Wednesday, April 24, 2024
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'रामायण' बनाने के लिए रामानंद सागर को पहले बनाना पड़ा 'विक्रम बेताल', एक जैसी थी स्टार कास्ट

जनता की मांग पर दूरदर्शन पर एक बार फिर से रामायण प्रसारित किया जा रहा है।

India TV Entertainment Desk Written by: India TV Entertainment Desk
Updated on: April 22, 2020 19:30 IST
Ramayan Doordarshan- India TV Hindi
Image Source : TWITTER रामानंद सागर ने विक्रम बेताल के बाद बनाई थी रामायण

गुजरे जमाने का लोकप्रिय धारावाहिक रामायण एक बार फिर दूरदर्शन पर प्रसारित किया जा रहा है। कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन के दौरान जनता ने इस शो को दिखाने की मांग की थी। जबसे ये सीरियल दोबारा शुरू हुआ है, तभी से ही सुर्खियों में है। बताया जा रहा है कि अगर रामानंद सागर ने 'विक्रम बेताल' धारावाहिक नहीं बनाया होता, तो हम रामायण नहीं देख पाते।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रामानंद सागर उन दिनों फिल्में बनाते थे और इंडस्ट्री का जाना-माना नाम थे, लेकिन उन्होंने अचानक टीवी पर आने का फैसला किया। वे रामायण, दुर्गा और कृष्णा नाम से तीन सीरियल बनाना चाहते थे, लेकिन उस वक्त लोगों को लगा कि मुकुट और मूंछ वाला कॉन्सेप्ट नहीं चलेगा। इसी वजह से कोई फाइनेंसर उनके साथ काम करने को राजी नहीं हुआ।

विक्रम बेताल सीरियल हुआ था हिट

फिर रामानंद सागर ने विक्रम बेताल सीरियल बनाया, जो खूब हिट हुआ। इसके बाद लोगों को उनके कॉन्सेप्ट पर भरोसा होने लगा और रामायण के लिए फाइनेंसर मिलना शुरू हो गए।

एक एपिसोड को बनाने में लगे थे 9 लाख रुपये

प्रेम सागर ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि उस जमाने में विक्रम बेताल के एक एपिसोड को बनाने में 1 लाख रुपये की लागत आती थी। जब रामायण की शूटिंग शुरू हुई तो उसके एक एपिसोड के लिए 9 लाख रुपये की जरूरत पड़ी। हालांकि, रामानंद सागर ने सीरियल बनाया, जिसने इतिहास रच दिया। 

रामायण के किरदारों का विक्रम बेताल में लिया गया था टेस्ट

द कपिल शर्मा शो में प्रेम सागर ने ये भी बताया था कि 'रामायण' जैसा सीरियल चलेगा या नहीं, इसके लिए सभी कलाकारों को पहले एक ही सीरियल में कास्ट करके देखा गया था। ये बात खुद रामायण के किरदार नहीं जानते थे कि विक्रम बेताल में उनका टेस्ट लिया जा रहा है। 

78 एपिसोड हुए थे प्रसारित

'रामायण' का लेखन से लेकर निर्देशन रामानंद सागर ने किया था। इसलिए इस टीवी सीरीज को 'रामानंद रामायण' भी कहा जाता है। कुल 78 एपिसोड वाले इस धारावाहिक का देश मे पहली बार मूल प्रसारण 25 जनवरी, 1987 से लेकर 31 जुलाई, 1988 तक हुआ था। इस दौरान हर रविवार को सुबह साढ़े नौ बजे यह धारावाहिक टीवी पर आता था।

प्रसारण के वक्त मानो ठहर जाता था देश

तुलसीदास के 'रामचरित मानस' पर आधारित इस धारावाहिक का जब पहली बार देश में प्रसारण होना शुरू हुआ तो इसके प्रसारण के समय मानो देश ठहर जाता था। लोग कामकाज छोड़कर सुबह साढ़े नौ बजे ही टीवी से चिपक जाते थे। हालांकि उस वक्त बहुत कम घरों में टेलीविजन थे, तो जिनक घर सुविधा होती थी वहां पड़ोसियों की भीड़ उमड़ पड़ती थी।

लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है रामायण

1987 से 1988 तक चले प्रसारण के दौरान 'रामायण' देश ही नहीं दुनिया में सबसे अधिक देखा जाने वाला धारावाहिक बन गया था। जून 2003 तक लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्डस में यह विश्व के सर्वाधिक देखे जाने वाले पौराणिक धारावाहिक के रूप में दर्ज रहा।

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