छत्तीसगढ़ में कोयला खदान से दो शव और बरामद, मृतकों की संख्या बढ़कर तीन हुई
छत्तीसगढ़ में कोयला खदान से दो शव और बरामद, मृतकों की संख्या बढ़कर तीन हुई
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में कोयला खदान में दबे तीन लोगों में से दो के शवों को शुक्रवार को बचाव दल ने बाहर निकाल लिया और एक अन्य को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
Edited By: Mangal Yadav @MangalyYadav Published : Feb 23, 2024 14:08 IST, Updated : Feb 23, 2024 14:11 IST
कोरबा: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में कोयला खदान में दबे तीन लोगों में से दो के शवों को शुक्रवार को बचाव दल ने बाहर निकाल लिया और एक अन्य को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस घटना में अब तक तीन लोगों की मौत हुई है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले के हरदी बाजार थाना क्षेत्र के अंतर्गत केटवाडबरी गांव के करीब दीपका क्षेत्र में स्थित साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) की बंद पड़ी खदान से कोयला निकाल रहे पांच लोग बृहस्पतिवार को खदान में मिट्टी के नीचे दब गए थे।
खदान में दब गए थे पांच लोग
पुलिस ने तब दो लोगों को बाहर निकाल लिया था और तीन अन्य की तलाश की जा रही थी। उन्होंने बताया कि इस घटना में पांच लोग अमित सरुता (17), लक्ष्मण मरकाम, शत्रुघ्न कश्यप(27), प्रदीप कुमार कमरो (18) और लक्ष्मण ओढ़े (17) मिट्टी में दब गए थे। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जानकारी मिलने पर आसपास के लोगों की मदद से बचाव अभियान शुरू किया गया। पुलिस ने अमित सरुता और लक्ष्मण मरकाम को बाहर निकाल लिया था तथा तीन अन्य को बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा था।
इलाज के दौरान हुई मौत
बृहस्पतिवार को बाहर निकाले गए दो लोगों में अमित की हालत स्थिर थी वहीं लक्ष्मण मरकाम गंभीर रूप से घायल था, बाद में लक्ष्मण मरकाम की इलाज के दौरान मौत हो गई। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि घटना के बाद एसईसीएल, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और पुलिस के संयुक्त दल ने तीन अन्य युवकों शत्रुघ्न कश्यप, प्रदीप कुमार कमरो और लक्ष्मण ओढ़े को बाहर निकालने का प्रयास शुरू किया था। उन्होंने बताया कि बचाव दल ने आज सुबह लक्ष्मण ओढ़े को घायल अवस्था में तथा प्रदीप कुमार कमरो और शत्रुघ्न कश्यप का शव बाहर निकाला।
कुछ का चल रहा इलाज
हरदी बाजार थाने के प्रभारी मृत्युंजय पांडेय ने बताया कि लक्ष्मण ओढ़े की हालत गंभीर है तथा उसका उपचार किया जा रहा है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। एसईसीएल के जनसंपर्क अधिकारी सनिष चंद्र ने बताया कि खदान पिछले दो वर्ष से बंद है। उस हिस्से से कोयले का अवैध उत्खनन किया जा रहा था। चंद्र ने बताया कि एसईसीएल प्रबंधन समय समय पर आसपास के लोगों को खदान क्षेत्र में नहीं जाने के लिए सतर्क करती है, फिर भी ग्रामीण कोयले का उत्खनन करते हैं।
इनपुट- भाषा
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