Wednesday, December 17, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. गैलरी
  3. धर्म
  4. 30 दिन के अंदर भाग्य चमका सकता है ये रत्न, गुरु की राशियों धनु और मीन को सबसे ज्यादा करता है सूट

30 दिन के अंदर भाग्य चमका सकता है ये रत्न, गुरु की राशियों धनु और मीन को सबसे ज्यादा करता है सूट

Arti Azad Written By: Arti Azad @Azadkeekalamse Published : Dec 17, 2025 12:45 pm IST, Updated : Dec 17, 2025 12:45 pm IST
  • ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, रत्नों का जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। सही रत्न, सही विधि से धारण किया जाए तो यह ग्रहों की अशुभता को कम कर सकता है। ऐसा ही एक प्रभावशाली रत्न है पुखराज, जिसे गुरु ग्रह का रत्न कहा जाता है। मान्यता है कि इसे पहनने से 1 महीने के भीतर भाग्य और सफलता के रास्ते खुलने लगते हैं। खासतौर पर गुरु की राशियों धनु और मीन के लिए यह बेहद लाभकारी माना जाता है।
    Image Source : india tv
    ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, रत्नों का जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। सही रत्न, सही विधि से धारण किया जाए तो यह ग्रहों की अशुभता को कम कर सकता है। ऐसा ही एक प्रभावशाली रत्न है पुखराज, जिसे गुरु ग्रह का रत्न कहा जाता है। मान्यता है कि इसे पहनने से 1 महीने के भीतर भाग्य और सफलता के रास्ते खुलने लगते हैं। खासतौर पर गुरु की राशियों धनु और मीन के लिए यह बेहद लाभकारी माना जाता है।
  • कुंडली में जब कोई ग्रह कमजोर होता है तो उसका असर धन, करियर, रिश्तों और सेहत पर साफ दिखाई देता है। ऐसे में सही रत्न पहनकर ग्रहों की स्थिति को मजबूत किया जा सकता है। पुखराज ऐसा ही एक प्रभावशाली रत्न है, जो गुरु ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है और पहनते ही सकारात्मक बदलाव लाता है। यह पीले रंग के अलग-अलग शेड्स में मिलता है जैसे हल्के नींबू जैसे पीले से लेकर गहरे सुनहरे पीले तक।
    Image Source : india tv
    कुंडली में जब कोई ग्रह कमजोर होता है तो उसका असर धन, करियर, रिश्तों और सेहत पर साफ दिखाई देता है। ऐसे में सही रत्न पहनकर ग्रहों की स्थिति को मजबूत किया जा सकता है। पुखराज ऐसा ही एक प्रभावशाली रत्न है, जो गुरु ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है और पहनते ही सकारात्मक बदलाव लाता है। यह पीले रंग के अलग-अलग शेड्स में मिलता है जैसे हल्के नींबू जैसे पीले से लेकर गहरे सुनहरे पीले तक।
  • पुखराज गुरु ग्रह को मजबूत करता है। कुंडली में गुरु के मजबूत होने से व्यक्ति को मान-सम्मान और कार्यों में सफलता मिलने लगती है। गुरु ग्रह भाग्य, ज्ञान और समृद्धि का कारक है। इसकी शुभता से जीवन में स्थिरता आती है। मान्यता है कि पुखराज पहनने के करीब 30 दिनों में ही इसके अच्छे परिणाम दिखने लगते हैं और आर्थिक स्थिति में तेजी से सुधारती है।
    Image Source : india tv
    पुखराज गुरु ग्रह को मजबूत करता है। कुंडली में गुरु के मजबूत होने से व्यक्ति को मान-सम्मान और कार्यों में सफलता मिलने लगती है। गुरु ग्रह भाग्य, ज्ञान और समृद्धि का कारक है। इसकी शुभता से जीवन में स्थिरता आती है। मान्यता है कि पुखराज पहनने के करीब 30 दिनों में ही इसके अच्छे परिणाम दिखने लगते हैं और आर्थिक स्थिति में तेजी से सुधारती है।
