Book On Vegetables: लंदन में इस सप्ताह एक नई किताब प्रकाशित हुई है जो अपने आप में खास है। इस किताब में तरह-तरह की भारतीय सब्जियों और उनके सेहतमंद गुणों के बारे में जानकारी दी गई है। किताब में मसालों और सब्जियों को पकाने के बारे में भी विस्तार से लिखा गया है। लंदन में रेस्तरां संचालित करने वाली कैमेलिया पंजाबी लेखिका भी हैं, जिनका जन्म मुंबई में हुआ था। उन्होंने अपनी किताब 'वेजिटेबल्स: द इंडियन वे' में भारत के सभी भागों से सब्जियों और दालों की एक विस्तृत शृंखला को शामिल करते हुए 120 व्यंजनों को एक साथ एक ही पुस्तक में प्रस्तुत किया है।
कैमेलिया ने आयुर्वेदिक प्रभाव के बारे में भी बताया
वर्षों के शोध के बाद, कैमेलिया ने पारंपरिक खाना पकाने की तकनीकों में पोषण संबंधी गुणों और उनके आयुर्वेदिक प्रभाव के बारे में भी बताया है। कैमेलिया ने यहां पिकाडिली सर्कस में अपने परिवार के रेस्तरां मसाला जोन में एक प्रकाशन कार्यक्रम के दौरान कहा, "मुझे लगा कि अब समय आ गया है कि सब्जियों को अलग नजरिए से देखा जाए, बजाय इसके कि उन्हें रेस्तरां मेन्यू के अंत में, अक्सर साइड डिश के रूप में रखा जाए।"
कोविड महामारी के दौरान मिला मौका
कैमेलिया पंजाबी ने कहा, “मैंने सोचा, क्यों ना सब्जियों को एक-एक करके वर्गीकृत किया जाए, उनकी पूरी कहानी बताई जाए और उनकी रेसिपी इस आधार पर दी जाए कि वो कैसे उगती हैं जैसे, जमीन के नीचे, जमीन पर, झाड़ी पर, पानी के नीचे या पेड़ पर।” अपनी बेस्टसेलिंग पाककला पुस्तक ‘50 ग्रेट करीज ऑफ इंडिया’ के प्रकाशन (30 साल पहले) के समय से ही इस नई किताब का विचार उनके मन में था लेकिन इसे अध्यायों में ढालने का मौका आखिरकार कोविड महामारी के दौरान लॉकडाउन में मिला।
कैमेलिया ने गहराई से की पड़ताल
कैमेलिया पंजाबी इसका श्रेय अपनी बहन और रेस्तरां व्यवसाय में साथी नमिता, बहनोई रंजीत माथरानी को देती हैं, जिन्होंने लंदन में लॉकडाउन के दौरान उन्हें कागज पर कलम चलाने के लिए प्रेरित किया। किताब की टैगलाइन ‘साधारण से खास तक की रेसिपी का संपूर्ण संग्रह’ इस बात को दर्शाती है कि कैमेलिया ने हर जानी पहचानी और कम जानी जाने वाली रेसिपी की गहराई से पड़ताल की है, जैसे करेला और रक्त शर्करा नियंत्रण का संबंध या दाल और चावल का ऐसा मेल जो शरीर को जरूरी अमीनो एसिड्स के साथ भोजन को संपूर्ण और पौष्टिक बनाता है।
हर्बल विशेषज्ञों और आयुर्वेदाचार्यों से ली सलाह
कैमेलिया ने याद करते हुए कहा, “पश्चिमी सब्जियों पर तो बहुत सारी किताबें और जानकारी उपलब्ध हैं। इसलिए, मैंने भारत के राष्ट्रीय पोषण संस्थान और दिल्ली के पूसा परिसर में स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान का रुख किया, जिसके बारे में मुझे पहले ज्यादा जानकारी नहीं थी। साथ ही मैंने हर्बल विशेषज्ञों और आयुर्वेदाचार्यों से भी सलाह ली। उन्हें मेरे ढेर सारे सवाल शायद कुछ ज्यादा पसंद नहीं आए लेकिन इसने मेरे अनुसंधान के सफर को बेहद दिलचस्प बना दिया।”
कैमेलिया ने ताज होटल समूह के साथ भी किया है काम
कैमेलिया पंजाबी ने अपने लंबे करियर में ताज होटल समूह के साथ भी काम किया है, साथ ही वह हमेशा सब्जियों से बने व्यंजनों को बढ़ावा देती रही हैं। अपनी नई किताब के माध्यम से वह यह दिखाना चाहती हैं कि सब्जियां सिर्फ स्वाद और स्थायित्व (सस्टेनेबिलिटी) के लिए ही नहीं बल्कि शरीर की ऊर्जा और पाचन से जुड़े स्वास्थ्य (मेटाबॉलिक हेल्थ), पाचन तंत्र की कार्यक्षमता और लंबी उम्र के लिए भी बेहद जरूरी हैं। (भाषा)
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