Sunday, April 28, 2024
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9 महीने पहले हुआ था निधन, परवेज मुशर्रफ की मौत की सजा पर अब होगी सुनवाई, जानिए पूरा मामला

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का निधन इसी साल फरवरी में हो गया था, लेकिन वे अपनी मौत के बाद भी फिर चर्चा में है। अजीब बात यह है कि उनकी मौत के 9 महीने बाद अब जाकर उनकी मौत की सजा पर सुनवाई होगी। जानिए क्या है पूरा मामला?

Deepak Vyas Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Updated on: November 08, 2023 16:57 IST
परवेज मुशर्रफ - India TV Hindi
Image Source : FILE परवेज मुशर्रफ

Parvez Musharraf News: किसी व्यक्ति की मौत के बाद उसकी मौत की सुनवाई... ये सुनकर बड़ा अजीब ही लगता है। लेकिन यह हकीकत है। वो शख्स भी कोई आम शख्स नहीं है बल्कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ हैं। पाकिस्तान के इस पूर्व तानाशाह की फरवरी 2023 में मौत हो गई थी। अब जाकर 9 महीने बाद पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट की विशेष बेंच जनरल मुशर्रफ की ओर से दायर कई याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। पाकिस्तानी अखबार 'डॉन' की रिपोर्ट के अनुसार ये तमाम पिटीशन्स 17 दिसंबर 2019 को पूर्व तानाशाह को सुनाई गई सजा-ए-मौत के खिलाफ दायर की गईं थीं। पाकिस्तान की दो अदालतों ने मुल्क से गद्दारी के आरोप में मुशर्रफ को यह सजा सुनाई थी। उन पर लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार को गिराने के आरोप थे।

10 नवंबर से शुरू होगी सुनवाई

दरअसल पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ की दोषसिद्धि से संबंधित विभिन्न अपील पर सुप्रीम कोर्ट आने वाले शुक्रवार यानी 10 नवंबर से सुनवाई शुरू करेगा। इन विभिन्न अपीलों में परवेज मुशर्रफ की भी एक अपील शामिल है, जिसमें उन्होंने अपनी मौत की सजा को पलटने की गुजारिश की थी। परवेज मुशर्रफ को देशद्रोह के मामले में पाकिस्तान की एक विशेष अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ मुशर्रफ ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।

विशेष अदालत ने सुनाई थी मौत की सजा

17 दिसंबर, 2019 को न्यायमूर्ति वकार अहमद सेठ, न्यायमूर्ति नजर अकबर और न्यायमूर्ति शाहिद करीम की तीन न्यायाधीशों की विशेष अदालत ने संविधान के उल्लंघन के लिए अनुच्छेद 6 के तहत पूर्व राष्ट्रपति और सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ को देशद्रोह का दोषी करार दिया था। इसके बाद मुशर्रफ की गैरमौजूदगी में उन्हें मौत की सजा देने का ऐलान किया गया था।

लाहौर हाई कोर्ट ने रद्द की मौत की सजा

हालांकि विशेष अदालत के इस फैसले पर पाकिस्तान की सेना ने नाराजगी जाहिर की थी। इसके बाद लाहौर उच्च न्यायालय द्वारा मुशर्रफ की मौत की सजा को रद्द कर दिया गया था। खास बात ये है कि लाहौर उच्च न्यायालय ने 9 जनवरी साल 2020 को विशेष अदालत पीठ के गठन को ही असंवैधानिक घोषित कर दिया था। 

मुशर्रफ के वकील सलमान सफदर पेश करेंगे दलीलें

10 नवंबर को पहली सुनवाई में मुशर्रफ की तरफ से उनके वकील सलमान सफदर दलीलें पेश करेंगे। सलमान ने पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट में एक अपील दायर करते हुए कहा था- मेरे मरहूम (दिवंगत) मुवक्किल को जिस तरह से सजा सुनाई गई थी, वो पाकिस्तान के संविधान और कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर 1898 का उल्लंघन है। इसके पहले भी मुशर्रफ की तरफ से उनके वकील ने कुछ याचिकाएं दायर की थीं। इनमें मुशर्रफ की सजा निलंबित करने की मांग की गई थी। 

 

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