बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सभी दलों ने प्रचार शुरू कर दिया है। प्रशांत किशोर काफी पहले से यहां जनसुराज यात्रा निकाल रहे हैं और लोगों के बीच जा रहे हैं। वहीं, इंडिया गठबंधन के लिए तेजस्वी यादव और राहुल गांधी ने भी वोटर बचाओ यात्रा शुरू कर दी है। बिहार में नीतीश कुमार की अगुआई वाली सरकार का कार्यकाल नवंबर में खत्म हो रहा है। ऐसे में बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की पूरी प्रक्रिया 22 नवंबर 2025 से पहले समाप्त होनी जरूरी है। यहां अक्टूबर-नवंबर के महीने में चुनाव होने हैं। आइए जानते हैं कि अलौली विधानसभा सीट के समीकरण क्या हैं। अलौली में पहले चरण में छह नवंबर को मतदान होना है।
बिहार के खगड़िया जिले में स्थित अलौली विधानसभा सीट दो चुनाव से आरजेडी के खाते में जाती रही है। हालांकि, यहां किसी एक दल का दबदबा नहीं है। 2015 में आरजेडी-जेडीयू गठबंधन और 2020 में बीजेपी-लोजपा विवाद के कारण यहां लालू यादव की पार्टी को जीत मिली है। इससे पहले लंबे समय तक यहां पशुपति पारस का दबदबा रहा है।
चिराग के परिवार का गढ़ रहा अलौली
अलौली विधानसभा सीट चिराग पासवान की पार्टी का गढ़ रही है। रामविलास पासवान ने 1969 में यहां से जी हासिल की थी। हालांकि, 1972 में उन्हें हार मिली और वह राष्ट्रीय राजनीति में शामिल हो गए। इसके बाद पशुपति पारस सात बार यहां से विधायक बने। उन्होंने लगातार छह बार इस सीट से जीत हासिल की। अब इस सीट पर आरजेडी ने भी अपनी पकड़ मजबूत की है। 1962 में बनी अलौली विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है। यह खगड़िया लोकसभा क्षेत्र के छह विधानसभा क्षेत्रों में से एक है।
कब किसे मिली जीत?
अलौली में कुल 15 विधानसभा चुनाव हुए हैं। शुरुआत में यहां कांग्रेस को जीत मिली। कांग्रेस ने यहां 1962, 1967, 1972 और 1980 में जीत दर्ज की। इसके बाद जनता दल, जनता दल (यूनाइटेड), राष्ट्रीय जनता दल और लोक जनशक्ति पार्टी ने दो-दो बार जीत दर्ज की। संयुक्त समाजवादी पार्टी, जनता पार्टी और लोक दल को एक-एक बार यहां से जीत मिली है। हालांकि, 2024 लोकसभा चुनाव में यहां से एनडीए उम्मीदवार को जीत मिली थी।
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