दिल्ली की ठंड को लेकर एक गाना काफी फेमस रहा, दिल्ली की सर्दी जैसी शायद लाइनें थीं। इस साल नवंबर 2025 में वैश्विक तापमान ने एक अलग ही कहानी बयां की, जो थी रिकॉर्ड तोड़ गर्मी। अब तक के सबसे गर्म नवंबर 2023 से 0.20°C कम और नवंबर 2024 से 0.08°C कम था, फिर भी यह रिकॉर्ड में दर्ज सबसे गर्म महीनों में शुमार रहा। वहीं, अब दिसंबर का एक तिहाई हिस्सा बीत चुका है, लेकिन दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में अभी तक भीषण ठंड नहीं आई है।
कड़ाके की ठंड के लिए कीजिए इंतजार
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, बुधवार से गुरुवार सुबह (8:30 बजे) के बीच लोधी रोड पर अधिकतम तापमान 25.4 डिग्री सेल्सियस रहा, जो औसत से 2.4 डिग्री सेल्सियस अधिक है। न्यूनतम तापमान भी 8.6 डिग्री सेल्सियस रहा, जो औसत से 0.6 डिग्री सेल्सियस अधिक है। दरअसल, पश्चिमी मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में पिछले छह दिनों से शीतलहर का प्रकोप जारी है, लेकिन दिल्ली-एनसीआर में कड़ाके की ठंड का अनुभव करने के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा।
मौसम विभाग ने बताई ये वजह
दिल्ली-एनसीआर में इस महीने सामान्य से अधिक तापमान का यह रुझान जारी है और अगले सप्ताह भी इसके जारी रहने का अनुमान है। भारतीय मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. नरेश कुमार ने बताया, "ठंड में वृद्धि पश्चिमी विक्षोभ पर निर्भर करती है, क्योंकि ये दिल्ली और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में शुष्क, ठंडी उत्तर-पश्चिमी हवाएं लाते हैं। इस मौसम में अब तक कोई सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ नहीं रहा है, यही कारण है कि दिल्ली-एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में अभी तक शीत लहर दर्ज नहीं की गई है।"
आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, 13 दिसंबर को पश्चिमी विक्षोभ आने की संभावना है, लेकिन यह कमजोर रहेगा। इससे केवल जम्मू और कश्मीर के कुछ हिस्सों में ही बारिश होने की उम्मीद है। डॉ. नरेश कुमार का अनुमान है कि अगले सप्ताह दिल्ली में न्यूनतम तापमान 2-4 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है, जिससे मौसम और भी सुहावना हो जाएगा। रात का न्यूनतम तापमान 9-10 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की उम्मीद है।
कई राज्यों में पड़ रही शीतलहर
मौसम विभाग ने गुरुवार को अपनी नवीनतम रिपोर्ट में बताया कि पिछले 24 घंटों में जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फरबाद के कई स्थानों पर न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहा। पश्चिमी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के कुछ स्थानों पर शीतलहर से लेकर भीषण शीतलहर की स्थिति बनी रही। पंजाब, विदर्भ, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक और तेलंगाना के कुछ स्थानों पर भी शीतलहर का प्रकोप रहा।