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पाकिस्तान की 'परमाणु छतरी' के नीचे रहेगा सऊदी अरब! जानिए नए डिफेंस समझौते पर क्या बोले रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने कहा- हमारे पास जो भी सैन्य क्षमताएं हैं, वे इस समझौते के अनुसार (सऊदी अरब) को उपलब्ध कराई जाएंगी।"

Edited By: Niraj Kumar @nirajkavikumar1
Published : Sep 19, 2025 09:20 pm IST, Updated : Sep 19, 2025 09:26 pm IST
Pakistan, Saudi arab- India TV Hindi
Image Source : PTI पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और सऊदी अरब के किंग

पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हुए नई स्ट्रैटेजिक म्युचुअल डिफेंस एग्रीमेंट के तुरंत बाद पाकिस्तान की ओर से एक ऐसा बयान आया है जिससे मिडिल ईस्ट की राजनीति में हलचल मचानेवाला बयान माना जा रहा है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने कहा कि दोनों देशों के नए रक्षा समझौते के तहत ज़रूरत पड़ने पर देश का परमाणु कार्यक्रम सऊदी अरब को "उपलब्ध कराया जाएगा"। माना जा रहा रहा है कि इस्लामाबाद ने रियाद तक अपनी परमाणु प्रतिरोधक क्षमता का विस्तार किया है। जियो टीवी से बात करते हुए, ख्वाजा आसिफ ने पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच इस हफ़्ते हुए समझौते की गहराई पर ज़ोर दिया।

पाक अपनी सारी सैन्य क्षमताएं सऊदी अरब को उपलब्ध कराएगा

उन्होंने कहा, "मैं पाकिस्तान की परमाणु क्षमता के बारे में एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं। यह क्षमता पाकिस्तान ने बहुत पहले प्राप्त कर ली थी और इसका परीक्षण भी किया गया था। हमारे पास युद्ध के लिए प्रशिक्षित सेनाएं हैं। हमारे पास जो भी क्षमताएं हैं, वे इस समझौते के अनुसार (सऊदी अरब) को उपलब्ध कराई जाएंगी।"

एक देश पर हमला दोनों देशों पर हमला माना जाएगा

इस हफ़्ते हुए इस समझौते में घोषणा की गई है कि किसी एक देश पर हमला दोनों देशों पर हमला माना जाएगा। इस समझौते में पाकिस्तान के परमाणु शस्त्रागार तक सीधी पहुंच शामिल है या नहीं, इस सवाल का न तो इस्लामाबाद और न ही रियाद ने कोई जवाब दिया है। हालांकि, ख्वाजा आसिफ की टिप्पणियां अब तक का सबसे स्पष्ट संकेत हैं कि सऊदी अरब को पाकिस्तान के परमाणु छत्र के नीचे रखा गया है।

इज़रायल के लिए एक बड़ा संकेत 

यह कदम इज़रायल के लिए एक बड़ा संकेत है, जिसे लंबे समय से मध्य पूर्व का एकमात्र परमाणु-सशस्त्र राष्ट्र माना जाता है। पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच यह एग्रीमेंट ऐसे समय में हुआ है जब कतर में हमास नेताओं पर इज़रायली हमले में छह लोगों के मारे गए हैं, जिससे खाड़ी अरब देशों में सुरक्षा संबंधी चिंताएं फिर से बढ़ गई हैं क्योंकि गाजा में इज़राइल-हमास युद्ध जारी है।

सऊदी अरब लंबे समय से कर रहा था पाक की मदद

सऊदी अरब लंबे समय से पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़ा हुआ है। रिटायर्ड पाकिस्तानी ब्रिगेडियर जनरल फिरोज हसन खान ने पहले कहा था कि रियाद ने "पाकिस्तान को उदार वित्तीय सहायता प्रदान की जिससे परमाणु कार्यक्रम जारी रह सका, खासकर जब देश प्रतिबंधों के अधीन था।" पाकिस्तान को खुद परमाणु हथियारों की खोज के लिए वर्षों तक अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा, और जो बाइडेन प्रशासन के अंत में उसके बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम पर अतिरिक्त दंड लगाया गया।

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