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दिल्ली में बीती रात बहुत से लोगों ने दिवाली पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से निर्धारित समयसीमा से ज्यादा समय तक पटाखे चलाए जिसकी वजह से मंगलवार सुबह आसमान में धुंध छाई रही, दृश्यता कम हो गई और वायु गुणवत्ता 'रेड जोन' में रही।
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दिल्ली में ज़्यादातर निगरानी केंद्रों ने प्रदूषण का स्तर 'रेड ज़ोन' में दर्ज किया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण ब्यूरो (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) सुबह आठ बजे 352 दर्ज किया गया, जो 'बेहद खराब' श्रेणी में आता है।
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दिल्ली के 10 इलाके में सबसे ज्यादा प्रदूषण का स्तर दर्ज किया गया। बवाना में सबसे ज्यादा AQI 427 दर्ज किया गया। जोकि गंभीर श्रेणी में आता है। वहीं, वज़ीरपुर और अलीपुर में AQI 408 और जहांगीरपुरी में AQI 407 और बुराड़ी क्रॉसिंग में 402 दर्ज किया गया। जोकि गंभीर श्रेणी में आता है।
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वहीं, शादीपुर 399, अशोक विहार 391 और पंजाबी बाग में AQI 376 दर्ज किया गया। जोकि बहुत खराब श्रेणी में आता है।
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सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली पर दिल्ली-एनसीआर में रात आठ बजे से 10 बजे के बीच ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल की अनुमति दी थी। हालांकि, कई लोगों ने अदालत के निर्देशों का उल्लंघन किया और देर रात तक पटाखे जलाए।
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दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ने से लोगों की आंखों में जलन हो रही है और सांस लेने में दिक्कत महसूस हो रही है।
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सीपीसीबी के प्रति घंटे के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली का एक्यूआई रात 12 बजे 349 और एक बजे 348 था। सोमवार को राजधानी के 38 निगरानी केंद्रों में से 36 ने प्रदूषण का स्तर 'रेड जोन' में दर्ज किया, भारी प्रदूषण के कारण दिल्ली में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' से 'गंभीर' स्तर पर पहुंच गई।
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दिल्ली का 24 घंटे का औसत एक्यूआई सोमवार को 345 (बेहद खराब श्रेणी) था। मंगलवार और बुधवार को वायु गुणवत्ता के और भी व्यापक रूप से 'गंभीर' श्रेणी में पहुंचने की आशंका है।
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बता दें कि दिवाली बाद और सर्दियों की शुरुआत के साथ दिल्ली में हर साल ज़हरीली हवा और प्रदूषण में तेज़ वृद्धि देखी जाती है। प्रदूषण पराली जलाने और पटाखे जलाने के कारण और बढ़ जाता है।