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तेजस्वी यादव ने किया था शराब कानून का उल्लंघन? BJP ने कहा- आरोपों की जांच कराई जाए

भारतीय जनता पार्टी ने RJD नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के ऊपर शराब के सेवन को लेकर लगाए गए गंभीर आरोपों के जांच की मांग की है।

Edited By: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Published : Feb 08, 2024 19:40 IST, Updated : Feb 08, 2024 19:40 IST
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Image Source : PTI FILE बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव।

पटना: BJP के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने हाल में अयोग्य ठहराए गए RJD के विधान परिषद सदस्य रामबली सिंह के इन आरोपों की जांच कराए जाने की मांग की है कि तेजस्वी यादव राज्य के कड़े मद्यनिषेध कानून का उल्लंघन कर ‘शराब का सेवन’ करते रहे हैं। हालांकि, पार्टी लाइन के खिलाफ काम करने के आरोप में दो दिन पहले अपनी विधान परिषद सदस्यता खोने वाले सिंह ने कहा कि BJP के वरिष्ठ नेता ने गपशप के दौरान उनके द्वारा कहे गए शब्द को संदर्भ से बाहर लिया, जिसे उनकी जानकारी के बिना कैमरे पर रिकॉर्ड किया गया।

‘मैंने बातचीत के दौरान तेजस्वी का नाम नहीं लिया’

सिंह ने दावा किया कि उन्होंने बातचीत के दौरान कभी भी RJD नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का नाम नहीं लिया। उन्होंने गुरुवार को कहा, 'मैंने कभी तेजस्वी यादव का नाम नहीं लिया। इस गपशप को मेरी जानकारी के बिना कैमरे में रिकॉर्ड किया गया। किसी ने मुझसे बातचीत के दौरान पूछा कि तेजस्वी यादव शराब पीते हैं या नहीं। इस पर मैंने कहा कि शराबबंदी कानून पूरी तरह विफल है और राज्य में जो लोग पहले शराब का सेवन कर रहे थे, वे प्रतिबंध के बाद भी शराब का सेवन कर रहे हैं।’ सिंह ने कहा कि सुशील मोदी जो भी दावा कर रहे हैं, वह बिलकुल सही नहीं है। 

बिहार में अप्रैल 2016 में लागू हुआ था शराब कानून

बता दें कि बिहार में अप्रैल 2016 में मद्यनिषेध कानून लागू किया गया था, जिसमें शराब के निर्माण, बिक्री और खपत पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। सुशील कुमार मोदी ने ‘X’ पर एक पोस्ट में कहा कि सिंह के इस दावे को लेकर जांच कराई जानी चाहिए कि जब तक तेजस्वी बिहार में सत्ता में रहे, तब तक उन्होंने शराब का सेवन किया। उन्होंने लिखा, ‘कानून तोड़ने का दोषी पाए जाने पर यादव (तेजस्वी) को इसकी सजा मिलनी चाहिए। रामबली सिंह ने कुछ सबूतों के आधार पर यह बयान दिया होगा, इसकी जांच होनी चाहिए।’ इसी तरह के विचार बीजेपी की बिहार इकाई के वरिष्ठ नेता निखिल आनंद ने भी व्यक्त किए और जांच की मांग की।

‘मद्यनिषेध का श्रेय तेजस्वी यादव को दिया जाना चाहिए’

वहीं, बीजेपी के नेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए RJD के वरिष्ठ नेता और पार्टी के प्रवक्ता (बिहार इकाई) मृत्युंजय तिवारी ने कहा, ‘BJP नेताओं के आरोप निराधार हैं। दरअसल, बिहार में मद्यनिषेध का श्रेय तेजस्वी यादव को दिया जाना चाहिए। चूंकि वे तेजस्वी यादव और RJD से डरे हुए हैं, इसलिए ऐसी हरकतें कर रहे हैं।’ बता दें कि बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने मंगलवार को राजद के उप मुख्य सचेतक सुनील कुमार सिंह की याचिका पर रामबली सिंह को सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित करने का आदेश दिया था।

रामबली सिंह ने कहा, फैसले को कोर्ट में चुनौती दूंगा

सुनील कुमार सिंह ने कहा, ‘सिंह को पार्टी नेता तेजस्वी यादव के खिलाफ आपत्तिजनक बयान जारी करके पार्टी लाइन के खिलाफ काम करने, जाति-आधारित सर्वेक्षण कराने के पूर्ववर्ती महागठबंधन सरकार के फैसले की आलोचना करने और अत्यंत पिछड़ी जातियों की सूची में तीन जातियों- तेली, तमोली तथा डांगी को शामिल करने के पूर्ववर्ती नीतीश सरकार के फैसले के खिलाफ अभियान शुरू करने के आरोप में विधान परिषद के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया।’ रामबली सिंह को जून 2020 में विधान परिषद सदस्य के रूप में चुना गया था और उनका कार्यकाल 2026 में समाप्त होना था। उन्होंने कहा कि वह फैसले को अदालत में चुनौती देंगे। (भाषा)

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