Saturday, April 27, 2024
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वडोदरा नाव हादसाः 'बेटी मर गई, किसे जिम्मेदार ठहराऊं', अभिभावकों ने बयां किया दर्द, चश्मदीद ने बताया किस तरह मची थी चीख-पुकार

Vadodara Boat Overturned: गुजरात में नाव हादसे के बाद स्कूल के लोगों ने अभिभावकों को जानकारी देने में भी झूठ बोला। किसी को कहा कि बच्चे की तबीयत खराब है तो किसी को कुछ और कहा।

Mangal Yadav Written By: Mangal Yadav @MangalyYadav
Updated on: January 19, 2024 8:10 IST
वडोदरा नाव हादसा- India TV Hindi
Image Source : PTI वडोदरा नाव हादसा

गुजरात में वडोदरा के बाहरी इलाके में हरनी झील में नाव पलटने से 14 बच्चों और 2 टीचर्स की मौत के बाद परिवार में मातम पसरा है। बच्चों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। सूचना के बाद घटनास्थल पर पहुंचे बच्चों के परिजनों ने अपना दर्द बयां किया है। एक अभिभावक ने कहा कि मैं अपने बेटे को स्कूल टीचर का फोन आने के बाद लेने के लिए यहां आया था कि उसकी तबीयत ठीक नहीं है। हालांकि, पता था कि वह नाव पर सवारी करने गया है। शुक्र है, नाव पलटते ही कुछ लोगों ने उसे बचा लिया। 

 मैं किसे जिम्मेदार ठहराऊं, बेटी तो बची नहीं

वहीं, एक अभिभावक अस्पताल में बैठकर सिसक रहा था। रोते हुए उसने कहा कि मेरी बेटी नाव की सवारी करने गई थी। वह घर से यह कहकर गई थी कि वह स्कूल वालों के साथ पिकनिक मनाने जा रही है। झील में डूबने से वह मर गई है और मैं उसका शव लेने यहां आया हूं। इस त्रासदी के लिए मैं किसे जिम्मेदार ठहराऊं। मैं भाग्यशाली नहीं हूं, मेरी बेटी जिंदा नहीं बच पाई।

चश्मदीद ने बताया घटना के दौरान किस तरह मची थी चीख-पुकार

चश्मदीद मुकेश खावडू ने कहा कि घटना के समय मैं हरनी झील के पास अपनी दुकान पर बैठा था। जब मैंने मदद के लिए एक शिक्षक की चीख सुनी, तो मैं तुरंत पानी में कूद गया क्योंकि मैं तैरना जानता हूं। मैंने पलटी हुई नाव से चार बच्चों को बचाया। 

झील में डूबे लोगों को बचाने के लिए जनता के साथ-साथ एनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड और एम्बुलेंस के कर्मचारी भी थे। कलेक्टर एबी गोर सहित वरिष्ठ अधिकारी बचाव अभियान की निगरानी कर रहे थे। 

नाव में क्षमता से अधिक लोग बैठे थे

 वहीं, गुजरात के शिक्षा मंत्री कुबेर डिंडोर ने कहा कि जब उन्हें पता चला कि नाव में निर्धारित संख्या से अधिक लोग सवार थे तो जांच के आदेश दे दिए गए हैं। डिंडोर ने कहा कि मुझे यह भी पता चला है कि दुर्घटना के समय छात्रों ने लाइफ जैकेट नहीं पहन रखी थी। हम  इन गलतियों के लिए दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। अधिकारियों ने कहा कि प्रारंभिक जांच में यह भी पता चला है कि जिस नाव को गंदे पानी से निकाला गया था। उसमें केवल 14 लोग ही बैठ सकते थे लेकिन 23 बच्चों समेत 30 से ज्यादा लोग सवार थे। बता दें कि नाव हादसे में 16 लोगों की मौत हो गई जबकि 4 अभी भी लापता हैं।
 

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