Sunday, April 28, 2024
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एक ऐसा रेलवे स्टेशन, जहां भूतों का था बसेरा! 42 सालों तक रहा बंद

आपको जानकर हैरानी होगी के एक रेलवे स्टेशन पर भूत होने के दावे किए जाते थे, कई सालों तक इस रेलवे स्टेशन को बंद कर दिया गया था। आज हम आपको इसी रेलवे स्टेशन के बारे में बताएंगे।

IndiaTV Hindi Desk Edited By: IndiaTV Hindi Desk
Published on: July 05, 2023 19:59 IST
प्रतीकात्मक फोटो- India TV Hindi
Image Source : FILE प्रतीकात्मक फोटो

Indian Railway: भारतीय रेलवे को हमारे देश की लाइफलाइन कहा जाता है। लाखों लोग प्रतिदिन इससे सफर करते हैं। एसे में बहुत भारी संख्या में लोगों को रेलवे स्टेशन पर देखा जा सकता है, जो कहीं न कहीं जाने के लिए वहां अपनी रेल का इंतजार कर रहे होते हैं या फिर कहीं से आ रहे होते हैं। लेकिन आपने कभी ऐसा सुना है कि कोई रेलवे स्टेशन सालों तक बंद कर दिया गया हो। हम सभी ने अपने बचपन में बुजुर्गों के मुख से भूत-प्रेत, चुड़ैलों के किस्से कहानी तो सुने ही हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी के एक रेलवे स्टेशन पर भूत होने के दावे किए जाते थे, हालांकि कभी ऐसा कुछ साबित तो नहीं हुआ कि भूत था या है। लेकिन ऐसे दावों के बीच कई सालों तक इस रेलवे स्टेशन को बंद कर दिया गया था। आज हम आपको इसी रेलवे स्टेशन के बारे में बताएंगे। 

ये है पूरी कहानी

भूतों के होने का जिस रेलवे स्टेशन पर किया गया था, इसका नाम बेगुनकोडोर रेलवे स्टेशन (Begunkodor Railway Station) है। ये रलवे स्टेशन पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में स्थित है। इसको साल 1960 में चालू किया गया था। खुलने के बाद कुछ सालों तक सबकुछ ठीक चला। रिपोर्ट्स के अनुसार, इसके बाद 1967 में  एक रेलवे कर्मचारी ने स्टेशन पर एक महिला का भूत देखने का दावा किया। उसकी इस बात को इतनी तवज्जो तब नहीं मिली और अनदेखा किया गया। लेकिन इस रेलवे स्टेशन पर चुड़ैल की अफवाह पर लोग ज्यादा भरोसा तब करने लगे जब संदिग्ध हालात में स्टेशन मास्टर और उसके परिवार की मौत हो गई। इसके बाद से कोई भी रेलवे कर्मचारी यहां काम करने के लिए राजी नहीं हुआ और स्टेशन को बंद करना पड़ा। 

सांकेतिक फोटो

Image Source : FILE
सांकेतिक फोटो

42 सालों तक बंद रहा थी स्टेशन 
रिपोर्ट्स के मुताबिक वहां रहने वाले लोगों का दावा था कि इन मौतों में उसी चुड़ैल का हाथ था। इस घटना के बाद लोग इस तरह से डरने लगे कि सुरज ढलने के बाद यहां कोई रुकना नहीं चाहता था। इसके बाद बेगुनकोडोर को भूतिया रेलवे स्टेशन कहा जाने लगा। स्टेशन पर आने से लोग इस कदर डरने लगे कि 42 साल तक स्टेशन बंद कर दिया गया। यानी 42 सालों तक यहां एक भी ट्रेन नहीं रुकी। ट्रेन यहां से गुजरती जरूर थी, मगर जैसे ही बेगुनकोडोर स्टेशन आता था उसकी स्पीड बढ़ा दी जाती थी। हालांकि, साल 2009 में तत्कालीन रेल मंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर इस स्टेशन को खुलवाया। लेकिन अभी भी इस स्टेशन पर लोग शाम ढलने के बाद रूकते नहीं हैं।  

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