुसार, चीन के जनसांख्यिकी विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले वर्षों में नकारात्मक जनसंख्या वृद्धि लंबे समय तक प्रमुखता से देखने को मिलेगी और जनसंख्या की समग्र गुणवत्ता तथा बदलती आर्थिक विकास योजनाओं में सुधार महत्वपूर्ण है। सेंटर फॉर चाइना एंड ग्लोबलाइजेशन के जनसांख्यिकी विशेषज्ञ और वरिष्ठ शोधकर्ता हुआंग वेनझेंग ने कहा, 'यह लंबे समय से जारी कम प्रजनन दर का अपरिहार्य परिणाम है।' उन्होंने ग्लोबल टाइम्स से कहा, 'यह अनुमान लगाया जा सकता है कि चीन की जन्म दर एक सदी से भी अधिक समय तक सिकुड़ती रहेगी और प्रथम श्रेणी के शहरों में जन्म दर में गिरावट जारी रहेगी। 

तीसरे बच्चे की नीति कुछ समस्याओं को कम कर सकती है, लेकिन अल्प अवधि में स्थिति में बदलाव की संभावना नहीं है।' रिपोर्ट में कहा गया है कि 29 प्रांतों द्वारा जारी 2021 के जन्म के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले साल नए जन्मों की संख्या कई प्रांतों में दशकों में सबसे कम थी, और उच्चतम जन्म संख्या वाले शीर्ष 10 प्रांतों में से केवल छह में 500,000 से अधिक थे। संयुक्त राष्ट्र की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत अगले साल चीन को दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में पीछे छोड़ सकता है।

भारत आबादी में निकलेगा आगे

इससे पहले एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत के अगले साल दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में चीन से आगे निकल जाने का अनुमान है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई थी। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या प्रखंड के आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग द्वारा ‘विश्व जनसंख्या संभावना 2022’ में कहा गया कि वैश्विक जनसंख्या 15 नवंबर, 2022 को आठ अरब तक पहुंचने का अनुमान है। वैश्विक जनसंख्या 1950 के बाद से सबसे धीमी गति से बढ़ रही है, और 2020 में यह एक प्रतिशत से कम हो गई है। संयुक्त राष्ट्र के नवीनतम अनुमानों से पता चलता है कि दुनिया की जनसंख्या 2030 में लगभग 8.5 अरब और 2050 में 9.7 अरब तक बढ़ सकती है।

अनुमान के मुताबिक इसके 2080 के दौरान लगभग 10.4 अरब लोगों की आबादी के साथ ही शिखर पर पहुंचने और वर्ष 2100 तक उसी स्तर पर बने रहने का अनुमान है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने कहा, “इस वर्ष का विश्व जनसंख्या दिवस (11 जुलाई) एक ऐसे वर्ष के दौरान आता है, जब हम पृथ्वी के आठ अरबवें निवासी के जन्म की उम्मीद कर रहे हैं। यह हमारी विविधता का जश्न मनाने, हमारी समान मानवता को पहचानने और स्वास्थ्य में प्रगति पर आश्चर्य करने का अवसर है जिसने जीवन प्रत्याशा को बढ़ाया है और नाटकीय रूप से मातृ एवं बाल मृत्यु दर में कमी आई है।”

उन्होंने कहा, “इसके साथ ही, यह हमारे ग्रह की देखभाल करने के लिए हमारी साझा जिम्मेदारी की याद दिलाता है और यह प्रतिबिंबित करने का भी वक्त है कि हम अब भी एक दूसरे के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं से कहां चूकते हैं।” रिपोर्ट में कहा गया है, “भारत के 2023 के दौरान दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में चीन से आगे निकलने का अनुमान है।” इसके मुताबिक, 2022 में दुनिया के दो सबसे अधिक आबादी वाले क्षेत्र पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी एशिया थे, जहां 2.3 अरब लोग रह रहे हैं, जो वैश्विक आबादी के 29 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करते हैं। वहीं, मध्य और दक्षिणी एशिया की आबादी 2.1 अरब है जो कुल वैश्विक जनसंख्या के 26 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करती है।

चीन और भारत इन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा आबादी वाले देश हैं। इन दोनों देशों की आबादी 2022 में 1.4 अरब से अधिक है। वैश्विक जनसंख्या में 2050 तक अनुमानित वृद्धि की आधे से अधिक आबादी सिर्फ आठ देशों डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, मिस्र, इथियोपिया, भारत, नाइजीरिया, पाकिस्तान, फिलीपींस और तंजानिया में केंद्रित होगी। रिपोर्ट, “दुनिया के सबसे बड़े देशों में असमान जनसंख्या वृद्धि दर आकार के अनुसार उनकी रैंकिंग को बदल देगी। उदाहरण के लिए, भारत के 2023 में दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में चीन से आगे निकलने का अनुमान है।” रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में भारत की आबादी 1.412 अरब है, जबकि चीन की आबादी 1.426 अरब है।

भारत 2023 तक दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में चीन को पछाड़ देगा, और उसकी आबादी अनुमान के मुताबिक 2050 में 1.668 अरब होगी, जो सदी के मध्य तक चीन की अनुमानित 1.317 अरब आबादी से बहुत आगे है। रिपोर्ट में अनुमान व्यक्त किया गया कि दस देशों से 2010 और 2021 के बीच 10 लाख से अधिक लोग बाहर गए। इनमें पाकिस्तान (2010-21 के बीच एक करोड़ 65 लाख लोग), भारत (35 लाख लोग), बांग्लादेश (29 लाख लोग), नेपाल (16 लाख लोग) और श्रीलंका (10 लाख लोग) शामिल हैं।

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