Friday, December 12, 2025
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9 साल की उम्र में कंपोज किया पहला गाना, इस तरह बने थे सुरों के सरताज, जानें 'पंचम दा' से जुड़े अनोखे किस्से

दिग्गज संगीतकार एसडी बर्मन के बेटे आरडी बर्मन ने अपनी गायन शैली से भारतीय संगीत को बदल दिया। आज उनका 86 बर्थ एनिवर्सरी है। लोग उन्हें प्यार से पंचम दा कहकर बुलाते थे।

Written By: Himanshi Tiwari @Himanshi200124
Published : Jun 27, 2025 06:00 am IST, Updated : Jun 27, 2025 06:00 am IST
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Image Source : INSTAGRAM आरडी बर्मन

राहुल देव बर्मन की 27 जून को 86वीं जयंती मनाई जा रही है, जिन्हें पंचम दा के नाम से याद किया जाता है। वह एक ऐसे व्यक्ति है, जिन्होंने हिंदी सिनेमा को गायकी के महत्व से परिचत कराया था। म्यूजिक इंडस्ट्री में एक्सपेरिमेंट करने के लिए मशहूर बर्मन का करियर बुलंदियों और दर्दनाक गुमनामी के बीच झूलता रहा, फिर भी उनका संगीत पीढ़ियों तक गूंजता रहा। चार दशक से गायक और म्यूजिक कंपोजर के गानों की धुन हमारे दिलों-दिमाग में बसी हुई है। उनके गाने हर पीढ़ी के प्रशंसक पसंद करते हैं। प्रसिद्ध संगीतकार एसडी बर्मन ने कम उम्र में ही संगीत की शिक्षा शुरू कर दी थी। 60 से लेकर 80 के दशक तक कई सुपरहिट गीत रचने वाले आर डी बर्मन को पंचम दा के नाम से जानना जाता है।

आर डी बर्मन का पहला गाना

राहुल देव बर्मन ने अपनी शुरुआत पढ़ाई बंगाल से की थी। उन्होंने महज नौ साल की उम्र में पहला गाना 'ऐ मेरी टोपी पलट के आ' बनाया था। इस गाने को इनके पिता सचिन देव बर्मन ने 1956 में बनी फिल्म 'फंटूश' में इस्तेमाल किया। खास बात यह है कि 'सर जो तेरा चकराए या दिल डूबा जाए' गाने की धुन भी आर डी बर्मन ने बचपन में ही तैयार कर ली थी जिसे इनके पिता ने 1957 में गुरुदत्त की फिल्म 'प्यासा' में प्रयोग किया। आर डी बर्मन को संगीतकार के रूप में पहला मौका 1959 में निरंजन नाम के निर्देशक की फिल्म 'राज' से मिला। हालांकि, यह फिल्म किसी वजह से पूरी रिलीज नहीं हो पाई। फेमस कॉमेडियन महमूद 1961 में बनी फिल्म 'छोटे नवाब' में एस डी बर्मन को बतौर संगीतकार लेना चाह रहे थे, लेकिन उन्होंने यह ऑपर छुकरा दिया। इसके बाद महमूद की नजर बगल में तबला बजा रहे राहुल पर पड़ी और उन्होंने इस फिल्म के लिए राहुल देव बर्मन को बतौर संगीतकार साइन कर लिया। 1965 में रिलीज हुई 'भूत बंगला' में पंचम दा ने एक छोटा सा रोल भी किया।

पंचम दा की शादीशुदा जिंदगी

शोले, यादों की बारात, मिली, सनम तेरी कसम, मासूम, कारवां, खेल खेल में और बुड्ढा मिल गया जैसी सुपरहिट फिल्मों मे संगीत देने वाले पंचम दा इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं। उनका 4 जनवरी 1994 को निधन हो गया। आर डी बर्मन का नाम राहुल देव से पंचम के पीछे कई मजेदार कहानियां है। उनका पहले उपनाम 'तबलू' था जो उनकी नानी ने रखा था। आर डी बर्मन के निजी जिंदगी की बात करें तो 1971 में पंचम दा ने अपनी पहली पत्नी रीता पटेल को तलाक दे दिया और 1980 गायिका आशा भोसले से शादी की। आर डी बर्मन आशा से 6 साल छोटे थे। हालांकि, ये जोड़ा भी अलग हो गया।

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