  • कुछ राशियों के लिए पुखराज बेहद लाभकारी माना गया है। मेष, सिंह, कर्क, वृश्चिक, धनु और मीन राशि के लोग इसे धारण कर सकते हैं। इससे उन्हें नाम-यश, धन और करियर में उन्नति मिलती है। खासतौर पर धनु और मीन राशि, जो स्वयं गुरु की राशियां हैं, उनके लिए पुखराज किसी वरदान से कम नहीं है। इन राशियों के लोगों को यह रत्न अपार धन-वैभव और भाग्य का साथ दिलाता है।
    Image Source : india tv
    कुछ राशियों के लिए पुखराज बेहद लाभकारी माना गया है। मेष, सिंह, कर्क, वृश्चिक, धनु और मीन राशि के लोग इसे धारण कर सकते हैं। इससे उन्हें नाम-यश, धन और करियर में उन्नति मिलती है। खासतौर पर धनु और मीन राशि, जो स्वयं गुरु की राशियां हैं, उनके लिए पुखराज किसी वरदान से कम नहीं है। इन राशियों के लोगों को यह रत्न अपार धन-वैभव और भाग्य का साथ दिलाता है।
  • जिन लोगों की शादी में बार-बार अड़चन आ रही हो या विवाह में देरी हो रही हो, उनके लिए भी पुखराज लाभकारी माना जाता है। गुरु ग्रह विवाह और वैवाहिक सुख से भी जुड़ा होने का कारणए इस रत्न को पहनने से विवाह संबंधी समस्याओं में भी सुधार देखा जाता है। पुरुषों को इसे दाएं हाथ की तर्जनी (Index Finger) में और महिलाएं किसी भी हाथ की तर्जनी में पहन सकती हैं।
    Image Source : india tv
    जिन लोगों की शादी में बार-बार अड़चन आ रही हो या विवाह में देरी हो रही हो, उनके लिए भी पुखराज लाभकारी माना जाता है। गुरु ग्रह विवाह और वैवाहिक सुख से भी जुड़ा होने का कारणए इस रत्न को पहनने से विवाह संबंधी समस्याओं में भी सुधार देखा जाता है। पुरुषों को इसे दाएं हाथ की तर्जनी (Index Finger) में और महिलाएं किसी भी हाथ की तर्जनी में पहन सकती हैं।
  • पुखराज पहनने की सही विधि भी बेहद जरूरी है। इसे सोने या चांदी की अंगूठी में जड़वाकर पहनना शुभ माना जाता है।  इसे गुरुवार, शुक्ल पक्ष, पुष्य, पुनर्वसु या विशाखा नक्षत्र में सुबह 6-8 बजे के बीच स्नान करके धारण करना सबसे उत्तम रहता है। गंगाजल, कच्चे दूध और तुलसी के पत्तों के जल में 30 मिनट तक रखें। फिर 'ॐ बृं बृहस्पतये नमः' मंत्र का 108 बार जाप कर पुखराज को धारण करें।
    Image Source : india tv
    पुखराज पहनने की सही विधि भी बेहद जरूरी है। इसे सोने या चांदी की अंगूठी में जड़वाकर पहनना शुभ माना जाता है। इसे गुरुवार, शुक्ल पक्ष, पुष्य, पुनर्वसु या विशाखा नक्षत्र में सुबह 6-8 बजे के बीच स्नान करके धारण करना सबसे उत्तम रहता है। गंगाजल, कच्चे दूध और तुलसी के पत्तों के जल में 30 मिनट तक रखें। फिर 'ॐ बृं बृहस्पतये नमः' मंत्र का 108 बार जाप कर पुखराज को धारण करें।
  • ध्यान रखने वाली एक अहम बात यह है कि पुखराज को कभी भी पन्ना, नीलम, हीरा, गोमेद या लहसुनिया जैसे रत्नों के साथ नहीं पहनना चाहिए। इससे पुखराज शुभ की जगह नकारात्मक प्रभाव देने लग सकता है। आप न्यूनतम वजन 3.25 रत्ती तक का रत्न पहन सकते हैं। हालांकि, 5 या 7 रत्ती (4-5 कैरेट) का पुखराज पहनना शुभ माना जाता है, लेकिन सही वजन जानने के लिए किसी ज्योतिषी से सलाह लेना ज्यादा बेहतर है।
    Image Source : Freepik
    ध्यान रखने वाली एक अहम बात यह है कि पुखराज को कभी भी पन्ना, नीलम, हीरा, गोमेद या लहसुनिया जैसे रत्नों के साथ नहीं पहनना चाहिए। इससे पुखराज शुभ की जगह नकारात्मक प्रभाव देने लग सकता है। आप न्यूनतम वजन 3.25 रत्ती तक का रत्न पहन सकते हैं। हालांकि, 5 या 7 रत्ती (4-5 कैरेट) का पुखराज पहनना शुभ माना जाता है, लेकिन सही वजन जानने के लिए किसी ज्योतिषी से सलाह लेना ज्यादा बेहतर है।