Sunday, April 28, 2024
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पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ को झटका, अयोग्य घोषित करने के लिए कोर्ट में याचिका दायर

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के खिलाफ एक अदालत में याचिका दाखिल की गई है, जिसमें उन्हें अपने भाई नवाज शरीफ के ब्रिटेन में इलाज कराने के बाद वापस लौटने के बारे में अदालत से 'झूठा वादा' करने के लिए अयोग्य करार देने का अनुरोध किया गया है।

Deepak Vyas Edited By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published on: July 05, 2023 16:41 IST
पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ- India TV Hindi
Image Source : FILE पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ

Pakistan News: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को झटका लगा है। उनके खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर ​की गई है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को अयोग्य घोषित करने के लिए अदालत में यह याचिका दायर की गई है। दरअसल, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के खिलाफ एक अदालत में याचिका दाखिल की गई है, जिसमें उन्हें अपने भाई नवाज शरीफ के ब्रिटेन में इलाज कराने के बाद वापस लौटने के बारे में अदालत से 'झूठा वादा' करने के लिए अयोग्य करार देने का अनुरोध किया गया है। 

लाहौर हाईकोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी और कहा कि यह याचिका तब दायर की जानी चाहिए थी, जब शहबाज शरीफ पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान अपना वादा पूरा करने में विफल रहे थे। सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के शीर्ष नेता और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बड़े भाई नवाज शरीफ नवंबर 2019 से ब्रिटेन में स्व-निर्वासन में रह रहे हैं।

याचिकाकर्ता अजहर अब्बास ने दलील दी कि शहबाज शरीफ ने नवंबर 2019 में लाहौर हाईकोर्ट की दो-सदस्यीय पीठ के समक्ष ‘झूठा हलफनामा’ दाखिल किया था कि अगर उन्हें यानी नवाज शरीफ को इलाज के लिए विदेश जाने की परमिशन दी जाती है, तो वह चार सप्ताह के अंदर अपने बड़े भाई की वापसी सुनिश्चित करेंगे। 

संविधान का हवाला देते हुए अयोग्य ठहराने की कोर्ट से गुहार

याचिकाकर्ता ने कहा कि लाहौर हाईकोर्ट ने शहबाज शरीफ के हलफनामे को स्वीकार कर लिया था और नवाज शरीफ (73) को इलाज के सिलसिले में चार सप्ताह के लिए विदेश जाने की अनुमति दी थी। याचिका में आरोप लगाया गया है कि नवाज शरीफ नवंबर 2019 से यूरोप और खाड़ी देशों की यात्रा कर रहे हैं, लेकिन शहबाज शरीफ के हलफनामे के अनुसार पाकिस्तान नहीं लौट रहे। इसके अलावा, ऐसा प्रतीत होता है कि नवाज शरीफ ने अदालत से राहत पाने के लिए अपनी बीमारी का बहाना बनाया था। याचिकाकर्ता ने अदालत से गुहार लगाई कि 71-वर्षीय शहबाज शरीफ को संविधान के अनुच्छेद 62 और 63 के प्रावधानों के तहत अयोग्य ठहराया जाना चाहिए। 

सहायक अटॉर्नी जनरल ने याचिका पर जताई आपत्ति

सहायक अटॉर्नी जनरल शिराज जाका ने रिट याचिका पर आपत्ति जताते हुए कहा कि याचिकाकर्ता इस मामले में पीड़ित व्यक्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को उस समय की संघीय सरकार (इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की सरकार) ने विदेश जाने की अनुमति दी थी। उन्होंने तर्क दिया कि यदि याचिकाकर्ता को लगता है कि कोई अपराध हुआ है तो उसके पास उचित मंच पर जाने का विकल्प है। 

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