क्रिकेट के खेल में खिलाड़ी को उसके नेतृत्व के कौशल के साथ-साथ कई बार उसकी परफॉर्मेंस को देख कर भी टीम की कमान सौंप दी जाती है। मगर कई खिलाड़ी ऐसे होते हैं जो लंबे समय तक टीम के साथ तो बने रहते हैं, लेकिन उन्हें एक भी मैच में कप्तानी करने का मौका नहीं मिलता। आज हम आपको टेस्ट क्रिकेट के कुछ ऐसे ही खिलाड़ियों के नाम बताने जा रहे हैं।
मुथैया मुरलीधरन
टेस्ट क्रिकेट में सबसे अधिक 800 विकेट चटकाने वाले श्रीलंका के इस पूर्व स्पिनर ने कुल 133 टेस्ट मैच खेले हैं। अपनी जादुई स्पिन से मुरलीधरन ने लगभग दो दशक तक टेस्ट क्रिकेट में राज किया है, लेकिन कभी भी उन्हें कप्तानी करने का मौका नहीं मिला।
वीवीएस लक्ष्मण
भारतीय टेस्ट टीम के पूर्व मिडल ऑडर बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण भी इस सूची में शामिल है। लक्ष्मण ने भारत के लिए कुल 134 टेस्ट मैच खेले हैं, लेकिन उन्हें भी कभी कप्तानी करने का मौका नहीं मिला। लक्ष्मण के नाम टेस्ट क्रिकेट में 8781 रन दर्ज है। इस दौरान उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 281 का रहा है।
स्टूअर्ट ब्रॉड
इंग्लैंड के इस तेज गेंदबाज ने बिना कप्तानी किए अपनी टीम के लिए 138 टेस्ट मैच खेले हैं। इस दौरान ब्रॉड ने 485 विकेट चटकाए हैं। टेस्ट क्रिकेट में इस गेंदबाज ने अपने बल्ले से भी कमाल दिखाया है। उन्होंने इस फॉर्मेट में 3200 से अधिक रन बनाए हैं और उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 169 का रहा है।
शेन वॉर्न
ऑस्ट्रेलिया के इस धाकड़ पूर्व लेग स्पिनर ने टेस्ट क्रिकेट में 138 मैच खेलते हुए 708 विकेट लिए हैं। वॉर्न मुरलीधरन के बाद टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। लेकिन बाकी खिलाड़ियों की तरह इन्हें भी कप्तानी करने का कभी मौका नहीं मिला।
जेम्स एंडरसन
टेस्ट क्रिकेट में बतौर तेज गेंदबाज सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले जेम्स एंडरसन को भी कभी इस फॉर्मेट में कप्तानी करने का मौका नहीं मिला है। एंडरसन अभी तक इंग्लैंड के लिए 152 मैच खेल चुके हैं। इस दौरान उन्होंने 587 विकेट झटके हैं।
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