Thursday, May 02, 2024
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भारत में राम उत्सव की धूम, उधर पुतिन ने बर्फीले पानी में डुबकी लगाई, जानिए क्यों?

रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पुरानी परंपरा के तहत बर्फीले जल में डुबकी लगाई है। 19 जनवरी को यह डुबकी लगाई गई है। एपिफेनी पर्व के तहत हर साल 19 जनवरी को बर्फीले पानी में डुबकी लगाने का पर्व मनाया जाता है।

Deepak Vyas Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published on: January 22, 2024 12:24 IST
बर्फीले जल में पुतिन ने लगाई डुबकी।- India TV Hindi
Image Source : FILE बर्फीले जल में पुतिन ने लगाई डुबकी।

Vladimir Putin News:  22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए कई दिनों से भारत में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की तैयारियों चल रही हैं। उधर, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 19 जनवरी को बर्फीले पानी में डुबकी लगाई है। इसका एक वीडियो भी सामने आया है। रूस में भी एक पर्व मनाया जाता है। हर साल इस पर्व को मनाए जाने के दौरान बर्फीले पानी में डुबकी लगाई जाती है। प्रतिवर्ष 19 जनवरी को रूस में एपिफेनी पर्व सेलिब्रेट किया जाता है। इस दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बर्फीले पानी में डुबकी लगाई है। वैसे तो साइबेरियाई क्षेत्रों में जहां भी तापमान 22 डिग्री सेल्सियस से नीचे था, वहां नहाने के स्पॉट बनाए गए। लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि पुतिन ने किस जगह डुबकी लगाई है।

वैसे पुतिन ने शुक्रवार 19 जनवरी को कहां डुबकी लगाई है, यह जगह नहीं बताई गई है, इसके पीछे की वजह सुरक्षा से जुड़ी हुई है। हालांकि इस वक्त रूस में कड़कड़ाती सर्दी पड़ रही है और फिर भी पुतिन ने पानी में डुबकी लगाई है।

पुतिन ने निभाई परंपरा

मॉस्को टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार जब पेसकोव से कथित तौर पर एपिफेनी डुबकी में राष्ट्रपति की भागीदारी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसकी पुष्टि की। प्रवक्ता ने बताया कि उन्होंने पुरानी परंपरा के अनुसार एपिफेनी को चिह्नित करने के लिए डुबकी लगाई है।

शुक्रवार 19 जनवरी को पुतिन के पानी में डुबकी लगाने का वीडियो उपलब्ध नहीं है। हालांकि 2018 में पुतिन के डुबकी लगाने का वीडियो टीवी पर प्रसारित किया गया था।  उन्हें उत्तर.पश्चिमी रूस में सेलिगर झील पर बर्फ में बने एक छेद के पास जाते देखा गया था। इसके बाद वह खुद को छेद से पार करते हुए डुबकी लगाने बर्फीले पानी में कूद गए थे।

पवित्र माना जाता है यह जल

रूढ़िवादी परंपरा के पालन में एपिफेनी सप्ताह के दौरान पुजारी द्वारा आशीर्वादित पानी को पवित्र माना जाता है। कहा जाता है कि इस पानी में काफी गुण होते हैं। रूस में 19 जनवरी को मनाया जाने वाला एपिफेनी प्रभु के बपतिस्मा का प्रतीक है।

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